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बदले और निजी स्वार्थ से बढ़े झूठे केस:पानीपत में 10 माह में 270 यौन शोषण व छेड़छाड़ के मामले, 85 निकले फर्जी




पानीपत में पिछले 10 महीनों के दौरान रेप, पॉक्सो और छेड़छाड़ जैसे संवेदनशील अपराधों से जुड़ी 270 मामले दर्ज किए गए। हालांकि जांच के बाद सामने आया कि इनमें से 85 मामले पूरी तरह फर्जी थे। जिन्हें पुलिस ने विस्तार से जांच करने के बाद कैंसिल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया। पुलिस का कहना है कि इन मामलों में अधिकतर शिकायतें आपसी विवाद, निजी स्वार्थ या बदला लेने की भावना से प्रेरित थीं। जिला अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) के एएसआई रुपेश कुमार ने बताया कि पानीपत जिले में कुल 16 पुलिस थाने संचालित हैं। इन सभी थानों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में कई बार सच्चाई सामने आने में महीनों लग जाते हैं। अब तक की जांच में लगभग 35 प्रतिशत से अधिक मामले निपटा दिए गए हैं, जबकि बाकी की जांच जारी है। बदले और स्वार्थ के लिए बनाए गए केस पुलिस जांच मेंं पाया गया कि कई मामलों में शिकायतें बदला लेने या दूसरे पक्ष को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए दर्ज कराई गई थीं। कुछ शिकायतकर्ताओं ने प्रेम संबंध टूटने या विवाद बढ़ने के बाद आरोपी को फंसाने की नीयत से गंभीर धाराओं में केस करवाए। पुलिस ने बताया कि कई बार आपसी रंजिश या संपत्ति विवाद में भी रेप या छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाए जाते हैं ताकि पुलिस और समाज का दबाव बनाकर व्यक्तिगत फायदा लिया जा सके। लिव-इन रिलेशनशिप में झूठी शिकायतें जिले में दर्ज मामलों में कुछ ऐसे भी हैं, जहां लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं ने रिश्ता बिगड़ने के बाद युवक पर रेप का केस दर्ज करा दिया। जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध थे और जब संबंधों में खटास आई तो मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसके बाद महिला ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। दो बार एक ही आरोपी पर केस पुलिस ने बताया एक अन्य चौंकाने वाला मामला तब सामने आया, जब एक महिला ने एक ही युवक पर दो बार रेप का केस दर्ज कराया। पहली शिकायत में मामला निपटने के बाद उसने दोबारा उसी युवक पर नया केस दर्ज कराया। जांच में यह शिकायत भी झूठी पाई गई और उसे कैंसिल कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे फर्जी मामलों से वास्तविक पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसलिए हर शिकायत की गहन जांच की जा रही है ताकि असली पीड़ितों को न्याय और झूठे आरोप लगाने वालों को सबक, दोनों मिल सकें। नारी नू नारायणी समिति की अध्यक्ष एसपी से मिली नारी तू नारायणी समिति की अध्यक्ष सविता आर्या ने कहा पिछले दस महीनें में पुलिस जांच में कई मामले कैंसिल किए गए है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में महिलाओं ने अपने अधिकारो का दुरूप्रयोग किया है। उन्होंने कहा पुलिस अधीक्षक को एक पत्र दिया। इसमें बताया कि जो महिला झूठा मामला दर्ज कराएं उसके बाद CRPC धारा 181 व 211 के तहत कार्रवाई की जाए। जिससे ऐसे मामले दर्ज होने में रोक लग सके।

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