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हिसार जिले के हांसी शहर का ऐतिहासिक शहीद स्मारक इन दिनों उपेक्षा का शिकार है। नगर परिषद कार्यालय से कुछ ही कदम की दूरी पर स्थित यह स्मारक, जो कभी शहीदों की वीरता और बलिदान की याद दिलाता था, अब कचरे के ढेर, शराब की खाली बोतल और दुर्गंध के बीच अपनी पहचान खोता जा रहा है। लाल सड़क पर स्थित इस ऐतिहासिक स्थल के पास रोजाना कूड़े के ढेर और गंदगी का अंबार देखा जा सकता है। शाम के समय यहां रेहडिय़ां और अस्थायी दुकानें लग जाती हैं, जिससे स्मारक पूरी तरह ढक जाता है। स्मारक के भीतर लगी शहीदी दीवार, जिस पर हांसी के वीर सपूतों के नाम अंकित हैं, अब गंदगी और उपेक्षा के कारण धुंधली होती जा रही है। केवल स्वतंत्रता दिवस-गणतंत्र दिवस पर स्मारक की सफाई होती है शहीद स्मारक के आसपास के दुकानदारों ने बताया कि स्मारक की सफाई केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर की जाती है। उसके बाद महीनों तक कोई अधिकारी यहां ध्यान नहीं देता। लोगों का कहना है कि इतिहास और शहादत की इस धरोहर की ऐसी हालत देख शर्म महसूस होती है। एक दुकानदार ने रोष जताते हुए कहा, “यह स्मारक हमारी शान है, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही ने इसकी हालत बद से बदतर कर दी है। दुकानदारों का कहना है कि अगर अधिकारी समय रहते ध्यान नहीं देंगे, तो आने वाली पीढ़ियां शहीदों की शहादत से अनजान रह जाएंगी। कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं जल्द ही सफाई करवा दी जाएगी वहीं, नगर परिषद के अध्यक्ष प्रवीण इलाहाबादी का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्दी ही इसकी सफाई करवा दी जाए। शहरवासी मांग कर रहे हैं कि शहीद स्मारक की नियमित सफाई, रखरखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि यह स्थल फिर से अपने गौरवपूर्ण स्वरूप में नजर आए और आने वाली पीढ़ियां यहां आकर अपने शहीदों की शहादत से प्रेरणा ले सकें।


