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अंबाला में नगर निगम चुनाव के समीकरणों में बदलाव:घट गई जनसंख्या, आरक्षणों में भी हुआ बदलाव, राजनैतिक दल तैयारी में जुटे




हरियाणा के अंबाला शहर नगर निगम चुनाव की आहट अब साफ सुनाई देने लगी है। हरियाणा सरकार ने अंबाला नगर निगम के लिए नए वार्ड निर्धारण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे यह साफ हो कि 2026 में होने वाले चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है।
इस बार भी निगम में कुल 20 वार्ड रहेंगे लेकिन आबादी और आरक्षण समीकरणों में बड़ा बदलाव आया है, जो आने वाले चुनावी दंगल में कई राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। नगर निगम का मौजूदा कार्यकाल 14 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। ऐसे में जनवरी 2026 तक चुनाव कराए जाने की संवैधानिक बाध्यता है। 33 हजार कम हुई जनसंख्या नए नोटिफिकेशन के अनुसार, अब अंबाला नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या घटकर 2 लाख 71 हजार 68 रह गई है। यह आंकड़ा पिछले चुनाव (2020 ) की तुलना में 33 हजार कम है। इतना ही नहीं, अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी में भी करीब आधी गिरावट दर्ज की गई है। 71 हजार से घटकर 36 हजार रह गई है। घटती जनसंख्या बढ़ती सियासी सरगर्मी 2020 के नोटिफिकेशन में अंबाला नगर निगम की जनसंख्या तीन लाख तीन हजार 850 बताई गई थी, जो घटकर 2.71 लाख रह गई है। यह संख्या नगर निगम की कानूनी मान्यता की न्यूनतम सीमा (तीन लाख) से भी करीब 29 हजार कम है। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या आने वाले समय में नगर निगम के अस्तित्व पर भी कोई कानूनी संकट आ सकता है? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जनसंख्या और आरक्षण में हुए इस बदलाव से कुछ राजनीतिक दलों को लाभ मिल सकता है, तो कुछ को रणनीति फिर से तैयार करनी होगी। ये हैं राजनीतिक मायने आरक्षण में फेरबदल हो चुका है तो भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और स्थानीय निर्दलीय सभी अपने सियासी पत्ते दोबारा से बिछाएंगे। अनुसूचित जाति के वार्ड घटने से कुछ मौजूदा पार्षदों को टिकट मिलने में मुश्किल हो सकती है। वहीं, पिछड़ा वर्ग की बढ़ी हिस्सेदारी से नए चेहरे उभरने की संभावना है।

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