Actionpunjab

Action Punjab Logo
Breaking News

Case Of Bulana Lakhu Village Of Panipat: Sarpanch Mohit Said- Not Evm Officer Had Tampered With The Votes – Amar Ujala Hindi News Live – पानीपत के गांव बुलाना लाखू का मामला:मोहित सरपंच बोले


सुप्रीम कोर्ट में कराई गई वोटों की गिनती के बाद बुलाना लाखू गांव के सरपंच चुनाव का नतीजा बदल जाने के बाद यह मामला सियासत में तूल पकड़ गया है। इस फैसले का हवाला देकर कई नेताओं ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, दोबारा कराई गई वोटों की गिनती के बाद जीतकर सरपंच बने मोहित कुमार का कहना है कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं थी। सारी गलती पीठासीन अधिकारी की थी। उसने बूथ संख्या 69 पर उन्हें मिले वोट उनके प्रतिद्वंदी कुलदीप के नाम दर्ज कर दिए थे।

मोहित कुमार ने बताया कि उन्होंने ढाई साल तक जिला कोर्ट से जिला चुनाव ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और नोंग्मीकापम कोटिश्वर सिंह की बैच ने इस मामले में 11 अगस्त को अपना फैसला दिया। चुनाव दो नवंबर 2023 को हुआ था। पीठासीन अधिकारी ने कुलदीप के खाते में 1117 और मोहित कुमार के खाते में 804 वोट बताए थे। कुलदीप को 313 वोटों से विजयी घोषित कर दिया था।

पुन:मतगणना में पकड़ी गई थी धांधली

चुनाव नतीजा आते ही मोहित कुमार के समर्थकाें ने हंगामा किया तो प्रशासन की देखरेख में देर रात को पुन: गणना की। इसमें मोहित कुमार को 51 वोट से विजयी घोषित कर दिया लेकिन पीठासीन अधिकारी तब तक कुलदीप को सरपंच पद का नियुक्ति पत्र दे चुके थे। पुन: मतगणना के बाद उन्होंने मोहित कुमार के नाम का भी सरपंच पद का नियुक्ति पत्र दे दिया। पीठासीन अधिकारी एक बार में एक को ही नियुक्ति पत्र मान्य हो सकता है।

इस पर कुलदीप हाईकोर्ट चले गए। उन्हें स्थगन आदेश मिल गया। गांव का सरपंच पद डेढ़ साल तक रिक्त रहा और इसकी शक्तियां खंड विकास एवं प्रचायत अधिकारी (बीडीपीओ) के पास रही। कुलदीप डिस्टि्रक इलेक्शन ट्रिब्यूनल चले गए। साथ ही हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर दी। ट्रिब्यूनल ने हाईकोर्ट से निर्णय होने तक के लिए 2024 में कुलदीप को सरपंच बनाने का फैसला दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से हुई वोटों की गिनती

इस मामले में पहले कुलदीप सुप्रीम कोर्ट गए। उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद मोहित गए। उनकी याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन ने तत्कालीन एडीसी की देखरेख में ईवीएम से मतों की गणना कराई। इसमें मोहित कुमार की 51 वोट अधिक मिली। मोहित कुमार ने बताया कि उनका खुद को बूथ नंबर 69 है। यहां उनको केवल सात वोट दिखाए गए थे। कुलदीप को 254 वोट दिखाए गए थे। ईवीएम की दोबारा गणना की तो कुलदीप को सात और उन्हें 254 वोट मिले।

अधिकारी के अनुसार

बुआना लाखू ग्राम पंचायत के सरपंच का मामला कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मोहित कुमार को वीरवार को सरपंच पद की शपथ दिलाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ईवीएम में वोट सही मिले हैं। चुनाव परिणाम तैयार करते समय एक प्रत्याशी के वोट दूसरे की जगह लिखने की गड़बड़ी है। यह मानवीय भूल भी हो सकती है। इसमें के खिलाफ शिकायत मिलती है तो आगामी कार्रवाई की जाएगी। -राजेश शर्मा, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, पानीपत।

Scroll to Top