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पलवल के डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कृषि विभाग और अन्य अधिकारियों की बैठक में पराली जलाने पर रोक के सख्त निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के अनुसार, पराली जलाने वाले किसानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने स्पष्ट किया कि पराली जलाने पर 5 से 30 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा एफआईआर दर्ज की जाएगी। घटनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी वहीं किसान अगले दो वर्षों तक एमएसपी पर फसल नहीं बेच सकेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिले में पराली जलाने की घटनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। पराली को आय का साधन बनाएं डीसी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे पराली को आय का साधन बनाएं। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है और फसल उत्पादन प्रभावित होता है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी किसान पराली को जलाने के बजाय उसे बेचकर आय अर्जित कर सकते हैं। पराली का सही उपयोग न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।बैठक में जिला राजस्व अधिकारी बलराज सिंह दांगी, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. बाबू लाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


