पानीपत में फैक्टरी श्रमिक की पीटकर हत्या: गोदाम के पास फेंका शव, मृतक की पीठ पर डंडे से पीटने के निशान
पानीपत के थाना मतलौडा क्षेत्र में हैफेड गोदाम के पास वीरवार सुबह एक युवक का शव पड़ा मिला।
पानीपत के थाना मतलौडा क्षेत्र में हैफेड गोदाम के पास वीरवार सुबह एक युवक का शव पड़ा मिला।
बहादुरगढ़ की एसटीएफ यूनिट बहादुरगढ़ ने अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रोहित गोदारा गैंग से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी सोनीपत जिले के रहने वाले हैं। इनमें सोनीपत के पिपली खेड़ा निवासी हैप्पी, मयूर विहार गली नंबर 10 निवासी हिमांशु और मुरथल रोड के विकास नगर निवासी सुनील शामिल हैं। तीनों ने दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले बदमाशों के पास 3 लाख रुपए पहुंचाए थे। दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। एसटीएफ प्रभारी निरीक्षक राकेश के अनुसार आरोपी बहादुरगढ़ के सदर थाना में गत 22 मई को दर्ज एक मुकदमे में वांछित थे। भिवानी से सीडीएम मशीन के जरिए बदमाशों तक पहुंचाए थे 3 लाख एसटीएफ प्रभारी ने बताया कि इस मामले की जांच में खुलासा हुआ था कि गैंगस्टर रोहित गोदारा के निर्देश पर उसके सहयोगियों सोनीपत के मयूर विहार निवासी अरुण और रोहतक के काहनी निवासी रविंद्र को 27 सितंबर 2025 को भिवानी से सीडीएम मशीन के जरिए हैप्पी के बैंक खाते में 3 लाख रुपए जमा करवाए थे। यह रकम गैंग की गतिविधियों और फायरिंग की तैयारी के लिए भेजी गई थी। जिनके खाते में पैसे जमा कराए, उन दोनों का हो चुका एनकाउंटर हैप्पी ने अरुण के कहने पर यह रुपए अन्य गैंग सदस्यों सुनील और हिमांशु के खातों में ट्रांसफर किए थे। दोनों ने यह रकम निकालकर अरुण और रविंद्र को सौंप दी थी। अरुण और रविंद्र वही आरोपी हैं जो अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग मामले में उत्तर प्रदेश में हुए एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। गिरफ्तार तीनों आरोपी लंबे समय से कर रहे गैंग के सदस्यों को फंडिंग एसटीएफ के निरीक्षक राकेश के अनुसार गिरफ्तार तीनों आरोपी लंबे समय से रोहित गोदारा गैंग के सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे थे और गैंग की फंडिंग व लॉजिस्टिक सपोर्ट संभालते थे। फिलहाल तीनों से पूछताछ जारी है और पुलिस इस मामले में गैंग की फाइनेंशियल चैन और नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हुई है। एसटीएफ बहादुरगढ़ यूनिट की टीम इस पूरे केस की गहन जांच कर रही है, ताकि गैंग के अन्य सहयोगियों और वित्तीय स्रोतों का भी खुलासा किया जा सके।
हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश (यूपी) एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान दो दिन पहले गाजियाबाद में मुठभेड़ में मारे गए बदमाश रवींद्र और अरुण के शव पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजन को सौंप दिए गए।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में टोनिका सिटी थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर रविंद्र निवासी जिला रोहतक व सोनीपत के मयूर विहार निवासी अरुण मारे गए।
सोनीपत के गोहाना में एक बार फिर पुलिस और वकीलों के बीच तनाव बढ़ गया है। सोनीपत के मोहाना थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर (PSI) संदीप के साथ गोहाना कोर्ट परिसर में मारपीट और उनकी वर्दी फाड़ने का मामला सामने आया है। वकीलों पर आरोप हैं कि जब संदीप एक केस के चालान को लेकर कोर्ट पहुंचे थे तो इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई है। पुलिस ने इस मामले में 4-5 अज्ञात वकीलों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं घटना के बाद भारी पुलिस फोर्स भी तैनात की गई। पुलिसकर्मी पर हमला एसीपी राहुल देव के मुताबिक PSI संदीप कुमार, जो सरकारी ड्यूटी पर थे, गोहाना कोर्ट में स्थित अहलमद रूम में अपना चालान चेक करवा रहे थे। उसी दौरान 4-5 वकीलों ने उन पर हमला कर दिया। संदीप को आंख और कंधे पर गंभीर चोटें आई हैं। हमलावरों ने उनकी वर्दी भी फाड़ दी। संदीप की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज की मदद से हमलावरों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस और वकीलों में पुरानी रंजिश माना जा रहा है कि यह घटना करीब एक महीने पहले हुए वकीलों और पुलिसकर्मी विवाद से जुड़ी हुई है, जिसमें वकीलों ने गाेहाना सिटी थाना के पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था। उस समय, वकीलों ने धरना-प्रदर्शन भी किया था। सोनीपत की पुलिस कमिश्नर ममता सिंह ने जांच के आदेश दिए थे और संदीप के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके बाद उनका तबादला गोहाना सिटी थाने से मोहाना थाने में कर दिया गया था। आज जब संदीप कोर्ट पहुंचे, तो उन पर हमला हुआ है। पुलिस जांच में जुटी एसीपी राहुल देव ने बताया कि जिन वकीलों ने मारपीट की है, उनकी पहचान की जा रही है। पुलिस ने कोर्ट परिसर से सीसीटीवी फुटेज निकलवाने के लिए आवेदन किया है। फुटेज मिलने के बाद, पहचान होने पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।