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राजकीय शिक्षण महाविद्यालय का सीबीएलयू में विलय पर विरोध:विद्यार्थियों ने भिवानी के विधायक को सौंपा ज्ञापन, बोले- छात्रों पर पड़ेगा अतिरिक्त आर्थिक भार




प्रदेश सरकार द्वारा भिवानी में राजकीय शिक्षण महाविद्यालय के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में विलय की प्रस्तावित योजना के विरोध में सोमवार को छात्र नेता मोहित आसलवास के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने पूर्व मंत्री एवं विधायक घनश्याम सर्राफ को मांगपत्र सौंपा। इस दौरान विद्यार्थियों ने इस विलय को रोकने की अपील की। मांगपत्र सौंपते हुए छात्र नेता मोहित आसलवास ने कहा कि भिवानी के राजकीय शिक्षण महाविद्यालय का सीबीएलयू में विलय करने की विश्वविद्यालय व विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है, जो कि विद्यार्थी विरोधी कदम है। भिवानी का शिक्षण महाविद्यालय वर्ष 1973 से संचालित है तथा इसने अब तक हजारों छात्रों को शिक्षित किया है। जिन्होंने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है। यह संस्थान प्रदेश के सबसे कम शुल्क वाले संस्थानों में से एक है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बहुत लाभ हुआ है। छात्र नेता बोले- बढ़ेगी फीस
मोहित आसलवास ने कहा कि वर्तमान में इस महाविद्यालय की फीस लगभग 34 हजार 500 है, जबकि सेल्फ फाइनेंस या निजी शिक्षण महाविद्यालयों की फीस एक लाख रुपए से भी अधिक है। यदि यह विलय होता है तो छात्रों को चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के मानदंडों के अनुसार अधिक फीस का भुगतान करना होगा। जिससे गरीब परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। महाविद्यालय को विलय ना करने की मांग
ऐसे में इस महाविद्यालय को विलय करने के बजाय इसे एक स्वतंत्र शिक्षण महाविद्यालय के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सके। इस मौके पर विधायक घनश्याम सर्राफ ने आश्वासन दिया कि वे इस मांग को शिक्षा विभाग के निदेशक व शिक्षा मंत्री तक पहुंचाएंगे तथा विद्यार्थियों के हितों से किसी प्रकार का कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इस अवसर पर नरेश, सुंदर, दीपांशी, सोनल ग्रेवाल, मेघा परमार, शंकर, प्रवीण, अभिलाष, सचिन, अरूण, अंकित सहित अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।

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