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गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे पर बजघेड़ा टोल प्लाजा के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। ग्रामीण इस टोल को आसपास के गांवों के लिए मुफ्त करने की मांग को लेकर बजघेड़ा टोल प्लाजा पर एकत्र हुए हैं। यहां एक पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि टोल प्लाजा के संचालन से उनके दैनिक जीवन पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा। इस टोल को आसपास के गांवों के लिए मुफ्त किया जाए।
इन गांवों के लोगों का विरोध
जिसमें बजघेड़ा गांव के अलावा, सराय अलावर्दी, चौमा, बाबूपुर, जहाजगढ़, धर्मपुर, ब्रह्मपुरी, दौलताबाद, धनवापुर, खेड़की माजरा, धनकोट, न्यू पालम विहार और दिल्ली क्षेत्र के गांव भरथल, धूलसिरस, बामनोली, बिजवासन, शाहबाद, बागरोला, अम्बराही, पोचनपुर और छावला गांवों के लोग पहुंचे हैं। ये सभी गांव बजघेड़ा टोल के पांच किमी की परिधि में आते हैं।
टोल प्लाजा पर प्रदर्शन
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो उन्हें जीवन भर इस टोल का आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा। इस मुद्दे को लेकर गांवों की एकता को मजबूत करने के लिए यह पंचायत बुलाई गई है। पंचायत के लिए ग्रामीण स्वास्तिक एस्टेट, साईं चौक पर एकत्रित होंगे और वहां से टोल प्लाजा की ओर कूच करेंगे।
अधिकारी और नेताओं से कर चुके मुलाकात
यूनाइटेड आरडब्ल्यूए फेडरेशन पदाधिकारी राकेश राणा ने बताया कि गांव गुहांड एकता जिंदाबाद के नारे के साथ ग्रामीण इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाने के लिए तैयार हैं। फेडरेशन ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। फेडरेशन ग्रामीणों की मांगों को समर्थन देते हैं और इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
आर्थिक बोझ होगा
उनका कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण क्षेत्र के विकास के लिए किया गया है, लेकिन टोल टैक्स के रूप में अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालना स्थानीय लोगों के साथ अन्याय है। उनका तर्क है कि यह सड़क उनके गांवों और रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी है, इसलिए इसे टोल-मुक्त रखा जाना चाहिए।


