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फरीदाबाद NIT सीट से भाजपा विधायक सतीश फागना के बड़े बेटे तरुण फागना को शहर के निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है। इसके पीछे कई वजह सामने आ रही हैं। हालांकि विधायक का कहना है कि अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालत में सुधार है। दूसरी तरफ पुलिस उस जगह पहुंची जहां तरुण फागना ने टॉयलेट जाने की कह कार रुकवाई थी। वहां पेड़ से लिपटा एक लाल रंग का अंग वस्त्र बरामद किया गया है। पुलिस के मौके पर जाकर तहकीकात करते की फोटो वायरल हुई हैं। पुलिस उस अस्पताल में भी पहुंची, जहां तरुण भर्ती हैं। हालांकि पुलिस की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। धार्मिक कार्यक्रम में मिला था भगवा अंग वस्त्र
चर्चाएं है कि तरुण फागना बुधवार दोपहर को मांगर इलाके में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। शाम पांच बजे कार्यक्रम समाप्त होने के बाद उन्होंने रास्ते में अपनी गाड़ी मंदिर के पास रुकवाई और बाथरूम करने के बहाने पेड़ों की ओर चले गए। इसी जगह पर एक पेड़ पर भगवा अंग वस्त्र पुलिस ने बरामद किया। जिसे एक तरह से फंदे का आकार देने की कोशिश थी। बताया जा रहा है ये वही अंग वस्त्र है जो तरुण को धार्मिक कार्यक्रम में दिया गया था। विधायक ने अफवाहों का किया खंडन
विधायक सतीश फागना ने बेटे तरुण को धार्मिक कार्यक्रम में मिले अंग वस्त्र का फंदा बनाने जैसी चर्चाओं को अफवाह बताया उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। बीपी के कारण बेटे के स्वास्थ्य में परेशानी आई, जिस वजह से अस्पताल में एडमिट किया गया है। बहुत जल्द ही बेटा स्वस्थ होकर घर वापस लौट आएगा। तरूण फागना का 4 साल का बेटा
तरूण फागना पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनकी करीब 5 साल पहले शादी हुई और 4 साल का बेटा है। तरूण अपने पिता के राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हैं। तरूण से छोटा उसका एक भाई है। बताया गया है कि तरूण प्रॉपर्टी व रेंटल का काम संभालते हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही
मांगर पुलिस चौकी की टीम उस जगह पर पहुंची जहां पर तरुण फागना कार से टॉयलेट के उतरे थे। पुलिस ने वहां पर पेड़ की टहनी से लिपटे भगवा रंग के गमछे को भी कब्जे में लिया है। पुलिस के मौके के फोटो भी वायरल हो रहे हैं। लेकिन पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर भी तरुण की स्थिति का जायजा लिया। क्या होता है अंगवस्त्र
अंगवस्त्र आमतौर पर विद्वानों या पूजा आदि में शामिल होने वाले व्यक्तियों द्वारा कंधे पर डाले जाने वाले कपड़े को कहा जाता था। कुछ स्थानों पर पूजा-पाठ के समय पुरुषों को कंधे पर जो अलग से वस्त्र डाला जाता है, उसे अंगवस्त्र कहा जाता है।


