![]()
सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस का 7वां दिन है। अभी भी उनका परिवार शव को पोस्टमॉर्टम पर राजी नहीं हुआ है। उनकी यही मांग है कि इस केस में नामजद पुलिस महानिदेशक (DGP) को पद से हटाया जाए। इसी बीच दिवंगत आईपीएस की IAS अफसर पत्नी अमनीत पी कुमार की नाराजगी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो कहती सुन रही हैं-सरकार ले गई है बॉडी। सरकार को जो करना है कर ले पूरन कुमार का। बताया जा रहा है कि यह वीडियो 11 अक्टूबर का है। उस दिन जिस दिन प्रशासन ने पूरन कुमार के शव को सिविल अस्पताल से पीजीआई चंडीगढ़ में शिफ्ट किया था। इसी नाराज होकर अमनीत पी कुमार गुस्से में थीं। अब जानिए, 46 सेकेंड के वीडियो में है क्या… सरकारी आवास पर चेहरे पर गुस्से व तनाव के भाव
चंडीगढ़ के सेक्टर-24 में कोठी नंबर 132 का है। जिसमें सरकारी आवास पर IAS अमनीत पी कुमार अपने भाई अमित रतन और पिता बाबू रतन सिंह के साथ बैठी दिख रही हैं। अमित रतन पंजाब के भटिंडा से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। इसमें दिख रहा है तीनों के हाव-भाव गुस्से व तनाव से भरे हैं। इसी बीच पीछे से कुछ आवाजें आ रही हैं और इस पर अमनीत गुस्से में रिएक्ट कर रही हैं। कोई अमनीत से फोन पर बात करने की रिक्वेस्ट करता है। बताया जा रहा है कि कोई अधिकारी उनसे मंत्री से बात करने की रिक्वेस्ट कर रहा है। नहीं करनी किसी मंत्री से बात
अमनीत गुस्से में कहती हैं- मुझे किसी मंत्री से अब बात नहीं करनी है। नहीं करनी है। मत बुलाओ किसी को। हमें छोड़ दो। इसी बीच विधायक अमित कुमार कहते हैं-हमें छोड़ दो। सरकार ले गई बॉडी
आगे अमनीत कहती हैं-सरकार ले गई बॉडी। सरकार जो करना है कर ले वाई पूरन कुमार। इसी बीच वीडियो में दिखाई नहीं दे रहे किसी व्यक्ति की आवाज आ रही है। जो कहते हैं- बहन जी, हम तो आपके साथ हैं। प्रीत तू कोई फैसला नहीं लेगी
फिर विधायक अमित रतन कहते हैं- प्रीत तू कोई फैसला नहीं लेगी। सारे परिवार का एक बोर्ड बनाओ, उसनू कहो और फैसला लेउगा। अस्सी तेरे नाल खड़े ने। अस्सी पागल थोड़ी ने। इस पर अमनीत कहती हं-नहीं ले रही कोई फैसला। मीडिया को जाकर बताओ-बॉडी ले गए हैं
फिर अमनीत पास खड़े एक व्यक्ति को पंजाबी में कहती हैं। तुस्सी मीडिया को जाकर दस्सो-वी ऐं ले गए ने बॉडी। इस पर विधायक अमित कहते हैं-मैं दसदा सब कुज। (यानी मैंने सब कुछ बता दिया है) । फिर अमनीत किसी के निर्देश देती हैं-डीजीपी यूटी के पास जाओ। 7 दिन से पोस्टमॉर्टम पर फंसा है पेंच
7 सितंबर को आईपीएस वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित घर में सिर पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। 8 पेज का लास्ट नोट लिखा था। जिसमें डीजीपी समेत 14 अफसरों के नाम लिखे। उसके बाद चार दिन तक शव सिविल अस्पताल में पड़ा रहा। परिवार पहले इस बार अड़ा था कि लास्ट नोट में जितने अफसरों के नाम हैं, सभी पर केस दर्ज हो और गिरफ्तारी हो। चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। तब से परिवार यह मांग कर रहा है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पद से हटाया जाए और अरेस्ट किया जाए। इस मामले में सरकार रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा चुकी है। इसी गतिरोध के कारण सोमवार दोपहर तक पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका। एससी समाज व परिवार की 31 सदस्यीय कमेटी सब फैसले ले रही है। रविवार को चंडीगढ़ में महापंचायत में 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है।


