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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी आज से तीन दिन दिल्ली और गुरुग्राम दौरे पर रहेंगे। दौरे के पहले दिन यानी आज सीएम सैनी GST काउंसिल की 56वीं बैठक में शामिल होंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री वित्तीय वर्ष 2020-21 को जीएसटी एमनेस्टी योजना में शामिल करने की सिफारिश करेंगे। सीएम के इस फैसले से राज्य के छोटे व्यवसायों के लिए अनुपालन का बोझ कम होने के आसार हैं। इसके अलावा टैक्स स्लैब को लेकर भी हरियाणा की ओर से सीएम नायब सैनी कई बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। GST एमनेस्टी योजना क्या है ? जीएसटी एमनेस्टी योजना, जिसे अंतिम बार 2023 में बढ़ाया गया था, ने व्यवसायों को केंद्रीय माल और सेवा कर (CGST) अधिनियम की धारा 73 के तहत लंबित जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी, जिसमें विलंब शुल्क कम था और अभियोजन से छूट थी। CM भी दे चुके आश्वासन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार वित्तीय वर्ष (FY) 2020-21 को माल और सेवा कर (GST) एमनेस्टी योजना के तहत शामिल करने की सिफारिश कर सकती है। यह आश्वासन भाजपा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सेल द्वारा एक औपचारिक प्रतिनिधित्व के बाद दिया गया था, राज्य अध्यक्ष सीए नितिन बंसल ने ETCFO को बताया। यह आश्वासन इस महीने की शुरुआत में हुई एक बैठक के दौरान आया था, जहां CA सेल ने छोटे व्यवसायों पर बोझ को कम करने और स्वैच्छिक GST अनुपालन में सुधार के उद्देश्य से प्रमुख अनुपालन संबंधी माँगें प्रस्तुत की थीं।


