Haryana: बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ दिया जाएगा 15 हजार का मुआवजा, सीएम बोले-फसली ऋण वसूली स्थगित
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़-बारिश से बहुत नुकसान हुआ।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़-बारिश से बहुत नुकसान हुआ।
हरियाणा में मानसून की औपचारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर सक्रिय हलचलों तथा एक चक्रवातीय सर्कुलेशन के प्रभाव से मौसम ने फिर से करवट ले ली है।
मंडियों में धान की खरीद और उठान को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सीएम सैनी पर हलमा बोला है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के मुआवजे को लेकर पूर्व की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर हर साल 100,000 लाख डॉलर यानी 88 लाख रुपये का नया शुल्क भारत की सबसे प्रतिभाशाली युवाशक्ति के भविष्य पर सीधी चोट है। हजारों भारतीय पेशेवर अपनी उड़ानें रद्द करने को मजबूर हैं। जो अमेरिका से बाहर हैं, वे भारी शुल्क के कारण असमंजस की स्थिति में फंसे हुए हैं। सांसद सैलजा ने कहा कि पिछले वर्ष एच-1बी वीजा धारकों में लगभग 71 प्रतिशत भारतीय थे। अब उन पर करारा प्रहार हुआ है। सरकार की चुप्पी कब कार्रवाई में बदलेगी? हमारे नागरिक केवल दिखावे नहीं, ठोस संरक्षण के हकदार हैं। सांसद सैलजा ने कहा कि हरियाणा में डीएपी खाद की भारी कमी को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा सरकार की नीतिगत लापरवाही के कारण प्रदेश के किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। सिरसा में भी मंडी में खाद लेने आने वाले किसानों की भीड़ जुट जाती है। कई जिलों में डीएपी का स्टॉक खत्म : सैलजा मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि चीन द्वारा स्पेशियलिटी फर्टिलाइजर की आपूर्ति रोके जाने से देश में खाद की भारी किल्लत होगी। लेकिन भाजपा सरकार ने समय रहते इस संकट के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब वही स्थिति सच साबित हो रही है। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, यमुनानगर समेत कई जिलों में डीएपी खाद का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है। किसान खाद की तलाश में मंडियों और बाजारों में भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। जिलों में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध करवाने की मांग सांसद ने कहा कि पहले बाढ़ से फसलें तबाह हुईं, अब खाद के अभाव में किसान बुवाई तक नहीं कर पा रहे। भाजपा सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के बजाय उन्हें बाजार की मार झेलने के लिए छोड़ दिया है। आखिर कब तक किसान भाजपा सरकार की अव्यवस्था का शिकार बनता रहेगा? कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की कि खाद की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, जिलों में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया जाए और संकट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
हरियाणा में बाजरे की खरीद सरकार की ओर से एक अक्टूबर से शुरू हो रही है। झज्जर जिले में में बाजरे की खरीद के लिए 10 मंडियां बनाई गई हैं जिनमें किसानों के बाजरे की खरीद की जाएगी। खरीद शुरू होने से पहले ही जिले की मंडियों में करीब 50 हजार क्विंटल बाजरा आ चुका है। सबसे अधिक बाजरा झज्जर और मातनहेल की अनाज मंडी में आ चुका है। खरीद शुरू होने से पहले ही किसान बाजरा लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से खरीद प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू की जाएगी। झज्जर जिले शहर की अनाज मंडी के शेड से बाहर भी बाजरा डाला जा चुका है। मंडियों से बाजरा की खरीद वेयर हाउस और हैफेड एजेंसियों द्वारा की जाएगी। जिले में बनाई 10 खरीद मंडियां जिले में इस बार बाजरे की खरीद के लिए 10 मंडियां बनाई गई हैं, जिनमें से 7 अस्थाई और 3 स्थायी मंडियां हैं। मंडी के कार्यवाहक प्रधान हरेंद्र सिलाना ने बताया कि किसानों ने इस बार बाजरे की बुआई समय से पहले कर दी थी, जिसके चलते मंडियों में फसल की आवक भी पहले हो गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि एक अक्टूबर की बजाय बाजरे की खरीद अभी से शुरू कर देनी चाहिए। किसानों के लिए मंडी में होगी व्यवस्थाएं झज्जर मार्किट कमेटी के सचिव रामनिवास ने बताया कि मंडी में सफाई व्यवस्था और पानी की व्यवस्था खरीद शुरू होने से पहले ही कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मंडी में किसान बाजरा लेकर पहुंच रहे हैं इसलिए किसानों के लिए व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। वहीं मंडी आढ़तियों का कहना है कि अभी तक एजेंसियों की ओर से बाजरा खरीद के लिए बार दाना भी नहीं भेजा है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 21-22 सितंबर को आयोजित किए जाने वाले दो दिवसीय कृषि मेला (रबी) में मुख्य अतिथि प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी 42 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करेंगे।
सैनी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। हरियाणा में खरीफ की फसलों की खरीदारी शुरू होने वाली है
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में 21 सितंबर से दो दिवसीय कृषि मेला आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. कम्बोज ने बताया कि मेले में प्रदेश के 42 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जाएगा। इन किसानों को किया चयनित हर जिले से दो किसानों का चयन किया गया है। इनमें कृषि और संबंधित व्यवसायों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान शामिल हैं। सम्मानित होने वाले किसानों में करनाल से नीरज चौधरी और बिल्लों, पलवल से रामबीर सिंह और भतेरी, कुरुक्षेत्र से मलूक सिंह और पूजा सैनी शामिल हैं। नूंह से मदल लाल और हेमलता, फतेहाबाद से रमेश चौहान और देवकी को सम्मानित किया जाएगा। झज्जर से सुंदर सिंह और किरण, अंबाला से शमशेर सैनी और रेखा रानी को सम्मान मिलेगा। हिसार के कृष्ण और नीरू को मिलेगा सम्मान हिसार से कृष्ण और नीरू, सिरसा से गुरदीप और सर्वजीत कौर, भिवानी से अनूप और राजकुमारी को सम्मानित किया जाएगा। यमुनानगर से जसवंत सैनी और अनीता, रोहतक से जय भगवान सहारण और सुंदर देवी को सम्मान मिलेगा। पानीपत, महेंद्रगढ़, जींद, रेवाड़ी, कैथल, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत के किसान भी सम्मानित होंगे। इन क्षेत्रों में किया महत्वपूर्ण कार्य इन प्रगतिशील किसानों ने मछली पालन, प्राकृतिक खेती, कटाई सिलाई, फसल अवशेष प्रबंधन, साइलेज, डेयरी, समन्वित कृषि विकास, गन्ने की नकदी फसल, हस्तकला एवं वस्त्र सज्जा, दुग्ध उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि में विविधीकरण, अन्नपूर्णा आजीविका रसोई, पशुपालन, स्वयं सहायता समूह, एकीकृत कृषि प्रणाली, सब्जी बीज उत्पादन, जूट बैग, फास्ट फूड, फसल विविधीकरण, कपड़ा छपाई एवं सिलाई कढ़ाई, संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकीय, मोटे अनाज का खाद्य प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन, धान की सीधी बिजाई, संसाधन संरक्षण, खुंब उत्पादन, टपका सिंचाई, बीज उत्पादन, संसाधन संरक्षण तकनीक, फल व सब्जी परिरक्षण आधारित स्वयं सहायता समूह, संरक्षित खेती, उच्च तकनीक नर्सरी, उपज का विपणन और ब्रांडिंग, फल एवं सब्जी का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, स्वयं सहायता समूह, मिश्रित बागवानी, बेकरी उत्पाद, केंचुआ खाद उत्पादन, हर्बल खेती एवं मूल्य संवर्धित उत्पाद आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया है।
पलवल के डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कृषि विभाग और अन्य अधिकारियों की बैठक में पराली जलाने पर रोक के सख्त निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के अनुसार, पराली जलाने वाले किसानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने स्पष्ट किया कि पराली जलाने पर 5 से 30 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा एफआईआर दर्ज की जाएगी। घटनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी वहीं किसान अगले दो वर्षों तक एमएसपी पर फसल नहीं बेच सकेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिले में पराली जलाने की घटनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। पराली को आय का साधन बनाएं डीसी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे पराली को आय का साधन बनाएं। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है और फसल उत्पादन प्रभावित होता है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी किसान पराली को जलाने के बजाय उसे बेचकर आय अर्जित कर सकते हैं। पराली का सही उपयोग न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।बैठक में जिला राजस्व अधिकारी बलराज सिंह दांगी, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. बाबू लाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।