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भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी करीब 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा को 2 साल (11वीं व 12वीं कक्षा में) पढ़ाने वाले टीचरों से दैनिक भास्कर एप ने बातचीत की। इस दौरान टीचरों का कहना था कि उन्हें भी मनीषा के सुसाइड करने की बात हजम नहीं हो रही। कभी ऐसा लगा ही नहीं कि मनीषा सुसाइड भी कर सकती है। हालांकि इस मामले की जांच होनी चाहिए और सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। क्योंकि मनीषा एक आइडियल स्टूडेंट थी। जो हमेशा पॉजिटिव रहती और कभी परेशान भी नहीं दिखी। पढ़ाई पर पूरा फोकस था और मेडिकल लाइन में भविष्य को देखते हुए 12वीं साइंस संकाय में 402 अंक हासिल किए थे। मनीषा पढ़ाई के दौरान खुद से ही मुकाबला करती थी। जो पिछले अंकों से अधिक लेने का प्रयास करती थी। 2 किलोमीटर पढ़ने स्कूल आती थी मनीषा
मनीषा ने 11वीं व 12वीं कक्षा साइंस संकाय से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढिगावा जाटान में पढ़ाई की। जो उनके गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर है। उनकी कक्षा में कुल 26 विद्यार्थी थी। वहीं मनीषा को 12वीं में अंग्रेजी विषय में 75 अंक, आईटीएस में 92 अंक, फिजिक्स में 82 अंक, केमेस्ट्री में 64 अंक व जीव विज्ञान में 89 अंक हासिल किए। 500 में से 402 अंक लेकर उसने 12वीं 80.4 प्रतिशत के साथ पास की। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढिगावा जाटान के फिजिक्स के पीजीटी विनय कुमार से बातचीत
प्रश्न : मनीषा की कक्षा में कितने बच्चे थे?
टीचर : उस वर्ष 26 बच्चे थे। मनीषा की परफोर्मेंस औसत से अधिक थी। अच्छे बच्चों में उनकी गिनती आती है।
प्रश्न : मनीषा का व्यवहार कैसा रहा?
टीचर : मनीषा हमेशा पॉजिटिव रहती थी। कल्चरल एक्टिविटी में भी भाग लेती थी। अपने लक्ष्य के लिए कोशिश कर रही थी। प्रश्न : कभी ऐसा लगा हो की मनीषा सुसाइड कर सकती है?
टीचर : वह दो साल 11वीं व 12वीं में उनके पास पढ़ी है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। उस दौरान पॉजिटिव एटिट्यूड था। काम से काम रखती थी। सबके साथ अच्छे से रहती थी।
प्रश्न : मनीष फिजिक्स में कैसी थी?
टीचर : फिजिक्स में भी मनीषा अच्छी थी और अच्छे अंक लेकर आती थी। मेहनत करती थी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढिगावा जाटान के इतिहास प्रवक्ता महेंद्र सिंह से बातचीत।
प्रश्न : मनीषा को क्या पढ़ाते थे?
टीचर : उन्होंने कहा कि उनका विषय साइंस संकाय से संबंधित नहीं हैं। लेकिन टाइम टेबल के हिसाब से जरनल अवेयरनेस व जरनल स्किल से संबंधित 2 दिन का टॉपिक होता था। उस दौरान देखा और परखा। उसमें भी मनीषा सक्रियता के साथ भाग लेती थी। उस दौरान कक्षा में 8-9 लड़कियां थी और 16-17 लड़के थे। प्रश्न : पढ़ाई के अलावा किस तरह की गतिविधियों में भाग लती थी?
टीचर : पढ़ाई के अलावा हम जो सामान्य ज्ञान की बात करते थे, चाहे वो इंटरनेशनल लेवल की बात हो, नेशनल लेवल की बात हो, स्पोर्ट्स की बात हो या इतिहास संबंधित हो। उसे बड़ी उत्सुक्ता के साथ सुनती व समझती थी। जब उससे सवाल किया जाता तो स्टीक जवाब देती थी।
प्रश्न : मनीषा की कभी बेहतर प्रदर्शन रहा हो?
टीचर : स्कूल के अंदर जैसे हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है, विज्ञान प्रदर्शनी होती है, कल्चरल फेस्टिवल आदि में बढ़-चढ़कर भाग लेती थी। गाने में भी बहुत अच्छी थी।
प्रश्न : व्यवहार कैसा था, क्योंकि पुलिस सुसाइड करने की बात कह रही है?
टीचर : ऐसा हमें कभी नहीं लगा कि वह किसी भी तरह से नकारात्मक है। वह करीब 2 किलोमीटर दूर गांव से पढ़ने आती थी, लड़कियों के ग्रुप में आती-जाती थी। 2 साल वह यहां पढ़ी, उस गांव से जितनी भी लड़कियां आती थी, उनकी भी आपस में कोई शिकायत नहीं मिली।
प्रश्न : पुलिस सुसाइड कह रही है, आपके पास 2 साल पढ़ी तो कभी लगा हो कि सुसाइड वह कर सकती है?
टीचर : ऐसा तो हमें प्रतीत नहीं होता। लेकिन उसकी क्या परिस्थितियां रही हैं। यह तो पुलिस जांच की स्थिति हैं। जब हमारे स्कूल में रही तो कभी एहसास नहीं हुआ कि वह इतनी डिप्रेशन में जाएगी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढिगावा जाटान के जीव विज्ञान टीचर प्रोमिला से बातचीत।
प्रश्न : मनीषा का पढ़ाई को लेकर कैसा व्यवहार रहा?
टीचर : वह अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करना चाहती थी। हर बार पिछली परीक्षा से और बेहतर करने की कौशिश करती थी। कहां कमी रही, उसको जानकर व समझकर उसको दूर करने का प्रयास करती थी। प्रश्न : पढ़ाई में कैसी थी और आगे का लक्ष्य कभी सांझा किया हो?
टीचर : पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। बायो स्टूडेंट थी और मेडिकल फिल्ड में आगे जाना चाहती थी। उसके लिए गाइडेंस लेती थी।
प्रश्न : सुसाइड भी बताया जा रहा है। कभी पढ़ाई के दौरान परेशानी या तनाव दिखा हो?
टीचर : 2 साल तक हमारे साथ रही और हमारे स्कूल में पढ़ी। इन 2 वर्षों के दौरान कभी भी किसी तनाव में, चिंता में व तनाव में नजर नहीं आई।
प्रश्न : पढ़ाई के अलावा और गतिविधियों में भाग लेती हो और क्लास में कैसा व्यवहार था?
टीचर : क्लास में सबके साथ मिल-जुलकर रहती थी। सभ्य व सालिन स्वभाव था। कभी किसी प्रकार का द्वेष, ईर्षा या कोई शिकायत नहीं थी। सबका सहयोग करती थी।
प्रश्न : पढ़ाई को लेकर जिज्ञासु थी या सामान्य?
टीचर : क्लास में पूरा अटेंटिव होकर हमारी बातें सुनती थी। अगर कोई टॉपिक समझ में नहीं आया तो उसे पूछती थी। प्रश्न : टाइम व होमवर्क को लेकर कैसा प्रदर्शन रहा?
टीचर : हमेशा रेगुलर स्कूल आना व समय से आना। पूरा फोकस पढ़ाई पर रखना और कभी कोई शिकायत का मौका नहीं दिया।
प्रश्न : दूसरे स्टूडेंट से कंपीटिशन था क्या?
टीचर : कंपीटिशन उसका स्वयं से ही था। मैं जितने नंबर लेकर आई, उसको और बेहतर करूं।
प्रश्न : मनीषा को ओवरऑल कैसे देखते हैं?
टीचर : एक स्टूडेंट के लिहाज से वो बेहद अच्छे स्टूडेंट के रूप में गिने जाती हैं।
प्रश्न : आपने 2 साल पढ़ाया, क्या सुसाइड कर सकती है?
टीचर : नहीं, उसे कभी किसी तरह की टेंशन व चिंता में नहीं देखा।


