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गुरुग्राम INS अरावली में समुद्री सुरक्षा पर वर्कशॉप:वाइस एडमिरल सोबती बोले-हिंद महासागर की सुरक्षा प्राथमिकता, 30 देशों के मैरिटाइम एक्सपर्ट पहुंचे




गुरुग्राम में सोमवार को तीन दिवसीय मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप का शुभारंभ हुआ। इस वर्कशॉप में 30 देशों के मैरीटाइम एक्सपर्ट्स हिंद महासागर में सेफ्टी की प्लानिंग को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कार्यक्रम में पहुंचे वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने कहा कि हमें क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, ब्लू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिंद महासागर में एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि यह सेमीनार रूम समुद्र को आपराधिक गतिविधियों से मुक्त करने के लिए एक वैश्विक सोच का केंद्र बन गया है। आज यहां हमारी सामूहिक उपस्थिति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि हम सहयोग और सहभागिता के माध्यम से समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को मज़बूत करने पर कितना गंभीर है। पांच नवंबर तक चलेगी वर्कशॉप इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR) में आयोजित वर्कशॉप 3 से 5 नवंबर तक चलेगी। इस वर्कशॉप में हिंद महासागर में रियल-टाइम कोआर्डिनेशन और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। यह वर्कशॉप भारत की महासागर” नीति का हिस्सा है, जिसका पूरा नाम म्यूचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ अक्रोस रीजंस है। यानी साझा सुरक्षा और विकास के लिए सामूहिक प्रगति है। इस नीति का मकसद हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच भरोसेमंद सहयोग और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग को मजबूती देना है। 30 देशों के एक्सपर्ट पहुंचें पहले के एडिशंस के मुकाबले वर्कशॉप 2025 में कई अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं। इनमें यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम, रीकेप इन्फॉर्मेशन शेयरिंग सेंटर, रीजनल मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर, इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर सिंगापुर और कई प्रमुख शिपिंग कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए), जिबूती कोड ऑफ कंडक्ट, जेद्दा अमेंडमेंट और बिम्सटेक समेत 30 देशों के समुद्री सुरक्षा अधिकारी इस वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे हैं। समुद्री सुरक्षा के लिए भारत आगे नेवी अधिकारियों के मुताबिक मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप 2025 (MISW) की शुरुआत साल 2019 में हुई थी। तब से यह कार्यक्रम समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में एक अहम मंच बन गया है, जो ऑपरेशनल स्तर पर देशों के बीच बेहतर संवाद, साझेदारी और इनफॉरमेशन एक्सचेंज को बढ़ावा देता है। समुद्री अपराध रोकने की पहल इसका उद्देश्य समुद्री खतरों जैसे पायरेसी, ड्रग स्मगलिंग, मानव तस्करी और गैरकानूनी मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करना है। भारत इसका प्रतिनिधित्व करता है। वर्कशाप में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे नई टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम्स के इस्तेमाल से समुद्री सुरक्षा को कैसे मजबूत किया जा सकता है। भारत इस दौरान अपने नेशनल मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग सेंटर्स की भूमिका की भी जानकारी देगा, जो विभिन्न देशों के साथ मिलकर समुद्री घटनाओं, जहाजों की गतिविधियों और आपात स्थितियों की जानकारी साझा करते हैं। 25 देशों की लाइव फीड आईएनएस अरावली में बने इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR) में 25 देशों के 43 मल्टीनेशनल सेंटर की लाइव फीड उपलब्ध होती है। इस सेंटर ने 28 देशों के साथ 76 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संपर्क स्थापित किए हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, जापान और यूनाइटेड किंगडम समेत 15 देशों के इंटरनेशनल लाइजन ऑफिसर्स तैनात हैं, जो 57 समुद्री सुरक्षा संगठनों और 25 साझेदार देशों के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं।

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