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त्योहारी सीजन में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। अंबाला कैंट स्टेशन से बिहार और उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनों में सीटें पूरी तरह फुल हैं। स्थिति यह है कि कई यात्री मजबूरी में जनरल टिकट लेकर एसी और स्लीपर कोच में सफर करने को मजबूर हैं। रेलवे पुलिस और टीटीई के बार-बार समझाने के बावजूद यात्री किसी तरह घर पहुंचने की जिद पर अड़े हैं। अंबाला कैंट स्टेशन पर शनिवार और रविवार को पटना, दरभंगा, भागलपुर, सहरसा और गोरखपुर जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। प्लेटफॉर्म पर यात्री फर्श तक बैठे नजर आए। कई लोग ट्रेनों में चढ़ने के लिए खिड़कियों और दरवाजों से अंदर जाने की कोशिश करते दिखे। त्योहारों के चलते इन ट्रेनों में आरक्षित सीटें कई दिन पहले ही खत्म हो चुकी हैं। सीनियर डीसीएम एनके झा ने बताया कि अंबाला से होकर जाने वाली गरीब रथ, अमृतसर-सहरसा एक्सप्रेस, जन सेवा एक्सप्रेस, अवध असम एक्सप्रेस और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची 200 से ऊपर पहुंच गई है। स्थिति को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने अतिरिक्त डिब्बे जोड़ने और विशेष ट्रेनें चलाने के प्रस्ताव भेजे हैं, लेकिन भीड़ के हिसाब से यह इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। यात्रियों ने बताया कि घर जाने के लिए वे कई दिनों से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। कुछ लोग बसों का रुख कर रहे हैं, जहां किराया कई गुना बढ़ चुका है। वहीं, जो लोग जनरल टिकट लेकर सफर कर रहे हैं, वे एसी और स्लीपर कोच में टीटीई से बहस करते नजर आए। रेलवे पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे जनरल टिकट पर आरक्षित डिब्बों में यात्रा न करें, क्योंकि इससे न केवल अव्यवस्था बढ़ती है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा रहता है। त्योहारों को देखते हुए स्टेशन पर अतिरिक्त पुलिस बल और रेलवे स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है ताकि किसी प्रकार की अफरा-तफरी न हो। डीआरएम विनोद भाटिया ने बताया कि यदि अधिक भीड़ बढ़ती है तो स्टेशन पर व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। जिससे यात्रियों को असुविधाना हो रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है।


