पंजाब न्यूजलाइन, बठिंडा, 3 फरवरी-
पंजाब के केंद्रीय विश्वविद्यालय, कुलपति, प्रो। राघवेंद्र पी। तिवारी के संरक्षण में, तीन दिनों के उद्घाटन सत्र का आयोजन किया “समाज में पर्यावरणीय जागरूकता के निर्माण पर डिजिटल सामग्री निर्माण कार्यशाला।” इस पहल का उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रभावशाली डिजिटल सामग्री बनाने, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल से लैस करना है।
MC और मीडिया स्टडीज विभाग द्वारा आयोजित संस्थान की नवाचार परिषद के सहयोग से, कार्यशाला को पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा वित्त पोषित किया गया है और भारत सरकार सरकार, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा समर्थित है। उद्घाटन सत्र में भारतीय शिखन मंडल के राष्ट्रीय आयोजन सचिव, शंक्रानंद बीआर, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल थे। IIT ROPAR के निदेशक प्रो। राजीव आहूजा, और प्रो। कमलेश दुग्गल, पूर्व डीन और पत्रकारिता विभाग के प्रमुख और जन संचार विभाग, GNDU क्षेत्रीय परिसर, जालंधर ने क्रमशः इस कार्यक्रम को विशेष अतिथि और अतिथि सम्मान के रूप में देखा।
अपने उद्घाटन संबोधन में, शांक्रानंद ब्र ने कहा कि प्रकृति ने हमेशा हमें ब्रह्मांड के विभिन्न तत्वों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए जीवन जीने के लिए सिखाया है और एक स्थायी जीवन शैली को अपनाने की दिशा में काम करते हैं और प्रकृति केंद्रित विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।