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हरियाणा में टीचर मनीषा की मौत के मामले में भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण में भाषण देने वाले हिसार के किसान नेता सुरेश कौथ को हरियाणा पुलिस ने नोटिस थमाया है। यह नोटिस हांसी की नारनौंद की मिर्चपुर चौकी की तरफ से दिया गया है। नोटिस पर 20 अगस्त की तारीख है और इसमें सुरेश कौथ के बारे में लिखा है कि ” आपके विरूद्ध गुप्त सूत्रों से पता चला है कि आप अपने मोहल्ले, स्कूल व सार्वजनिक स्थान पर लोगों को डराते धमकाते, गाली-गलौच, झगड़ा-फसाद व सार्वजनिक शांति भंग कर सकते हो। आप दुकानदारों व राहगीरों को धमकाते हो, दादागिरी करते हो। पूर्व में आपको मौखिक रूप से चेतावनी दी जा चुकी है मगर फिर भी आपके द्वारा उपद्रव जारी है। यह आपको अंतिम लिखित चेतावनी दी जाती है, आप अपनी सभी आपराधिक दबंगई गतिविधियां तुरंत बंद कर दें। आप धारा 172(1) बीएनएस के तहत पुलिस अधिकारी के वैध आदेशों की पालना करने के लिए बाध्य है। यदि आपने दोबारा पुलिस के आदेशों की अवहेलना की तो आपके विरूद्ध धारा 172(2) बीएनएस के अंतर्गत गिरफ्तारी, हिरासत, शांति भंग, असमाजिक गतिविधि के संबंध में आगामी आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी”। किसान नेता बोले-न्याय मांगना भी गुनाह बन गया नोटिस मिलने के बाद भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कोथ ने कहा कि आज के हालात ऐसे हो गए हैं कि इस देश में न्याय की मांग करना भी गुनाह बन गया है। हमने मनीषा हत्याकांड में न्याय की आवाज उठाई, लेकिन बदले में प्रशासन ने हमें ही नोटिस थमा दिया। उन्होंने कहा कि हमारे भाषण में कहीं भी कोई आपत्तिजनक शब्द नहीं था, इसके बावजूद नोटिस में हमें दुकानदारों को डराने, पुलिस की कार्रवाई में दखल देने और मोहल्ले में भय फैलाने के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और मजदूरों की आवाज दबाने में लगी हुई है। अब संगठन को और मज़बूत करना जरूरी है क्योंकि आने वाले समय में चुनौतियां और बड़ी होंगी। कौथ बोले-मनीषा हत्या की सच्चाई अलग मनीषा हत्याकांड पर बोलते हुए कहा कि यह बेहद जघन्य अपराध है। कुछ लोग इसे आत्महत्या बताने की अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि सच्चाई अलग है। मृतका का परिवार और गांववासी भी मानते हैं कि यह हत्या का मामला है। पूरे प्रदेश की जनता चाहती है कि मनीषा को न्याय मिले और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। बैठक बुलाकर प्री-पेड बिजली मीटर का किया विरोध वहीं किसान नेता सुरेश कौथ की ओर से किसान संगठन की बैठक बुलाई गई, जिसमें केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला गरीबों और किसानों को बिजली से दूर करने की साजिश है। किसान की आमदनी छह महीने में आती है, ऐसे में पहले पैसे जमा कराने और बैलेंस खत्म होते ही बिजली काटने की व्यवस्था किसानों के लिए बेहद कठिन साबित होगी। सुरेश कोथ ने कहा कि हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मुद्दे पर 31 अगस्त को नरवाना में कन्वेंशन बुलाने का निर्णय लिया है, जिसमें प्रदेशभर के किसान संगठन भाग लेंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि किसी भी गांव में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रयास हुआ तो किसान उसका डटकर विरोध करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि यदि बिजली निगम का कोई कर्मचारी गांव में मीटर लगाने पहुंचे तो तुरंत संगठन को सूचित किया जाए।


