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हरियाणा के नारनौल में दो किसानों ने अपनी खड़ी बाजरे की फसल पर कीड़े लगने की वजह से ट्रैक्टर चला दिए। कुछ ऐसा ही अन्य किसान करने की तैयारी में हैं। जिला के अधिकांश किसानों की बाजरे की फसल पर कीड़े लग गए हैं। वहीं किसानों का कहना है कि सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल महेंद्रगढ़ जिले के किसानों के लिए नहीं खोला है। ऐसे में उनको मुआवजा नहीं मिल पाएगा। किसानों ने सरकार से जिला के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की मांग की है। जिला महेंद्रगढ़ में इस बार बाजरे की फसल पर संकट के बादल छाए हुए हैं। फसलों पर कीड़े लग गए हैं। जिसके कारण किसान अपनी खड़ी हुई फसल पर ही ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हैं। गांव मंढाणा के पांच किसानों ने बाजरे की फसल में कीड़े लगने की वजह से खड़ी फसल पर ही ट्रैक्टर चला दिया। इनमें से किसान सुधीर व संजय ने अपनी दो-दो एकड़ फसल तथा सुरेंद्र, सुरेश कुमार तथा योगेंद्र ने एक-एक एकड़ फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। कई गांवों की फसल आई चपेट में गांव मंढाणा की ही नहीं, बल्कि गांव मांदी, सेका, कादीपुरी, पटीकरा सहित आसपास के अनेक गांवों की बाजरे की फसल में कीड़ों का प्रकोप है। इस बारे में गांव मंढाणा के किसान अशोक कुमार, नवीन, टोनी, मोनी, योगेश, पूर्व सरपंच महावीर, बाबूलाल, नागर, रविंद्र, मास्टर प्रवेश, अशोक कुमार, परमदीप, हंसराज, उदय सिंह, मुकेश पार्षद, संजय, रतिराम, ठाेलू व विक्रम आदि ने बताया कि कीड़ों की वजह से पूरी फसल नष्ट होने के कगार पर है। इन कीटों का है प्रकोप किसान सुरेंद्र, संजय व योगेंद्र ने बताया कि बाजरे की फसल में व्हाइट ग्रब, इरगोट व एफएवी हैलीकोवरपा का आंतक है। हेलीकोवरपा बहु भक्षी कीट है, जिसका मतलब है कि वह कई तरह की फसलों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं व्हाइट ग्रब को सफेद लट भी कहा जाता है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाता है तथा उनकी जड़ों को खत्म कर देता है। जिसके कारण फसलें मुरझा जाती हैं। इससे फसल बढ़ना बंद हो जाती है। खोला जाए क्षतिपूर्ति पोर्टल किसान अशोक, नवीन व योगेश ने बताया कि सरकार ने कुछ जिलों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है, मगर जिला महेंद्रगढ़ के लिए यह पोर्टल नहीं खोला गया है। इसलिए सरकार जल्दी से जिला महेंद्रगढ़ के लिए भी यह पोर्टल खोले।


