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हिसार के हांसी में भिवानी रोड पर नहर किनारे लगातार कचरा डाला जा रहा है। इस कचरे के ढेर में आग लगने से घना और जहरीला धुआं उठता है, जो आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है। इससे स्थानीय निवासियों को सांस लेने में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है, विशेषकर तब जब किसानों पर पराली जलाने के लिए एफआईआर दर्ज की जाती है। इसके विपरीत, शहर के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर कचरा जलाने की घटनाओं पर संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे विभाग की दोहरी नीति पर सवाल उठ रहे हैं। इसी नहर से आगे ढाणी कुतुबपुर रोड पर स्थित वाटर वर्कर्स में शहर के लिए पीने का पानी भरा जाता है। नहर किनारे जमा कचरा और उड़ती पॉलीथिन सीधे जल स्रोत को प्रदूषित कर रहे हैं। यह स्थिति पेयजल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। चेतावनी बोर्ड की अनदेखी की जा रही नहर पुल के पास विभाग द्वारा एक चेतावनी बोर्ड लगाया गया है, जिस पर स्पष्ट लिखा है कि ‘नहर में या इसके आसपास गंदगी फैलाना दंडनीय अपराध है’। हालांकि, यह बोर्ड अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है। स्थानीय लोग खुलेआम गंदगी फेंक रहे हैं, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। विभागीय कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें यह जानकारी नहीं है कि नहर किनारे कचरा कौन डालता है। उनका कहना है कि कचरे के ढेर बढ़ने पर सफाई करवा दी जाती है। हालांकि, यह सवाल बना हुआ है कि क्या केवल सफाई करवाना ही इसका स्थायी समाधान है, या इस समस्या पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस और दीर्घकालिक उपाय किए जाएंगे।


