भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी शिक्षिका मनीषा जिस स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़ी, उस स्कूल के प्रिंसिपल से दैनिक भास्कर एप की टीम ने बातचीत की। इस दौरान मनीषा को लेकर बातचीत की। इस दौरान मनीषा के ढिगावा मंडी स्थित आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल वजीर मान ने कहा कि पुलिस द्वारा मनीषा के सुसाइड की बात कही जा रही हैं। उस पर विश्वास कम हो रहा है। मनीषा का ऐसा स्वभाव नहीं था। वह हर किसी के साथ मिलकर रहती थी। लेकिन स्कूल में पढ़ाई के दौरान कभी झगड़ालु प्रवृत्ति नहीं रही। वहीं सबसे अधिक गणित व विज्ञान विषय में पकड़ थी। पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भाग लेती थी। भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी मनीषा ने जहां से कक्षा 10वीं तक पढ़ाई की उसके ढिगावा मंडी स्थित आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल वजीर मान से बातचीत प्रश्न : मनीषा कौन-सी कक्षा से कहां तक यहां पढ़ी? वजीर मान : मनीषा 10वीं कक्षा तक हमारे स्कूल में पढ़ी है। पढ़ने में वह काफी होशियार थी। वहीं स्वभाव से भी बहुत शांत थी। प्रश्न : पढ़ाई के अलावा और किसी गतिविधि में भाग लेती थी क्या? वजीर मान : पढ़ाई के अलावा सभी कल्चर एक्टिविटी में भाग लेती थी। बहुत अच्छे स्वभाव की व संस्कारवान लड़की थी। प्रश्न : पढ़ाई को लेकर मनीषा कैसी थी? वजीर मान : मुझे आज भी याद है कि उसने कभी होमवर्क या फिर अन्य कोई टीचर के पास कोई शिकायत नहीं आई। जब तक वह पढ़ी। प्रश्न : टीचरों के साथ व्यवहार कैसा था? वजीर मान : सभी टीचर व सहपाठी के साथ बहुत अच्छा व्यवहार था। प्रश्न : पढ़ाई को लेकर कैसा सहयोग करती थी और कुछ पढ़ाई को लेकर बता सकते हों? वजीर मान : पहले और आज की परिस्थितियां क्या रही होंगी। इसके बारे में तो क्या बता सकते हैं। लेकिन उसका स्वभाव अच्छा था। कभी झगड़ालु प्रवृत्ति नहीं रही। प्रश्न : पढ़ाई के अलावा किन गतिविधियों में शामिल रही? वजीर मान : वह पढ़ाई के अलावा जो स्कूल में गतिविधि होती है, चाहे स्पोर्ट्स एक्टिविटी हो, कल्चरल एक्टिविटी है या पोस्टर मेकिंग गतिविधि हो। सभी में भाग लेती थी और अच्छा रिजल्ट देती थी। प्रश्न : मनीषा के भाई भी आपके स्कूल में पढ़ता है, उसका कैसा व्यवहार है? वजीर मान : हां, मनीषा का छोटा भाई हमारे स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ रहा है। पूरे परिवार के बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। सभी संस्कारवान हैं। उनके परिवार से करीब 14-15 साल से वास्ता है। प्रश्न : 10वीं तक स्कूल में पढ़ी है तो कितने प्रतिशत तक अंक मिलते होंगे? वजीर मान : मनीषा मेरिटोरियस लड़की थी। उसके 70-80 प्रतिशत अंक 10वीं कक्षा में आए होंगे। आगे की पढ़ाई दूसरे स्कूल से की है। प्रश्न : काफी समय तक मनीषा को पढ़ाया। उस दौरान स्वभाव कैसा रहा? वजीर मान : मनीषा की मौत कैसे हुई, इस पर तो कुछ नहीं कह सकते कि कैसे क्या घटना हुई। लेकिन पुलिस व दूसरी चीजें जो कह रही है उस पर विश्वास कम हो रहा है। उसका स्वभाव ऐसा लगता नहीं कि उसने ऐसा किया होगा। बाकि परमात्मा जाने। प्रश्न : स्कूल में उसकी रुचि किस चीज में रही? वजीर मान : उसकी रुचि पढ़ाई में अधिक रही। उसका स्वभाव सबसे घुल-मिलकर रहने का था। किसी प्रकार की झगड़ालू प्रवृत्ति नहीं थी। प्रश्न : मनीषा की किस सब्जेक्ट में पकड़ अच्छा थी या रुझान ज्यादा था? वजीर मान : उसकी अच्छी पकड़ मैथ व साइंस (गणित व विज्ञान) में थी। स्कूल से डेढ़-दो किलोमीटर दूर मिला था शव मनीषा जिस प्ले वे स्कूल में पढ़ाती थी, उससे घटनास्थल करीब डेढ़-दो किलोमीटर दूर है। गांव सिंघानी से सिवानी की तरफ जाने वाले मार्ग पर करीब डेढ़-दो किलोमीटर चलने के बाद एक नहर आती है। उसके साथ से कच्चा रास्ता जाता है। उस पर करीब 100 मीटर चलने के बाद वह घटनास्थल है, जहां पर मनीषा का शव मिला था। मनीषा का शव कच्चे रास्ते के पास ही खेत के एक कोने में पड़ा हुआ था। हालांकि जिस एरिया में मनीषा का शव था, वहां पर फसल भी काफी कम थी। यह था मामला मनीषा के पिता संजय ने बताया था कि उनकी बेटी 11 अगस्त को सुबह घर से निकली थी। दोपहर के समय मनीषा का फोन आया कि वह एडमिशन का पता करने नर्सिंग कॉलेज जाएगी और लेट हो जाएगी। लेकिन मनीषा घर नहीं लौटी। इसके बाद डायल 112 पर इसकी सूचना दी गई। वहीं 12 अगस्त को लोहारू थाने में शिकायत देने गए तो पुलिस वालों का व्यवहार सही नहीं रहा। 13 अगस्त को मनीषा का शव खेतों में पड़ा हुआ मिला। जिसके बाद परिवार ने हत्या की आशंका जताई। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया। मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई तो परिवार व ग्रामीणों में रोष पैदा हुआ और लगातार धरना प्रदर्शन चला। 18 अगस्त को पुलिस ने इसे सुसाइड का मामला बताया। उसी दिन सुसाइड नोट वायरल हुआ। परिवार व लोगों को यह बात हजम नहीं हुई। इसलिए विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 20 अगस्त को सरकार ने केस की जांच सीबीआई को सौंपने और शव का पोस्टमार्टम एम्स में कराने की बात मान ली। 21 अगस्त को मनीषा के शव का अंतिम संस्कार कर अगले दिन अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर दी।