ब्यूरोः मंगलवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में एक तत्काल आवेदन दायर किया, जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए नियमों के कार्यान्वयन को रोकने की मांग की गई। यह याचिका केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम या सीएए के लिए नियम जारी करने के एक दिन बाद आई है।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि विवादित कानून और विनियमों पर रोक लगाई जाए और इस कानून के लाभ से वंचित मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए। मीडिया में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने बताया कि अपनी याचिका में मुस्लिम निकाय का तर्क है कि सीएए असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण है और ये खासकर मुसलमानों के खिलाफ है।
गृह मंत्रालय ने शुरू की वेबसाइट
गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल https:// Indiancitizenshiponline.nic.in शुरू किया है। इस पर धार्मिक आधार पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित लोग भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें छह अल्पसंख्यक समुदाय, जिसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के लोग आवेदन कर सकते हैं।
सीएए का पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ सीएए के तहत नागरिकता देना शुरू करने के सरकार के फैसले ने अधिनियम को लेकर विवाद फिर से शुरू कर दिया है। 11 दिसंबर 2019 को संसद द्वारा पारित सीएए का पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में दिल्ली शामिल है, जहां खासकर जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहीन बाग इलाके में महीनों तक प्रदर्शन जारी रह ।