![]()
गुरुग्राम के भोड़ा कलां गांव में 2019 में यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद फरार हुए महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के अचानक सामने आने और गांव में भंडारा आयोजित करने की घोषणा से तनाव बन गया है। ग्रामवासियों ने इस घोषणा के खिलाफ एकजुट होकर कड़ा विरोध जताया है। गांव में आयोजित बड़ी पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि ज्योति गिरी को अब गांव में कदम रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इस संबंध में ग्रामवासियों ने पुलिस को सामूहिक ज्ञापन सौंपा और विरोध प्रदर्शन भी किया था। ज्योति गिरी पर 2019 में यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने से विवाद और गहरा गया था। इन आरोपों के बाद वे फरार हो गए थे।
जनवरी में जारी किया वीडियो
इसी साल 21 जनवरी को ज्योति गिरी ने एक वीडियो जारी कर अपने फरार रहने को ‘अज्ञातवास’ करार दिया था। अब पहले शारदीय नवरात्र के अवसर पर 22 सितंबर को अपने आश्रम में भंडारा आयोजित करने की उनकी घोषणा ने ग्रामवासियों के गुस्से को फिर से भड़का दिया है।
ग्रामवासियों का कहना है कि ज्योति गिरी के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, और ऐसे में उनकी गांव में वापसी और भंडारे का आयोजन अस्वीकार्य है।
सरपंच मनवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में ग्रामवासियों ने एकजुट होकर इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। पंचायत में सभी ने मिलकर फैसला किया कि ज्योति गिरी को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग
सरपंच ने बताया कि ग्रामवासियों ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि ज्योति गिरी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए और गांव में शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके अलावा मंत्री राव नरबीर सिंह से मुलाकात कर अपनी चिंताओं को उनके समक्ष रखा जाएगा और इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की जाएगी। पुलिस ने ज्ञापन स्वीकार कर लिया है और मामले की जांच शुरू करने का आश्वासन दिया है। पुलिस ने ग्रामीणों को दिया आश्वासन
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्रामवासियों की शिकायत पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। दूसरी ओर, ज्योति गिरी की ओर से अभी तक इस विरोध पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यह घटना


