हरिद्वार5 मिनट पहले
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हमारी संस्कृति महान है, यह प्रकृति की पूजा करने के लिए एक संदेश है। हम प्रकृति के सभी अंगों की पूजा करते हैं। पृथ्वी, एम्बर, अग्नि, जलवायु, निहारिका, नक्षत्र, सूर्य, चंद्र, जो कुछ भी दिखाई देता है, प्रकृति का सभी हिस्सा है और प्रकृति का हर हिस्सा श्रद्धेय है। हमें अपने बच्चों को प्रकृति का सम्मान करने के लिए सिखाना चाहिए। हम खुद भी सीख सकते हैं कि पृथ्वी ने हमें बहुत कुछ दिया है, प्रकृति को झुकें। हम पानी को देवता मानते हैं, भोजन का सम्मान करते हैं, पेड़ों की रक्षा करते हैं।
आज, जनी जुनापतिधृष्म आचार्य महामंदलेश्वर स्वामी अवधेशनंद जी गिरी को पता है कि विचारों को कैसे बदलना है?
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