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जींद जिले में अगस्त व सितंबर के पहले सप्ताह में हुई तेज बारिश के बाद 35 से ज्यादा गांवों में 25 हजार एकड़ फसल पानी में डूबी है। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 75 हजार 47 एकड़ में नुकसान की शिकायत अब तक आ चुकी है। जुलाना क्षेत्र के मालवी गांव में हालात काफी खराब हैं। गांवों के चारों तरफ खेतों में पानी भरा हुआ है। सैकड़ों एकड़ में रबी की फसल की भी बिजाई नहीं होने की आशंका है। ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान घाट में भी तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। स्कूल के गेट तक पानी आया हुआ है। देवरड़, करेला, झमोला, बुआना, बराड़, पिल्लूखेड़ा ब्लाक के भड़ताना, मोरखी, नरवाना क्षेत्र के धरौदी, ईस्माइलपुर, खानपुर, फरैण, भिखेवाला, दनौदा, दबलैन में भी जलभराव से हजारों एकड़ फसल में नुकसान है। रेलवे अंडरपास में भरा बरसाती पानी पिल्लूखेड़ा ब्लाक में भड़ताना-मोरखी मार्ग पर रेलवे अंडरपास में पानी भरा हुआ है। भारी बारिश के कारण भूमिगत जलस्तर जमीन के लेवल पर आ चुका है। जिससे अंडरपास में भी पानी भर रहा है। इससे कई गांवों के लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। मोरखी गांव के किसान बिजेंद्र ने बताया कि गांव में सैकड़ों एकड़ फसल में जलभराव है। खेतों से पानी निकालने के लिए 24 घंटे मिलने वाली बिजली की अनुमति भी पांच सितंबर को खत्म हो चुकी है। मालवी गांव के किसान बलजीत ने बताया कि उसकी जलभराव से 20 एकड़ फसल खराब हो चुकी है। आबादी तक पानी पहुंचा हुआ है। करीब डेढ़ माह से खेतों में पानी है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि पश्चिमी हवा चलने लगी है, जिससे खेतों में जलस्तर में भी कमी आएगी। आगामी दिनों में वर्षा होने की कम संभावना है। पश्चिमी हवा चलेगी।


