हरियाणा में किसानों को राहत: बढ़ाई ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन की तिथि, अब इस दिन तक कर सकते हैं अप्लाई
बारिश और जलभराव के चलते हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है।
बारिश और जलभराव के चलते हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है।
फतेहाबाद जिले के जाखल क्षेत्र में राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने बुधवार को दौरा किया। उन्होंने घग्गर नदी के जलस्तर और आसपास के गांवों में बारिश से हुए जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। बराला ने किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को समस्याओं के तुरंत समाधान के निर्देश दिए। प्रशासन पूरी तरह सतर्क सांसद ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। इलाकों में पंपिंग सेट लगाकर पानी की निकासी की जा रही है। प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और स्वयंसेवक भी मदद कर रहे हैं। ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में जलभराव से बचाव के लिए काम कर रही हैं। अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील सांसद ने किसानों को आश्वासन दिया कि फसल क्षति का आकलन कर उन्हें राहत दी जाएगी। बराला ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा कि समस्या होने पर तुरंत प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने और जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी निकासी के उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए।
यमुना नदी का पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश में करीब दस किलोमीटर के दायरे को कवर कर चुका है।
रेवाड़ी में सोमवार दोपहर को हुई बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं जिले के 7 गांवों में 3600 एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है। सबसे अधिक समस्या रतनथल गांव के किसानों को आ रही है। रतनथल गांव की करीब 1600 एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है। रेवाड़ी में बारिश् से हुए लभराव के कारण खासकर स्कूली बच्चों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल की छुट्टी के समय बारिश हुई तो स्कूली बच्चे पानी के बीच से ही घरों के लिए स्कूल से निकले। बारिश के कारण सरकूलर रोड पर जाम के हालात भी बने रहे। जाम खुलवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान चौक-चौराहों पर डटे रहे। किसान बोले : मुआवजा दे सरकार रतनथल गांव के किसानों ने बताया कि करीब 1600 एकड़ भूमि जलमग्न होने के कारण किसानों को बड़ी दिक्कत आ रही है। फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। किसान नीरज ने बताया कि गांव में 4 साल से इस समस्या से जूझ रहे हैं। समस्या से निपटने के लिए पंपिंग स्टेशन बनाया गया था, जो काम नहीं कर रहा है। ऐसे में बारिश का पानी खेतों में खड़ा रहता है। बारिश के पानी के कारण अब किसान लंबे समय तक फसल नहीं ले पाएंगे।
हरियाणा में किसानों के हित में फैसला लेते हुए सरकार ने 12 जिलों के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है।
हिसार जिले के गांव बिठमड़ा में अखिल भारतीय किसान सभा का एक विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता शमशेर सिंह धतरवाल ने की, जबकि संचालन डॉ. मियां सिंह बिठमड़ा ने किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान सर्वसम्मति से चयनित सम्मेलन के दौरान सर्वसम्मति से गांव बिठमड़ा की नई किसान सभा कमेटी का गठन किया गया। इसमें इंद्र सिंह धतरवाल को प्रधान, कर्मबीर गोड़िया को सचिव, शमशेर सिंह धतरवाल को कोषाध्यक्ष, महासिंह को उपप्रधान, दलबीर सिंह धतरवाल को उपप्रधान, प्रदीप कुमार को सह सचिव, डॉ. मियां सिंह बिठमड़ा को प्रचार सचिव तथा अमन कुमार और सेवा सिंह को कमेटी सदस्य चुना गया। 11% शुल्क समाप्त करने का फैसला मुख्य अतिथि सरबत सिंह पूनिया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कपास आयात पर 11 प्रतिशत शुल्क समाप्त करने का फैसला किसानों के साथ सीधा धोखा है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कपास उत्पादक किसानों के हितों पर कुठाराघात है, जिससे किसान भारी गुस्से में हैं। 3 सितंबर को उकलाना में समारोह पूनिया ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी, बारिश से हुए जलभराव, खाद-बीज-दवाइयों की समस्या, बिजली निजीकरण व स्मार्ट मीटर विरोध, बीमा क्लेम और कर्जमुक्त जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर आगामी 3 सितंबर को उकलाना में होने वाले तहसील सम्मेलन में किसान बड़ी संख्या में जुटेंगे और सरकार की किसान विरोधी नीतियों का कड़ा विरोध करेंगे। जलघर और आसपास में जलभराव इस मौके पर प्रधान इंद्र सिंह धतरवाल और डॉ. मियां सिंह बिठमड़ा ने बताया कि भारी बारिश के कारण गांव के जलघर और आस-पास के बड़े क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन को बार-बार अवगत करवाने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। किसान सभा कमेटी भी इस मुद्दे को 3 सितंबर के उकलाना सम्मेलन में प्रमुखता से उठाएगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द जलभराव की समस्या का समाधान किया जाए, ताकि बीमारियों और नुकसान से लोगों को राहत मिल सके।
हरियाणा में टीचर मनीषा की मौत के मामले में भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण में भाषण देने वाले हिसार के किसान नेता सुरेश कौथ को हरियाणा पुलिस ने नोटिस थमाया है। यह नोटिस हांसी की नारनौंद की मिर्चपुर चौकी की तरफ से दिया गया है। नोटिस पर 20 अगस्त की तारीख है और इसमें सुरेश कौथ के बारे में लिखा है कि ” आपके विरूद्ध गुप्त सूत्रों से पता चला है कि आप अपने मोहल्ले, स्कूल व सार्वजनिक स्थान पर लोगों को डराते धमकाते, गाली-गलौच, झगड़ा-फसाद व सार्वजनिक शांति भंग कर सकते हो। आप दुकानदारों व राहगीरों को धमकाते हो, दादागिरी करते हो। पूर्व में आपको मौखिक रूप से चेतावनी दी जा चुकी है मगर फिर भी आपके द्वारा उपद्रव जारी है। यह आपको अंतिम लिखित चेतावनी दी जाती है, आप अपनी सभी आपराधिक दबंगई गतिविधियां तुरंत बंद कर दें। आप धारा 172(1) बीएनएस के तहत पुलिस अधिकारी के वैध आदेशों की पालना करने के लिए बाध्य है। यदि आपने दोबारा पुलिस के आदेशों की अवहेलना की तो आपके विरूद्ध धारा 172(2) बीएनएस के अंतर्गत गिरफ्तारी, हिरासत, शांति भंग, असमाजिक गतिविधि के संबंध में आगामी आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी”। किसान नेता बोले-न्याय मांगना भी गुनाह बन गया नोटिस मिलने के बाद भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कोथ ने कहा कि आज के हालात ऐसे हो गए हैं कि इस देश में न्याय की मांग करना भी गुनाह बन गया है। हमने मनीषा हत्याकांड में न्याय की आवाज उठाई, लेकिन बदले में प्रशासन ने हमें ही नोटिस थमा दिया। उन्होंने कहा कि हमारे भाषण में कहीं भी कोई आपत्तिजनक शब्द नहीं था, इसके बावजूद नोटिस में हमें दुकानदारों को डराने, पुलिस की कार्रवाई में दखल देने और मोहल्ले में भय फैलाने के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और मजदूरों की आवाज दबाने में लगी हुई है। अब संगठन को और मज़बूत करना जरूरी है क्योंकि आने वाले समय में चुनौतियां और बड़ी होंगी। कौथ बोले-मनीषा हत्या की सच्चाई अलग मनीषा हत्याकांड पर बोलते हुए कहा कि यह बेहद जघन्य अपराध है। कुछ लोग इसे आत्महत्या बताने की अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि सच्चाई अलग है। मृतका का परिवार और गांववासी भी मानते हैं कि यह हत्या का मामला है। पूरे प्रदेश की जनता चाहती है कि मनीषा को न्याय मिले और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। बैठक बुलाकर प्री-पेड बिजली मीटर का किया विरोध वहीं किसान नेता सुरेश कौथ की ओर से किसान संगठन की बैठक बुलाई गई, जिसमें केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला गरीबों और किसानों को बिजली से दूर करने की साजिश है। किसान की आमदनी छह महीने में आती है, ऐसे में पहले पैसे जमा कराने और बैलेंस खत्म होते ही बिजली काटने की व्यवस्था किसानों के लिए बेहद कठिन साबित होगी। सुरेश कोथ ने कहा कि हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मुद्दे पर 31 अगस्त को नरवाना में कन्वेंशन बुलाने का निर्णय लिया है, जिसमें प्रदेशभर के किसान संगठन भाग लेंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि किसी भी गांव में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रयास हुआ तो किसान उसका डटकर विरोध करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि यदि बिजली निगम का कोई कर्मचारी गांव में मीटर लगाने पहुंचे तो तुरंत संगठन को सूचित किया जाए।
कैथल के कलायत में भिवानी की मनीषा की मौत के मामले में प्रदर्शन और सड़क जाम करने के लिए इकट्ठा हुए युवाओं का प्रयास विफल हो गया। पुलिस को आते देख युवा जाम लगाने की बजाय खाली पड़े मैदान से होकर भाग गए। यह रविवार को दोपहर के समय हुई जब बड़ी संख्या में युवा कलायत के किसान चौक पर जमा हो गए। मौके पर मची अफरा-तफरी उनका उद्देश्य मनीषा को न्याय दिलाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन करना और सड़क को जाम करना था। जैसे ही पुलिस को इसकी सूचना मिली, थाना प्रभारी रामनिवास तुरंत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस की गाड़ी देखते ही युवाओं में अफरा-तफरी मच गई। कई युवा अपने साधनों पर सवार होकर और कुछ मैदान व खेतों की तरफ भाग गए। हालांकि, कुछ युवा वहीं रुक गए और थाना प्रभारी से बात करने के लिए आगे आए। थाना प्रभारी रामनिवास ने युवाओं से बातचीत की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बताया कि मनीषा का अंतिम संस्कार उसके परिवार की सहमति से हो चुका है और सरकार ने इस संवेदनशील मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। उन्होंने युवाओं से संयम बरतने और कानून व्यवस्था का पालन करने की अपील की। मामला दर्ज होने की दी चेतावनी थाना प्रभारी ने युवाओं को यह भी समझाया कि किसी भी तरह का गैर-कानूनी कदम, जैसे कि सड़क जाम करना या तोड़-फोड़ करना, उनके लिए गंभीर मुश्किलें पैदा कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे कृत्यों से उनके खिलाफ कानूनी मामले दर्ज हो सकते हैं, जिससे भविष्य में सरकारी नौकरी या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में बाधा आ सकती है। कुछ देर बाद वहां से चले गए।
हरियाणा के नारनौल में दो किसानों ने अपनी खड़ी बाजरे की फसल पर कीड़े लगने की वजह से ट्रैक्टर चला दिए। कुछ ऐसा ही अन्य किसान करने की तैयारी में हैं। जिला के अधिकांश किसानों की बाजरे की फसल पर कीड़े लग गए हैं। वहीं किसानों का कहना है कि सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल महेंद्रगढ़ जिले के किसानों के लिए नहीं खोला है। ऐसे में उनको मुआवजा नहीं मिल पाएगा। किसानों ने सरकार से जिला के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की मांग की है। जिला महेंद्रगढ़ में इस बार बाजरे की फसल पर संकट के बादल छाए हुए हैं। फसलों पर कीड़े लग गए हैं। जिसके कारण किसान अपनी खड़ी हुई फसल पर ही ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हैं। गांव मंढाणा के पांच किसानों ने बाजरे की फसल में कीड़े लगने की वजह से खड़ी फसल पर ही ट्रैक्टर चला दिया। इनमें से किसान सुधीर व संजय ने अपनी दो-दो एकड़ फसल तथा सुरेंद्र, सुरेश कुमार तथा योगेंद्र ने एक-एक एकड़ फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। कई गांवों की फसल आई चपेट में गांव मंढाणा की ही नहीं, बल्कि गांव मांदी, सेका, कादीपुरी, पटीकरा सहित आसपास के अनेक गांवों की बाजरे की फसल में कीड़ों का प्रकोप है। इस बारे में गांव मंढाणा के किसान अशोक कुमार, नवीन, टोनी, मोनी, योगेश, पूर्व सरपंच महावीर, बाबूलाल, नागर, रविंद्र, मास्टर प्रवेश, अशोक कुमार, परमदीप, हंसराज, उदय सिंह, मुकेश पार्षद, संजय, रतिराम, ठाेलू व विक्रम आदि ने बताया कि कीड़ों की वजह से पूरी फसल नष्ट होने के कगार पर है। इन कीटों का है प्रकोप किसान सुरेंद्र, संजय व योगेंद्र ने बताया कि बाजरे की फसल में व्हाइट ग्रब, इरगोट व एफएवी हैलीकोवरपा का आंतक है। हेलीकोवरपा बहु भक्षी कीट है, जिसका मतलब है कि वह कई तरह की फसलों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं व्हाइट ग्रब को सफेद लट भी कहा जाता है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाता है तथा उनकी जड़ों को खत्म कर देता है। जिसके कारण फसलें मुरझा जाती हैं। इससे फसल बढ़ना बंद हो जाती है। खोला जाए क्षतिपूर्ति पोर्टल किसान अशोक, नवीन व योगेश ने बताया कि सरकार ने कुछ जिलों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है, मगर जिला महेंद्रगढ़ के लिए यह पोर्टल नहीं खोला गया है। इसलिए सरकार जल्दी से जिला महेंद्रगढ़ के लिए भी यह पोर्टल खोले।
कुछ कर गुजरने का जज्बा और सिद्वी के साथ लग्न व मेहनत की जाए तो सफलताएं खुद ही कदम चूमने लगती है। लीक से हटकर भी किए जाने वाले ऐसे प्रयासों के आगे बड़ी से बड़ी बाधाएं भी नहीं टिक पाती।