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करनाल में आईपीएस एडीजीपी वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। सोमवार को एससी समाज से जुड़े संगठनों और कई राजनीतिक दलों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी लाउडस्पीकरों और बैनरों के साथ नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय तक पहुंचे। वहां पहले से तैनात पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई और माहौल तनावपूर्ण बन गया। वहीं दूसरी तरफ राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा सामूहिक हड़ताल रखी गई। जिससे लोगों को दिनभर सरकारी कामों को लेकर परेशान होना पड़ा सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारी, सचिवालय चौक पर शुरू किया धरना पुलिस के रोकने के बाद प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय चौक पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार कानून व्यवस्था के मामले में पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सुसाइड को छह दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ बातचीत का नाटक कर रही है, जबकि पीड़ित परिवार न्याय की आस में दर-दर भटक रहा है। सुसाइड नोट में अफसरों के नाम, कार्रवाई की उठी मांग प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एडीजीपी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने कई बार अधिकारियों की शिकायत की, लेकिन उनकी आवाज दबा दी गई। इसी मानसिक प्रताड़ना के कारण उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। मौके से मिला सुसाइड नोट इस बात की पुष्टि करता है कि उन्होंने कुछ अधिकारियों के नाम लिखे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। एसडीएम लौटे, गेट खुलवाकर डीसी ने लिया ज्ञापन स्थिति बिगड़ती देख मौके पर डीएसपी मनोज कुमार, डीएसपी राजीव और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन की ओर से एसडीएम मौके पर पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने डीसी को ही ज्ञापन देने की बात कही। आखिरकार सचिवालय के गेट खोले गए और प्रदर्शनकारी अंदर पहुंचे। वहां डीसी ने खुद प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लिया और शांतिपूर्वक समाधान का भरोसा दिया।


