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हरियाणा में अभी तक 57.30 फीसदी राशन कार्ड होल्डर्स ने अपनी ई-केवाईसी (e-KYC) करवाई है। 3 से 4 बार डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद लोग ई-केवाईसी करवाने नहीं आ रहे हैं। हालांकि, अभी ई-केवाईसी का पोर्टल बंद नहीं किया गया है। मगर ई-केवाईसी नहीं करवाने वालों की भविष्य में परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, प्रदेश में 46 लाख 14 हजार 604 राशन कार्ड बने हुए हैं। इनमें 1 करोड़ 75 लाख 69 हजार 739 लाभ प्राप्तकर्ता यानी बेनिफिशरीज हैं। इनमें से अभी तक 1 करोड़ 67 हजार 754 लोगों ने ई-केवाईसी कराई है। मगर 75 लाख 1 हजार 985 लोगों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है। ई-केवाईसी करवाने में सबसे पिछड़ा जिला गुरुग्राम है। यहां मात्र 28.98 प्रतिशत कार्ड होल्डर्स ने ई-केवाईसी कराई है। वहीं, सबसे अधिक ई-केवाईसी कैथल जिले में हुई है। यहां 70.94 प्रतिशत कार्ड होल्डर ई-केवाईसी करवा चुके हैं। दूसरे नंबर पर सिरसा में 70.74, तीसरे नंबर पर भिवानी में 66 प्रतिशत, चौथे नंबर पर रोहतक में 65.43 प्रतिशत और पांचवें नंबर पर फतेहाबाद में 64.63 प्रतिशत कार्ड होल्डर्स ने ई-केवाईसी कराई है। 22 में से 4 जिले तो ऐसे हैं, जहां ई-केवाईसी करवाने वालों का आंकड़ा 50 फीसदी भी नहीं पहुंचा है। क्या है ई-केवाईसी ई-केवाईसी (e-KYC) एक ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिसका अर्थ इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर (Electronic Know Your Customer) है। इसमें किसी व्यक्ति की पहचान और पते का सत्यापन आधार कार्ड और फैमिली आईडी जैसी डिजिटल आईडी के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता है। यह प्रक्रिया सुरक्षित और तत्काल होती है। जानिए… राशन कार्ड धारक को क्या-क्या मिलते हैं लाभ हरियाणा में बीपीएल और एएवाई कार्डधारक हैं। बीपीएल के पीले जबकि एएवाई श्रेणी वालों के गुलाबी रंग के कार्ड बने हुए हैं। गुलाबी कार्डधारकों को हर महीने 35 किलो गेहूं, साढ़े 13 रुपए किलोग्राम के हिसाब से एक किलोग्राम चीनी और 30 रुपए का एक लीटर जबकि 100 रुपए में दो लीटर सरसों का तेल मिलता है। इसी तरह बीपीएल यानी पीले कार्ड वालों को प्रति मेम्बर 5 किलो गेहूं, एक किलो चीनी साढ़े 13 रुपए के हिसाब से और 30 रुपए लीटर का लीटर या 100 रुपए में दो लीटर सरसों का तेल मिलता है। सरसों का तेल एक लीटर लेना है या दो लीटर, यह कार्ड धारक की मर्जी है। ई-केवाईसी के लिए क्या चाहिए ई-केवाईसी करवाने की बेहद सरल प्रक्रिया है। इसके लिए सिर्फ कार्ड धारक के पास आधार नंबर होना चाहिए। राशन डिपो या बैंक में जाकर भी ई-केवाईसी करवाया जा सकता है। राशन डिपो पर जाते ही आधार नंबर देना है। इसके बाद आधार नंबर डालने पर मशीन में फिंगर प्रिंट लगेंगे। इतना होते ही ई-केवाईसी हो जाएगी। इसमें मात्र 10 सेकेंड का समय लगेगा। इसलिए जरूरी है ई-केवाईसी फतेहाबाद के फूड एंड सप्लाई कंट्रोलर (डीएफएससी) विनीत जैन बताते हैं कि ई-केवाईसी के जरिए सरकार राशन कार्ड होल्डर्स का डेटा आईडेंटिफाई कर रही है। आधार नंबर फैमिली आईडी से लिंक होगा। वही आधार नंबर राशन कार्ड से भी लिंक होगा। इससे कार्ड होल्डर उसी गांव या वार्ड में रहता है या नहीं, इसकी जांच हो जाएगी। ई-केवाईसी नहीं करवाने से यह नुकसान अधिकारी बताते हैं कि ई-केवाईसी नहीं करवाने से क्या नुकसान होगा, अभी इसको लेकर सरकार की गाइडलाइन नहीं आई है। मगर आने वाले दिनों में कार्ड को फ्रीज करने और सुविधाएं नहीं मिलने जैसी समस्या झेलनी पड़ सकती है। इसलिए ई-केवाईसी करवाना जरूरी है। ये हैं ई-केवाईसी नहीं करवाने के मेन कारण सीएससी संचालक प्रवीन कुमार बताते हैं कि कुछ लोग इस समय धान की रोपाई में व्यस्त हैं। इस कारण वह ई-केवाईसी करवाने नहीं आ रहे हैं। वहीं, सबसे बड़ा मेन कारण लोगों में डर है। उनको डर है कि अगर ई-केवाईसी करवाई तो फैमिली आईडी में इनकम ज्यादा होने पर राशन कार्ड कट सकता है। वहीं, एक अन्य सीएससी संचालक रवि कुमार बताते हैं कि कुछ लोगों के मूल स्थान से दूसरे स्थान पर रहना भी एक कारण हो सकता है। स्पेशल ई-केवाईसी करवाने वह आना नहीं चाह रहे।


