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गुरुग्राम के खांडसा श्मशान के विवाद में भीमसेना की एंट्री:सतपाल तंवर बोल-एक ईंट भी नहीं हटने देंगे, स्टे पर कोर्ट में सुनवाई आज




गुरुग्राम के खांडसा गांव में श्मशान पर कब्जे को लेकर तनाव बढ़ गया है। शनिवार और रविवार को कब्जा दिलवाने पहुंची नगर निगम की टीम को ग्रामीणों ने बैरंग लौटा दिया था। अब भीम सेना श्मशान पर कब्जे के विरोध में खड़ी हो गई है।
सोमवार को खांडसा के रहने वाले भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर ने कहा कि श्मशान की एक ईंट भी नहीं हटने दी जाएगी, चाहे इसके लिए हमें अपनी जान की कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
अब इस मामले में खांडसा गांव को पार्टी बनाने और पूर्व में दिए आदेश को लेकर ग्रामीणों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। श्मशान पर कब्जे पर स्टे काे लेकर आज कोर्ट में सुनवाई होगी। ग्रामीणों ने शुरू किया विरोध
सतपाल तंवर ने बताया कि नगर निगम अधिकारियों ने शनिवार और रविवार को श्मशान घाट को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन भीम सेना और स्थानीय ग्रामीणों के कड़े विरोध के बाद प्रशासन को कार्रवाई रोकनी पड़ी। कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए अधिकारी पटवारी और तहसीलदार को साथ लेकर पैमाइश करने पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह और जीएमडीए के डीटीपी आरएस बाठ कथित तौर पर सख्त कार्रवाई करने वाले थे। जिस पर ग्रामीणों ने श्मशान को बचाने के लिए एकजुट होकर विरोध शुरू कर दिया। पंचायत में लिया फैसला
सतपाल तंवर सहित ग्रामीणों और क्षेत्र के पार्षद अवनीश राघव उर्फ रिंकू ने श्मशान घाट पर ही पंचायत बुलाई। इस दौरान तंवर ने प्रशासन को दो टूक चेतावनी दी कि श्मशान घाट को किसी भी कीमत पर नहीं तोड़ने नहीं दिया जाएगा। हालांकि भीम सेना के आक्रामक रुख और ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रशासन की टीम फिलहाल बैरंग लौट गई, लेकिन जीएमडीए और एमसीजी के अधिकारी इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं।
लोगों की आस्था जुड़ी है
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का कहना है कि यह श्मशान उनके लिए धार्मिक, आस्था और जन भावनाओं के महत्व का स्थान है। इसे तोड़ना उनकी भावनाओं पर चोट है। सालों से वे यहां पर संस्कार करते आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि श्मशान की यह जमीन बेशकीमती है, जिस पर कुछ लोगों की नजर है, लेकिन ग्रामीण इस पर अनाधिकृत कब्जा नहीं होने देंगे।
ये है मामला
यहां के पार्षद अवनीश राघव का कहना है कि हाईवे बनाने के लिए सालों पहले एनएचएआई द्वारा यहां के जमीन मालिकों को मुआवजा दिया जा चुका है। अब कुछ लोग मुआवजा लेने के बाद श्मशान में अपनी जमीन बता रहे हैं।
​​​​​​​ इसको लेकर नगर निगम के खिलाफ एक व्यक्ति ने केस भी किया था। जो निगम द्वारा सही पैरवी नहीं की गई, जिसके कारण कोर्ट ने कब्जा दिलाने को कहा। अब गांव को पार्टी बनाने और स्टे की एप्लिकेशन लगाई गई है। जिसकी आज कोर्ट में सुनवाई है।

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