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पलवल में यमुना खतरे के निशान से एक फुट नीचे:12 से अधिक गांवों में घुसा पानी, घर खाली करने के आदेश; फसलें डूबीं

पलवल में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र एक फुट नीचे पहुंच गया है। नदी का पानी दर्जन से अधिक गांवों में प्रवेश कर गया है। सुरक्षा कारणों से प्रभावित गांवों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। प्रशासन ने महावलीपुर, मुस्तफाबाद (खटका) और इंद्रानगर को खाली कराने के आदेश दिए हैं। थंथरी, भूड़ खेडली, पहलाद पुर, गुरवाड़ी, बागपुर, शेखपुर, फाटनगर, अतवा, अच्छेजा, बिल्लौचपुर, लहरपुर और सतुआगढ़ी गांवों में भी स्थिति गंभीर है। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह रहा है, लेकिन अधिकांश लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। बाढ़ से 10 से 12 हजार एकड़ में खड़ी फसल प्रभावित हुई है। कई खेतों में 5-6 फीट तक पानी भर गया है। खादर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि हर साल बाढ़ से उनकी करोड़ों की फसल बर्बाद होती है, लेकिन बाढ़ के बाद कोई सहायता नहीं मिलती। सरकारी स्कूल में राहत शिविर स्थापित जिला प्रशासन ने अच्छेजा गांव के सरकारी स्कूल में राहत शिविर स्थापित किया है। डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। बाढ़ से बचे गांवों में पानी न घुसे, इसके लिए मिट्टी के कट्टे लगाए जा रहे हैं। प्रशासन की टीम गांवों में मिट्‌टी के कट्‌टे भरकर दीवार लगाने में जुटी हुई है। यमुना से एक किलोमीटर दूर बसे गांवों में भी बाढ़ का पानी पहुंचना शुरू हो गया है। गांव व खेतों में यमुना के पानी ने कटाव भी शुरू कर दिया है, जिससे लोग चिंतित है। यमुना में बाढ़ से 12 हजार एकड़ फसलें डूबीं जिले में यमुना 45.2 किलोमीटर एरिया में बहती है। यमुना का जलस्तर बुधवार सुबह 613.5 फीट था, जबकि खतरे का निशान 615 फीट पर है। जिले के यमुना के किनारे करीब 25 गांव बसे हुए हैं। जिले में बुधवार को यमुना में पानी बढ़ने से करीब 10 से 12 हजार एकड़ में खड़ी फैसले जलमग्न हो चुकी हैं। । क्या कहते हैं जिले के अधिकारी डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि जिले में बाढ़ के खतरे को देखते हुए दो-तीन गांवों को खाली कराने के आदेश दिए गए है, इसके अलावा यमुना किनारे बसें गांवों के सरकारी व निजी स्कूलों को भी बंद करा दिया गया है। वे स्वंय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे है, किसी को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। बिजली विभाग के एक्सईएन हेमंत शर्मा ने कहा कि यमुना के रौद्र रूप को देखते हुए खादर के चार-पांच फीडरों की पावर सप्लाई बंद कर दी गई है। बाढ़ के कारण जिन गांवों के चारों तरफ पानी आ गया है, उनकी सप्लाई भी काट दी गई है, जबकि एग्रीकल्चर वाले फीडरों को पूरी तरह बंद किया गया है

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बारिश का कहर: ड्रेनें टूटीं, स्कूल बंद, हजारों एकड़ फसलें डूबीं; घग्गर नदी उफान पर, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम

हरियाणा में लगातार हो रही बारिश ने लोगों के लिए भयंकर संकट पैदा कर दिया है।

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सिरसा में घग्गर किनारे बसे गांव में पलायन शुरू:ग्रामीण बोले- गांव-घर डूबा, अनाज-लकड़ी भीगी, खाने को तरसें, सामान लेकर जा रहे

सिरसा में घग्गर नदी के तट पर बसे गांव में बाढ़ और जलभराव ग्रामीणों के लिए संकट बन गया है। जिस वजह से घग्गर किनारे बसे गांवों से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। मल्लेवाला घग्गर पुल के पास बसे गांव नेजाडेला कलां में दो से तीन फुट पानी भर गया है। गलियों का पानी घरों में घुस गया है। घरों में रखा सामान और वाहन पानी में डूब गए हैं। इस कारण लोगों ने घरों से अपना-अपना सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है। नेजाडेला कलां के ग्रामीण बताते हैं कि घरों में रखा अनाज, लकड़ी और अन्य सामान पानी में डूब गया है। गांव के सरकारी स्कूल में और बाहर रोड पर दो फुट तक जलभराव हो गया है। सोमवार को बच्चे भी स्कूल नहीं पहुंच पाए। 50 से ज्यादा घरों के लोग पलायन कर चुके हैं। ट्रैक्टर-ट्राली में सामान लेकर निकल रहे लोग दैनिक भास्कर एप संवाददाता ने नेजाडेला कलां गांव का दौरा किया। इस दौरान लोग अपने घरों से सामान को ट्रैक्टर-ट्राली में डालकर लेकर जाते मिले। जब लोगों से बात की बोले कि, लगातार बारिश होने से गांव में जलभराव से हालात खराब हो रहे हैं। घरों में पानी घुस गया है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। गांव में पहले ही पानी की निकासी नहीं हो पा रही, अब बारिश का पानी भरने से और मुसीबत आ गई है। दूसरी ओर घग्गर में पानी बढ़ता जा रहा है। अगर घग्गर टूट गई तो बचाव का कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसलिए पहले ही रिश्तेदारी या सुरक्षित जगह तलाशना शुरू कर दिया है। गांव के हालात पर क्या कहते हैं ग्रामीण नए मकान में दरार आई : सोमबीर नेजाडेला कलां गांव निवासी सोमबीर ने बताया कि तीन-चार दिन से हालात बेहद ज्यादा बुरे हो गए हैं। सारा मकान सीलन के कारण पाट गया है। नए मकान में दरार आ गई है। अब घर से सामान निकाला है और बाहर कहीं ठिकाने की तलाश करेंगे। गांव से बाहर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। खाने-पीने की भी मुश्किल हुई : रजनी महिला रजनी ने बताया कि हमें डूबते हुए आज पांच दिन हो गए हैं। मेंबर-सरपंच कोई सुनवाई करने के लिए नहीं आया है। बच्चों का भी हाल बुरा है। खाने-पीने तक की मुश्किल हो गई है।अनाज भी पानी में डूब गया है। लकड़ी-अनाज सब कुछ पानी में भीगा : मंजू महिला मंजू ने बताया कि लगातार बारिश हो रही है। पांच दिन पहले जलभराव हुआ था। आज बारिश के बाद पानी और बढ़ गया है। घरों में भी एक फुट तक पानी आ गया है। बाढ़ का खतरा है। लकड़ी और अनाज सब कुछ पानी में भीग गया। इस कारण गांव से बाहर जाना पड़ रहा है। जीना नर्क हुआ, कोई समाधान नहीं : गगन सिंह ग्रामीण गगन सिंह बोले कि गांव में बहुत बुरे हालात है। जीना नर्क हो गया है। पिछले सप्ताह से पानी जमा होना शुरू हुआ था। यह हर बार की समस्या है। कोई समाधान नहीं कर रहा। अगर और बारिश हुई तो पानी का लेवल और बढ़ जाएगा। घर में ही रह रहे हैं। खाने की नौबत आ गई है। कई लोग घर से सामान लेकर चले गए : परमजीत महिला परमजीत ने बताया कि घर में सारे कमरे पानी में डूबे हुए हैं। न खाना बना सकते हैं, न कहीं बाहर जा सकते। तीन से चार दिन से हालात ज्यादा खराब हैं। कई लोग तो अपने घर से सामान लेकर बाहर चले गए हैं। यहां पर कोई नहीं। घर संभालने को कभी कभार आते हैं। घर पूरा डूबा, सामान खराब हो रहा : रामप्यारी बुजुर्ग महिला रामप्यारी ने बताया कि गांव डूबा हुआ है। कोई तो मदद करो। घर पूरी तरह डूबा हुआ है और सामान खराब हो रहा है। जो सामान बाहर रखा था, वो खराब हो गया। पशुओं के लिए भी मुश्किल हो गई है। चारा सूखा नहीं बचा। वहां भी पानी जमा हो गया है। हमने पहले घर से सामान कर दिया था शिफ्ट : विकास विकास कुमार ने बताया कि हमने अपने घर से सामान को खराब होने के डर से पहले ही शिफ्ट कर दिया था। आज देखने आया था कि पानी कितना कम हुआ है। अभी जलभराव पहले जैसा ही है। घर के अंदर दो फुट तक पानी चला गया है। यहां पर खाना बनाना तो दूर रहना भी मुश्किल हो गया था।

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करनाल यमुना उफान पर प्रशासन अलर्ट:​​​​​​​हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 3.11 लाख क्यूसेक पानी, यमुना से सटे गांवों तक पहुंच सकता है पानी, शेरगढ़ टापू का पुल डूबा

पहाड़ों में लगातार हो रही बरसात ने यमुना में पानी के स्तर को बढ़ा दिया है। आज हथिनीकुंड बैराज से 3.11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके बाद करनाल प्रशासन ने इंद्री हल्के में यमुना से सटे इलाकों में अलर्ट जारी किया है। कुछ ही घंटों में पानी इंद्री इलाके में पहुंच जाएगा, जिससे पानी आसपास के गांवों घुस सकता है। पानी का लेवल बढ़ने के बाद धनौरा एस्केप नाले में यमुना का पानी घुस गया। जिससे पानी पुल के उपर से क्रॉस कर गया।कई कई फुट तक पानी है। शेरगढ़ टापू के नाले पर बना यह पूल यूपी को हरियाणा से जोड़ता है और हजारों वाहनों का आवागमन यहां से होता है, पुल पर पानी आने से वाहनों के आवागमन पर ब्रेक लग जाते है। हालात यह हो जाते है कि लोगों को अपनी कार, बाइक और साइकिल को पुल से क्रॉस करवाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली जैसे वाहनों का सहारा लेना पड़ता है और उसके लिए उन्हें 50 से 150 रुपए तक किराया चुकाना पड़ता है। हालांकि इंद्री के एमएलए इस समस्या को विधानसभा में भी उठा चुके है, लेकिन उसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। मौसम में आई गिरावट रविवार की आधी रात से ही करनाल जिला के अलग-अलग इलाकों में बरसात हो रही है। सितंबर के पहले दिन मौसम विभाग ने जिले के लिए खास अपडेट जारी किया है। सोमवार को करनाल में अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। विभाग के मुताबिक आसमान में पूरे दिन बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की से मध्यम बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। बीते 24 घंटे में अधिकतम तापमान 28 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री दर्ज हुआ, जो सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा है। बारिश दर्ज नहीं हुई, लेकिन नमी का स्तर बेहद ऊंचा रहा। मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी तरह की चेतावनी या अलर्ट जारी नहीं किया गया है। यानी भारी बारिश का खतरा नहीं है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव मानसून की सक्रियता का नतीजा है। किसानों और आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के अनुरूप अपनी योजना बनाएं और बरसात के दौरान सावधानी बरतें। प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर इंद्री एसडीएम अशोक मुंजाल ने बताया कि यमुना से सटे इलाकों में अलर्ट जारी किया हुआ है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी मौके का भी मुआयना कर रहे है। प्रशासन हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मैने विधानसभा में उठाई है पुल की मांग इंद्री के एमएलए रामकुमार कश्यप का कहना है कि मैने शेरगढ़ टापू की पुलिया की समस्या को विधानसभा में भी उठाई थी। जिसको लेकर प्रपोजल भी भेजा हुआ है, जल्द ही इस पर संज्ञान लिया जाएगा, ताकि वर्षो पुरानी समस्या का समाधान हो सके। इसके अतिरिक्त हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा गया है, जिसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए है।

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Karnal: कर्ज लेकर अमेरिका गया था हरियाणा का युवक, किडनी फेल होने से हुई मौत, कर्ज में डूबा परिवार

मृतक के भाई ने बताया कि विदेश भेजने के लिए उन्होंने रिश्तेदारों से कर्ज लिया था। सन्नी अभी अच्छी तरह से सेटल भी नहीं हुआ था कि उसकी मौत हो गई।

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जोहड़ में डूबा किशोर: भैंस को बचान के चक्कर में गई जान, दो घंटे की मशक्कत के बाद निकाला गया शव

करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद नकुल को पानी से बाहर निकाला जा सका। उसे बेहोश अवस्था में बौंद कलां सीएचसी ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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