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पानीपत में 10.49 लाख की साइबर ठगी:सिम कार्ड बेचने वाला आरोपी गिरफ्तार, एक सिम बेचने की जगह पर दो करता था चालू

पानीपत में थाना साइबर पुलिस ने 10 लाख 49 हजार 976 रुपये की साइबर ठगी के मामले में सफलता हासिल की है। पुलिस ने ठगों को सिम कार्ड बेचने वाले एक आरोपी को दिल्ली के नांगलोई क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान दिल्ली के सुल्तानपुरी के सुलेमान नगर निवासी योगेश के रूप में हुई है जो प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस ) एजेंट के रूप में कार्यरत था। पानीपत में साइबर ठगी के लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में साइबर थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर दीपक की टीम ने कार्रवाई की। टीम ने आरोपी को दिल्ली से काबू किया। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी भोले-भाले लोगों की आईडी का दुरुपयोग करता था। वह उनकी जानकारी के बिना दो सिम कार्ड सक्रिय करता और उन्हें साइबर ठगों को 1500 से 2000 रुपये में बेच देता था। अंसल निवासी नरेश ने पुलिस को बताया था कि फरवरी 2025 में उसे अज्ञात नंबरों से कई कॉल आए थे। कॉल करने वालों ने खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बताया और कहा कि उसकी पहले की पॉलिसी का प्रीमियम रिफंड किया जाएगा। ठगों ने झांसे में लेकर नरेश से तीन और फर्जी पॉलिसियां करवाईं और 10 लाख 49 हजार 976 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। ठगी में प्रयोग किए नंबरों को ट्रेस किया जांच के दौरान साइबर क्राइम टीम ने ठगी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों का ट्रेस किया। तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि ये सिम कार्ड आरोपी योगेश ने जारी किए थे। पुलिस ने 4 नवंबर को दिल्ली के नांगलोई में दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल फोन और छह सील-पैक सिम कार्ड बरामद किए गए। प्रभारी सब-इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। रिमांड के दौरान पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी किन साइबर ठगों को सिम कार्ड उपलब्ध कराता था और ठगी के नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं।

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Bhiwani: अनिल कुमार सशस्त्र सीमा बल जवान को ग्रामीणों ने दी अंतिम विदाई, उत्तराखंड में ड्यूटी के दौरान हुई मौत

गांव खरकड़ी माखवान निवासी अनिल कुमार सशस्त्र सीमा बल जवान की उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में ड्यूटी के दौरान पैर फिसलने से पहाड़ी से गिरकर सिर में चोट लगने से मौत हो गई।

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हरियाणा में नई कस्टम मिल्ड राइस पॉलिसी जारी:डिलीवरी में टूटे चावल की सीमा 10% की; धान गोदाम ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन नहीं मिलेगा

हरियाणा सरकार ने राइस मिलर्स को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने नई कस्टम मिल्ड राइस पॉलिसी (CMR) जारी कर दी है। हालांकि इस पॉलिसी का राइस मिलर्स विरोध कर रहे हैं। इसकी वजह है कि नई पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए डिलीवरी में टूटे चावल की स्वीकार्य सीमा को घटा दिया गया है, जो पहले यह 25% था, अब यह घटाकर सिर्फ 10% कर दिया गया है। मिल मालिकों का तर्क है कि इस कदम से उनका बोझ बढ़ जाएगा, क्योंकि मिलिंग के दौरान टूटना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। नई पॉलिसी में पैकजिंग शुल्क तय किया नई नीति में, सरकार ने टूटे चावल को कम करने के लिए अतिरिक्त मिलिंग लागत के लिए 2.23 रुपए प्रति क्विंटल, अतिरिक्त भंडारण लागत के लिए 1.23 रुपए प्रति क्विंटल और टूटे चावल की पैकेजिंग शुल्क के लिए 3.33 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इन दरों के मुकाबले, टूटे चावल की प्रसंस्करण और हैंडलिंग लागत लगभग 25 रुपए प्रति क्विंटल है। मिल मालिकों ने बचे 15% टूटे चावल पर भी स्पष्टता की मांग की है। राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता ने कहा, कि हम शेष 15% टूटे चावल पर स्पष्टता की मांग करते हैं क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में सीएमआर लागू करना मुश्किल है। फेजवाइज करनी होगी चावल की डिलीवरी नई एमएनआर पॉलिसी के तहत मिल मालिकों को चरणबद्ध तरीके से चावल की आपूर्ति करनी होगी। दिसंबर 2025 तक 15%, जनवरी 2026 तक 25%, फरवरी के अंत तक 20%, मार्च के अंत तक 15%, मई के अंत तक 15% और 30 जून तक अंतिम 10%। केंद्र ने सामान्य धान के लिए एमएसपी 2,369 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड ‘ए’ के ​​लिए 2,389 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। धान ले जाने के लिए नहीं मिलेगा ट्रांसपोर्ट मिल मालिकों ने अनाज मंडियों से एफसीआई गोदामों तक धान ले जाने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने से सरकार के इनकार पर भी निराशा व्यक्त की। मिलर्स ने आरोप लगाया, हमें और किसानों को सीजन के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि ट्रांसपोर्टरों को पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध कराए बिना ही टेंडर मिल जाते हैं। कुछ ट्रांसपोर्टरों द्वारा प्रशासन को फर्जी वाहन नंबर दिए जाते हैं, जिसका पहले भी खुलासा हो चुका है। इस साल 13.97 लाख एकड़ में बुवाई कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुमान के अनुसार, इस वर्ष लगभग 13.97 लाख एकड़ में धान की बुवाई होगी और मंडियों और खरीद केंद्रों में लगभग 84 लाख मीट्रिक टन धान की आवक होगी। इसमें से, खरीद एजेंसियों द्वारा लगभग 54 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद और लगभग 36 लाख मीट्रिक टन सीएमआर (वितरित चावल का लगभग 67 प्रतिशत) केंद्रीय पूल में योगदान देने की उम्मीद है।

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रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हरियाणा के दो युवक: मां ने रोते हुए पीएम से लगाई गुहार, बेटे से नहीं हो रहा संपर्क

गांव कुम्हारिया के अंकित जांगड़ा और विजय कुमार का तीन दिन बाद भी परिवार से संपर्क नहीं हुआ है। परिवार मोबाइल फोन पर मैसेज कर रहा है, लेकिन नेटवर्क नहीं आ रहा है।

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वर्ल्ड बॉक्सिंग फाइनल में पहुंचीं रोहतक की मीनाक्षी:मंगोलिया की बॉक्सर को 5-0 से हराया, भारतीय सीमा पुलिस में तैनात, मेडल तय

रोहतक के गांव रूड़की की रहने वाली और पुलिस में कार्यरत मीनाक्षी हुड्डा ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना इतिहास रच दिया है। सेमिफाइनल में मीनाक्षी ने मंगोलिया की बॉक्सर अल्तांत्सेत्सेग लुत्सेखान को 5-0 से हराया। मुकाबले में उन्होंने लगातार प्वाइंट बनाए और विरोधी को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया। इस जीत से उनका मेडल पक्का हो गया है। महिला बॉक्सर लगातार देश का नाम कर रही रोशन भारतीय बॉक्सिंग संघ के महासचिव प्रमोद कुमार युगल ने महिला बॉक्सिंग के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए कहा कि महिला बॉक्सर लगातार देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस बार फाइनल मुकाबलों में बॉक्सिंग को पसंद करने वाले दर्शकों को बेहतरीन मैच देखने को मिलेंगे। देश की 3 खिलाड़ी फाइनल में पहुंची भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत स्टार बॉक्सर जैस्मिन लम्बोरिया, भारतीय रेलवे में कार्यरत बॉक्सर नूपुर श्योराण भी अपने-अपने वर्ग में फाइनल में पहुंच चुकी हैं। वहीं, चौथी महिला बॉक्सर और ओलिंपियन पूजा रानी बोहरा के भी फाइनल में जाने की उम्मीद है। हरियाणा में खुशी का माहौल है, क्योंकि प्रदेश की बेटियों ने एक बार फिर से अपने मुक्कों से भारत का मान बढ़ाया है।

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नूंह से 4 साइबर ठग अरेस्ट:फर्जी अकाउंट व सिम बरामद,गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार,पंजाब, पश्चिम बंगाल से शिकायतें दर्ज

नूंह साइबर थाना पुलिस ने चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो के खिलाफ नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि दो को पुराने मामलों में आरोपी बनाया गया है। इन अपराधियों ने फर्जी बैंक अकाउंट एटीएम कार्ड क्यूआर कोड और सिम का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी की थी। जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई साइबर टीम की लगातार निगरानी और गुप्त सूचनाओं के आधार पर की गई। आरोपियों से कई फर्जी एटीएम कार्ड, पासबुक और मोबाइल फोन बरामद गिरफ्तार आरोपियों में फरमान खान पुत्र जावेद निवासी बुबलहेड़ी थाना पिनंगवा और वारिस पुत्र शौकत निवासी बिलावट पट्टी साकरस थाना फिरोजपुर झिरका शामिल हैं। इनके पास से कई फर्जी एटीएम कार्ड्स पीएनबी, एसबीआई, एक्सिस बैंक), पासबुक और मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनमें संदिग्ध ट्रांजेक्शन के वॉयस नोट्स और स्क्रीनशॉट्स मिले। पुलिस ने इन्हें 11 सितंबर को आईएमटी रोजका मेव क्षेत्र से गिरफ्तार किया। फरमान से अतिरिक्त फर्जी सिम और एटीएम कार्ड बरामदगी के लिए दो दिन का पुलिस रिमांड मांगा गया है। जुनैद नटराज पेंसिल का फर्जी विज्ञापन दिखाकर करता था ठगी पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जुनैद पुत्र उमरदीन निवासी लुहिंगा कला थाना पुन्हाना को पुराने केस नंबर 135 में गिरफ्तार किया गया। उसके पास से फोन, फर्जी सिम, एटीएम कार्ड और फेक आईडी बनाने वाली ऐप्स मिलीं। जुनैद पर नटराज पेंसिल कंपनी के नाम पर फर्जी विज्ञापनों से ठगी का आरोप है। पुलिस ने उसके खिलाफ कई ऑनलाइन शिकायतें गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार आदि से ट्रेस की हैं। उसे 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है। चौथे आरोपी ने आधार कार्ड में फर्जी पता बदलकर खाते खोले चौथा आरोपी मुशर्रफ पुत्र इकबाल निवासी बिछोर थाना बिछोर है, जिसके खिलाफ नया केस नंबर 192 दर्ज किया गया। उसके पास से सैमसंग फोन, दो सिम और फोन-पे, पेटीएम ऐप्स में लिंक्ड फर्जी बैंक अकाउंट्स मिले। मुशर्रफ ने आधार कार्ड में फर्जी पता बदलकर सिम और अकाउंट्स खोले थे। उसके नंबरों पर पंजाब, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस ने उससे अतिरिक्त फोन और सिम बरामद करने के लिए दो दिन का रिमांड मांगा है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने आमजन से अपील की गई कि संदिग्ध कॉल्स या विज्ञापनों पर सतर्क रहें और तुरंत रिपोर्ट करें।

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यमुनानगर में यमुना का रौद्र रूप, आबादी पर खतरा:200 मीटर दूर कटाव, नदी में समा रही भूमि; मंदिर बहने का डर

यमुनानगर के टापू कमालपुर गांव में यमुना नदी का उफनता पानी हर साल की तरह इस बार भी तबाही मचा रहा है। तेज कटाव ने पिछले दो दिनों में 10 एकड़ से अधिक कृषि भूमि को निगल लिया, जिसमें पोपलर और गन्ने की फसलें थीं। अब कटाव गांव की करीब दो हजार आबादी से महज 200 मीटर दूर है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हथनीकुंड बैराज से रोजाना छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी ने स्थिति को और विकराल बना दिया है। इस बीच, यमुना किनारे बन रहा एक मंदिर, जो नदी से केवल 10 मीटर दूर है, भी खतरे की जद में है। दो साल पहले बने तटबंध अनियमितताओं और कमजोर निर्माण के कारण ढह चुके हैं, जिससे कटाव और तेज हुआ है। प्रशासन मिट्टी के कट्टे और लोहे के जाल से कटाव रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ग्रामीण स्थायी समाधान जैसे मजबूत तटबंध, नदी की ड्रेजिंग, और वनरोपण की मांग कर रहे हैं। दैनिक भास्कर टीम ने गांव में जाकर ग्राउंड रियलटी जांची तो स्थिति काफी चिंताजनक थी। पढ़िए टापू कमालपुर की वर्तमान स्थिति, ग्रामीणों की चिंताओं, और प्रशासन के प्रयासों की ग्राउंड रिपोर्ट है। नदी के उफनते पानी का भयावह दृश्य दैनिक भास्कर टीम ने टापू कमालपुर गांव पहुंचते ही यमुना नदी का उफनता पानी एक भयावह दृश्य देखा। नदी का तेज बहाव मिट्टी को तेजी से काट रहा है और ग्रामीण आंखों में चिंता लिए हुए लाचार बनकर उसे सिर्फ निहार रहे हैं। गांव के किनारे पर खड़े होकर देखने पर यह स्पष्ट हो गया कि यमुना का कहर इस छोटे से गांव के लिए हर साल की तरह इस बार भी तबाही लेकर आया है। हालात इतने गंभीर हैं कि कटाव अब गांव की आबादी से महज 200 मीटर दूर रह गया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इस बीच, यमुना के किनारे बन रहा एक मंदिर, जो नदी से केवल 10 मीटर की दूरी पर है, भी खतरे की जद में है। यमुना का उफान और कटाव की तीव्रता टापू कमालपुर, यमुनानगर जिले का एक छोटा सा गांव है, जिसकी आबादी यमुना नदी के सबसे नजदीक बसी है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे हर मानसून में बाढ़ और कटाव का शिकार बनाती है। हाल ही में हथनीकुंड बैराज से 3 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसने कटाव को और तेज कर दिया। पिछले दो दिनों में 10 एकड़ से अधिक कृषि भूमि, जिसमें पोपलर और गन्ने की फसलें थीं, नदी में समा चुकी हैं। मौके पर देखा कि नदी की धार मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़ों को खींच रही है और गांव की ओर बढ़ता पानी अब आबादी से केवल 200 मीटर दूर है। कटाव नहीं रुका तो सब कुछ हो जाएगा खत्म ग्रामीण भानू प्रताप ने बताया कि हर साल यमुना हमारी जमीन खा जाती है। इस बार रातोंरात 10 एकड़ से ज्यादा जमीन चली गई। उसका घर अब नदी से कुछ दूरी पर ही है। अगर कटाव नहीं रुका, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। कई किसान अपनी बची-खुची फसलों को काटकर बचाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन मजबूरी में उन्हें औने-पौने दामों पर पोपलर और गन्ना बेचना पड़ रहा है। यमुना किनारे बने मंदिर पर मंडराता खतरा कटाव की इस आपदा के बीच एक और चिंताजनक तथ्य सामने आया है। यमुना के किनारे गांव में एक यमुना मंदिर का निर्माण चल रहा है, जो नदी से मात्र 10 मीटर की दूरी पर है। यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र बनने की उम्मीद में बनाया जा रहा है, लेकिन नदी का तेज बहाव इसे भी खतरे में डाल रहा है। मंदिर के निर्माण में लगे मजदूरों में से एक श्याम लाल ने बताया कि हम दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन पानी इतना करीब आ गया है कि डर लगता है। अगर कटाव बढ़ा, तो मंदिर भी नहीं बचेगा। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर की नींव को मजबूत करने के लिए पत्थर और कट्टे लगाए गए हैं, लेकिन यह कितना टिकेगा, इस पर संदेह है। 2023 में बुलानी पड़ी थी सेना टापू कमालपुर की यह समस्या दशकों पुरानी है। 2023 में स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि सेना को बुलाना पड़ा और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। दो साल पहले, 10 करोड़ रुपए की लागत से 12 तटबंध बनाए गए थे, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इनमें अनियमितताएं बरती गईं। ग्रामीण गुरबाज सिंह ने कहा कि पुराने तटबंधों की मरम्मत न होने और उनकी कम चौड़ाई के कारण वे पानी के दबाव में बह गए। ग्रामीण अंकित राणा ने बताया, तटबंधों के बीच जगह छोड़ी गई थी और पत्थरों की मोटाई भी कम थी। नतीजा यह हुआ कि वे यमुना के साथ बह गए। ग्रामीणों की दहशत और सामाजिक प्रभाव स्थानीय गृहिणी सरोज देवी ने बताया कि नदी लगातार उनके घर की ओर बढ़ रही है। ऐसे में हमारे बच्चे डर के मारे सो नहीं पाते। अगर पानी और बढ़ा, तो पूरा गांव बह जाएगा। हम सभी बेबस हैं। प्रशासन द्वारा पहले कोई प्रबंध नहीं किया गया। अब आफत आन पड़ी है तो भागे फिर रहे हैं। प्रशासन के प्रयास: अस्थायी या पर्याप्त? प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। जिला उपायुक्त (डीसी) पार्थ गुप्ता और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कमलदीप गोयल ने हाल ही में गांव का दौरा किया। डीसी ने बताया कि 20 हजार मिट्टी के कट्टे लगाए गए हैं और जरूरत पड़ने पर और प्रबंध किए जाएंगे। एसपी ने कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। लोगों को नदी किनारे जाने से रोका जा रहा है। हालांकि, ग्रामीण इन उपायों को अस्थायी मानते हैं। ग्रामीण वेद प्रकाश ने बताया कि तटबंध निर्माण में ठेकेदारों ने गुणवत्ता से समझौता किया। ग्रामीणों की मांग है कि मजबूत तटबंध, नदी की ड्रेजिंग, और वनरोपण जैसे स्थायी समाधान किए जाएं।

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मनीषा की मौत का मामला: भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट बंद की समय सीमा बढ़ी, अफवाहों से बचने की अपील

हरियाणा सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी जिलों में मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस और डोंगल सेवाओं पर लगी रोक को अगले 24 घंटों के लिए बढ़ा दिया है।

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