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करनाल हैफेड के जिला प्रबंधक अमित कुमार सस्पेंड:धान घोटाले में एक और बड़ा एक्शन, पहले ही कई अधिकारी नप चुके




करनाल जिले में सरकारी धान घोटाले का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। धान खरीद में हुई गड़बड़ी के बाद अब हैफेड विभाग में बड़ा एक्शन लिया गया है। विभाग के प्रबंध निदेशक ने जिला प्रबंधक (डीएम) अमित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हैफेड मुख्यालय पंचकूला से 4 नवंबर 2025 को जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि के दौरान वे नियम अनुसार वेतन और भत्ते प्राप्त करेंगे। इस दौरान उनका मुख्यालय पंचकूला रहेगा। मार्केट कमेटी के बाद अब हैफेड में कार्रवाई करनाल और तरावड़ी मंडियों में धान खरीद में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पहले ही कई अधिकारी नप चुके हैं। फूड एंड सप्लाई विभाग के 4 इंस्पेक्टर, 1 सब इंस्पेक्टर,तरावड़ी मार्केट कमेटी के सचिव संजीव सचदेवा,करनाल मंडी की सचिव आशा रानी, 2 मंडी सुपरवाइजर, 1 ऑक्शन रिकॉर्डर और 3 ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। अब हैफेड के जिला प्रबंधक अमित कुमार पर भी गाज गिरी है।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना है। पत्र में साफ लिखा निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू हैफेड एमडी द्वारा जारी आदेश में कहा गया अमित कुमार, उप महाप्रबंधक (कार्य एवं संचालन) जो जिला प्रबंधक, हैफेड, करनाल के पद पर कार्यरत हैं, को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उन्हें हैफेड कॉमन कैडर नियम, 1988 के अनुसार वेतन और भत्ते प्राप्त होंगे, तथा मुख्यालय पंचकूला निर्धारित किया जाता है। आदेश की प्रतियां सभी संबंधित विभागों करनाल जिला कार्यालय, मुख्य महाप्रबंधक पंचकूला और सहकारिता विभाग चंडीगढ़ को भेजी गई हैं। मंडी में फर्जी गेट पास और करोड़ों का घोटाला धान सीजन में करनाल मंडी से बड़ा घोटाला सामने आया था। मार्केटिंग बोर्ड के जिला अधिकारी ईश्वर सिंह राणा की शिकायत पर करनाल मंडी सचिव आशा रानी और तीन निजी व्यक्तियों राजेंद्र, अमित और अजय के खिलाफ FIR दर्ज की गई। जांच में पाया गया कि कई गेट पास मंडी क्षेत्र से बाहर के मोबाइल नंबरों और IP एड्रेस से जारी किए गए थे। यानी, मंडी का डेटा सिस्टम बाहर से ऑपरेट हो रहा था। साइबर सेल भी करेगी डिजिटल जांच साइबर सेल को अब मंडी के गेट पास सिस्टम की तकनीकी जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि मंडी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों की मिलीभगत से करोड़ों का सरकारी धान गायब किया गया। पहले भी 6 अफसरों पर हो चुकी FIR इससे पहले भी करनाल, घरौंडा, जुंडला, निसिंग और तरावड़ी मंडियों में धान घोटाले के केस दर्ज हो चुके हैं। राइस मिल बतान फूड्स सलारू के संचालक सतीश कुमार, तरावड़ी मार्केट कमेटी के सचिव संजीव, घरौंडा के निरीक्षक यशवीर, जुंडला के निरीक्षक संदीप, करनाल के निरीक्षक समीर और निसिंग के निरीक्षक लोकेश पर आरोप है कि उन्होंने मिलों में 5 करोड़ 93 लाख 86 हजार 936 रुपए का धान नहीं पहुंचाया।

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