पंजाब न्यूज़लाइन, चंडीगढ़, 19 मार्च-
हरियाणा कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा है कि सरकार ने भूजल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने के बारे में बहुत काम किया है। मंत्री आज हरियाणा विधानसभा के चल रहे सत्र के दौरान ध्यान प्रस्ताव पर बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार पानी की गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी के लिए 2200 निरीक्षण बिंदुओं का उपयोग कर रही है। इसके अलावा, केंद्रीय भूजल बोर्ड भी पानी की गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी करता है। भूजल लवणता और जलप्रपात की समस्या को हल करने के लिए अनुसंधान किया जा रहा है। 2018-19 में, इस समस्या को हल करने के लिए वर्टिकल ड्रेनेज तकनीक का उपयोग किया गया था।
श्रुति चौधरी ने कहा कि सिंचाई विभाग ने 2018-19 में 108.78 करोड़ रुपये खर्च करके 26,110 एकड़ जमीन को वाटरलॉगिंग से मुक्त कर दिया। 2026-2031 तक 2 लाख एकड़ जमीन में जलप्रपात को खत्म करने के लिए विश्व बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि “जल सुरक्षित हरियाणा” योजना के तहत पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। भूजल संसाधन मूल्यांकन (GWRE), 2024 के तहत जल स्तर की निगरानी की जाएगी। हरियाणा नहर और जल निकासी अधिनियम, 1974 के तहत जल प्रदूषण करने के लिए दंड और कारावास का प्रावधान है।