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हरियाणा के हिसार जिले के किरतान गांव के संजय लूहानीवाल को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में सामाजिक सुरक्षा सहायक के पद पर चौथी सरकारी नौकरी मिली है। यह उनकी लगातार कड़ी मेहनत का परिणाम है। मुंबई में मिली थी पहली सरकारी नौकरी बता दें कि संजय को वर्ष 2022 में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) के सीजीएल परीक्षा पास करने के बाद भारतीय डाक में पोस्टल असिस्टेंट के पद पर मुंबई में पहली सरकारी नौकरी मिली थी। वर्ष 2024 में, उन्हें हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) में ग्रुप डी की दूसरी नौकरी मिली, जिसे उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। ग्राम सचिव की नौकरी नहीं की ज्वाइन वहीं जून 2025 में उन्हें हरियाणा में ग्राम सचिव की नौकरी मिली, लेकिन भर्ती पर कोर्ट केस के कारण वह इसे भी ज्वाइन नहीं कर पाए। संजय के पिता हरपाल सिंह हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं। उनकी माता मंजू देवी गृहिणी हैं और छोटी बहन प्रीति सेंट्रल बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। सेल्फ स्टडी कर पाई सफलता संजय बताते है कि जरूरी नहीं है कि पढ़ाई के लिए महंगी कोचिंग ही ली जाए। विद्यार्थी घर बैठकर भी मेहनत करें, तो सफलता दूर नहीं है। मैंने रोजाना स्कूल के बाद करीब आठ घंटे सेल्फ स्टडी की है। आदमपुर के निजी स्कूल से नॉन मेडिकल में बारहवीं कक्षा पास की हिसार के डीएन कॉलेज से बैचलर इन कंप्यूटर एप्लिकेशन में पढ़ाई की। पहले सचिन भी पा चुके चार नौकरी हिसार जिले डोभी गांव के एक युवक ने हरियाणा सरकार की भर्ती में 4 बार नौकरी लग चुकी है। इनमें 3 बार सरकारी और एक बार कॉन्ट्रैक्ट बेस पर मिली नौकरी शामिल है। सचिन सुथार को सबसे पहले सरकारी तौर पर पंचायत लोकल ऑपरेटर की नौकरी मिली थी। इसके बाद गणित टीचर और फिर पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा पास करने में वह कामयाब रहा था। अब हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के जरिए मैथ्स के लेक्चरर की नौकरी कर रहा है। सचिन का कहना है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक रुकने वाले नहीं हैं।


