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कपालमोचन मेले के बाद जगाधरी बर्तन बाजार में उमड़ी भीड़:पंजाब से आए हजारों यात्री बर्तन-कपड़े लेकर लौटे, सड़क पर लगा जाम




श्री कपालमोचन के पवित्र सरोवरों में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान कर लौट रहे पंजाब के श्रद्धालुओं ने आज बुधवार जगाधरी को मेले जैसा रंग दे दिया। हजारों की संख्या में पहुंचे ये यात्री बर्तनों की नगरी कहे जाने वाले जगाधरी के प्रसिद्ध बर्तन बाजार में खरीदारी करने पहुंचे। सड़क किनारे लगे स्टालों से स्टील, तांबा, पीतल के बर्तन और गर्म कपड़े खरीदकर वे घर लौटे। दशकों पुरानी परंपरा के तहत मेले के बाद जगाधरी आना श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन गया, जबकि कारोबारियों के चेहरे खिल उठे। जाम से जूझते श्रद्धालु, पैदल चले बाजार तक बिलासपुर रोड पर रक्षक विहार नाके से मटका चौक तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही। बड़े वाहनों के बाजार में प्रवेश पर रोक होने से श्रद्धालुओं ने सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी कर पैदल बाजार में प्रवेश किया। मटका चौक से जगाधरी रेलवे बर्तन बाजार तक एंट्री पॉइंट पर जाम लग गया। कारोबारियों ने सुविधा के लिए बाहर ही स्टाल सजा रखे थे, जहां छोटे-बड़े हर तरह के बर्तन उपलब्ध थे। छोटे बर्तनों की ज्यादा खरीदारी श्रद्धालु छोटे बर्तनों को ज्यादा पसंद करते दिखे, क्योंकि इन्हें निशानी के तौर पर ले जाना आसान होता है। पंजाब के जिला मोगा से आए हरप्रीत सिंह ने बताया कि उसके परिजन 50 सालों से लगातार मेले में आ रहे हैं, लेकिन वह पहली बार आया है। बाजार से यह याद के लिए बर्तन लेकर जा रहा है। यहां बर्तन सस्ते व अच्छी क्वालिटी के मिलते हैं। यादगार के तौर पर लेकर जाते हैं बर्तन मुक्कस ने आए बलजीत सिंह ने बताया कि वह 15 साल से आ रहे हैं। जब भी यहां से वापस लौटते हैं तो एक बर्तन लेकर जाते हैं। इसकी काेई खास वजह नहीं है, बस यादगार के तौर पर लेकर जाते हैं। घर जाकर दिखाते हैं कि जगाधरी की बर्तन नगरी से लाए हैं। पंजाब के मुकाबले सस्ते बर्तन गुरदासपुर से आई गुरमीत कौन ने बताया कि उन्हाेंने स्टील के साथ तांबे और पीतल के बर्तन लिए हैं। यहां बर्तनों के रेट पंजाब की दुकानों से थोड़े कम लगे हैं। दूसरा जब पिछली बार आई थी तो जल्दबाजी में बर्तनों की ज्यादा खरीद नहीं कर पाई थी। भटिंडा से आई जसविंद्र कौर ने बताया कि उन्हाेंने स्टील की 10 थाली ली हैं।

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