Haryana: दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की कैद, चार साल की बच्ची को दरिंदे ने बनाया था अपना शिकार
कोर्ट ने मॉडल टाउन थाना क्षेत्र से चार वर्षीय बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म के दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने मॉडल टाउन थाना क्षेत्र से चार वर्षीय बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म के दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।
अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत-क्षेत्रीय कॉन्क्लेव आर्य पीजी कॉलेज पानीपत के सभागार में संपन्न हो गया।
करनाल जिला में असंध नगरपालिका की कुर्सी घोटाले में ठेका कंपनी डिबार्ड होने के बाद नगरपालिका चेयरपर्सन सुनीता अरड़ाना यूथ कांग्रेस के रडार पर आ गई है। यूथ कांग्रेस के (ग्रामीण) जिला अध्यक्ष रजत लाठर ने अपने सोशल मीडिया हेंडलर पर चेयरपर्सन की जेई और एमई के साथ कुर्सी का वजन करवाते हुए तस्वीर शेयर की है। रजत ने तस्वीर के साथ-साथ क्वालिटी चेक वाला बिल भी शेयर किया, जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि नगर पालिका असंध ने विभिन्न वार्डों में स्टेनलेस स्टील की बेंचें लगवाई हैं। इस काम को दी लक्ष्य कॉ-ऑपरेटिव लैंडों सोसायटी लिमिटेड नामक एजेंसी ने पूरा किया है। रजत के मुताबिक, इस काम की अनुमानित लागत लगभग 41.48 लाख रुपए थी। फिलहाल बिल में 12.68 लाख रुपए (ग्रॉस) और 11.29 लाख रुपए (नेट अमाउंट) भुगतान के लिए दिखाया गया है और यह बिल की पहली किस्त का अमाउंट है। गुणवत्ता और मात्रा की संयुक्त रूप से जांच की गई, जिसके बाद काम को संतोषजनक पाया और कहा है कि भुगतान एजेंसी को किया जा सकता है। जिस पर चेयरपर्सन, एमई,जेई, सोशल पर्सन और इंजीनियर ने भुगतान अदा करने के लिए हस्ताक्षर किए हुए है। यूथ कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल कांग्रेस नेता और शिकायतकर्ता रजत लाठर ने पोस्ट के साथ जो तस्वीर शेयर की है, वह 5 जून 2025 की है और उसके बाद कुर्सियों को शहर के विभिन्न वार्डो में लगा दिया गया, लेकिन 27 जून को जैसे ही मामला सुर्खियों में आया तो रातों रात कुर्सियों को वार्डो से हटवा भी दिया। जिलाध्यक्ष एवं शिकायतकर्ता रजत लाठर ने बीजेपी की चेयरमैन सुनीता पर गंभीर सवाल उठाए है और सवाल उठाते हुए अपनी पोस्ट में लिखा कि असंध नगरपालिका के कुर्सी घोटाला में क्योंकि नगरपालिका चेयरमैन सुनीता रानी भाजपा से हैं तो क्या इसलिए उन पर कोई चार्ज नहीं लगाया गया? ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ये जनता की मेहनत का पैसा हैं चेयरमैन पर जाँच हर हाल में होनी चाहिए। मैं आप सभी के साथ एक फ़ोटो साझा कर रहा हूँ, इस फोटो में आप देख सकते हैं कि जब वार्डों में कुर्सियाँ रखने से पहले वज़न किया जा रहा था, उस वक़्त सुनीता रानी भी एमई और जेई के साथ वहाँ पर मौजूद थी और उसके बाद उन्होंने बिल पर साइन किया तो यह सारा काम इनकी देखरेख में हुआ और मिलीभगत का भी सीधा प्रतीत हो रहा हैं, तो जब एमई, जेई, सुपरवाइज़र और ठेकेदार सब पर कार्रवाई की गई, अब जाँच रिपोर्ट मुख्यालय तक जा चुकी हैं और जल्दी ही बड़ी कार्यवाही इन पर होने वाली है तो ऐसे में सुनीता रानी पर कोई कार्यवाही क्यों नही? इस पर विपक्ष चुप नहीं बैठेगा। हर भ्रष्टाचारी पर कड़ी कार्यवाही करवा कर ही रहेंगे। सत्यमेव जयते। तस्वीर शेयर होने के बाद नगरपालिका में हड़कंप सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद असंध नगरपालिका में हड़कंप की स्थिति है। ऐसे में अब कांग्रेस बीजेपी की चेयरमैन की संलिप्तता की जांच करवाने की बात कह रहा है। वहीं रजत लाठर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि कुर्सियों के वजन के दौरान चेयरमैन सुनीता अरड़ाना मौके पर है और वजन करवाते हुए दिखाई दे रही है। इसका मतलब उन्हें इस बात का पता था कि कुर्सियों का वजन कितना है, जेई और एमई ने कुर्सियों को नगरपालिका की शर्तो की कसौटी पर खरा उतार दिया और साइन करके पहली किस्त के भुगतान की भी तैयारी कर ली। फिर भी सुनीता यह कहती है कि हमने 69 कुर्सियों का वजन संयुक्त किया और उसके अनुसार ही बिल बनाया, तो सवाल यह उठता है कि अगर सब कुछ सही था तो वार्डो में लगी लगाई कुर्सियों को क्यों रातों रात उतरवा लिया गया। जब सब कुछ सही था तो ठेका कंपनी तीन साल के लिए क्यों बैन कर दी गई। सबकुछ चेयरमैन की आंखों के सामने हुआ सबकुछ चेयरमैन की आंखों के सामने हुआ, लेकिन उन्होंने बिना किसी चेकिंग के ही बिलों पर साइन कर दिए। अगर वे यह बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है कि यह टेंडर उनसे पहले चेयरमैन के समय में हुआ था तो क्या नए चेयरमैन की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह पिछले चेयरमैन के द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा करे? सवाल बहुत है। क्योंकि जितनी जिम्मेदारी एमई और जेई की बनती थी, उससे कही ज्यादा जिम्मेदारी चेयरमैन की बनती है। कुर्सी घोटाले में बीजेपी की चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई के लिए यूथ कांग्रेस एक ओर शिकायत देगा, ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और कुर्सी घोटाले के घोटालेबाज बेनकाब हो सके। क्या कहती है नगरपालिका असंध की चेयरमैन सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट और कुर्सी घोटाले के सवाल पर असंध की चेयरमैन सुनीता अरड़ाना ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि मुझे टेक्निकल जानकारी नहीं है। जहां तक फोटो की बात है, मैं कहीं पर अपनी गाड़ी में जा रही थी, तो मैने जेई और एमई को देखा। उन्होंने भी मुझे देखा और गाड़ी को हाथ देकर रूकवा लिया और मैं भी उनके पास जाकर खड़ी हो गई, मुझे थोड़े ही पता था कि कोई फोटो खींची जा रही है। मैं कुछ ही देर खड़ी हुई थी और हाय हैल्लो करके चली गई। कुर्सियों के वजन को लेकर मेरे को कुछ भी नहीं पता। मैं तो नई-नई चेयरमैन बनी थी। मेरे को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अब सिलसिलेवार ढंग से समझिए पूरा मामला… दो महीने पहले लगी थी 214 स्टील की कुर्सियां करीब दो महीने पहले असंध नगरपालिका ने शहर के सार्वजनिक स्थलों पर 214 स्टील की कुर्सियां लगवाई थीं। लेकिन बीती 27 जून को विरोध होने पर इन्हें रातों-रात उखाड़कर एक खाली प्लॉट में डंप कर दिया गया। इस मामले को यूथ कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाया और करनाल व असंध में विरोध-प्रदर्शन किए। शिकायतकर्ता रजत लाठर ने ही इस घोटाले की शिकायत दर्ज करवाई थी। मामला गर्माने पर जांच शुरू हुई। टेंडर में भारी गड़बड़ी, वजन और कीमत दोनों पर सवाल नगरपालिका ने जनवरी 2024 में 214 स्टील कुर्सियों के लिए टेंडर पास किया था। टेंडर के अनुसार, हर कुर्सी का वजन 50 किलो होना तय था, लेकिन मौके पर जांच में वजन केवल 30 से
करनाल जिले के घरौंडा शहर से लापता हुई युवती के कोर्ट मैरिज मामले में विवाद गहरा गया। करीब एक माह पहले युवती ने अपनी मर्जी से शादी कर ली। सोमवार को पुलिस ने लड़का और लड़की दोनों को बरामद कर थाने में बुलाया, जहां पुलिस ने लड़का पक्ष और लड़की पक्ष दोनों को भी थाने में बुला लिया, जहां लड़का और लड़की दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए और तनातनी की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों को शांत कर घर भेज दिया। वहीं लड़के की बहन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और एसपी करनाल से न्याय की गुहार लगाई। वहीं पुलिस ने आरोपों को निराधार बताया और लड़की को कोर्ट में पेश किया, जहां लड़की ने अपने ब्यान दर्ज करवाए और लड़के के साथ रहने की बात कही। दो सप्ताह बाद बरामद हुए लड़का-लड़की जानकारी के अनुसार, करीब 20 दिन पहले घरौंडा के एक व्यक्ति ने थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। आठ सितंबर को पुलिस ने लड़का और लड़की को बरामद कर लिया। दोनों के परिजनों को घरौंडा थाने बुलाया गया। यहीं पर दोनों परिवारों के बीच कहासुनी और तनातनी हो गई। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे को देखकर आक्रामक हो गए थे, जिन्हें समझाकर शांत किया गया। आरोप-गर्भवती होने के बावजूद मारपीट तनातनी के बाद लड़के की बहन सीधे एसपी ऑफिस करनाल पहुंची। उसने आरोप लगाया कि वह छह माह की गर्भवती है, फिर भी थाने में उसके साथ बदसलूकी और मारपीट की गई। यहां तक कि गंदी-गंदी गालियां भी दी गई। उसने बताया कि वह और उसका पति पुलिस का सहयोग कर रहे थे और उन्होंने ही लड़के को पुलिस के सामने पेश किया था। बावजूद इसके उनके साथ मारपीट की गई। बहन ने कहा कि उसका भाई और युवती अपनी मर्जी से साथ गए थे और करीब एक माह पहले कोर्ट मैरिज कर चुके हैं, लेकिन पुलिस लगातार उन्हें थाने बुला-बुलाकर परेशान कर रही थी। डीएसपी ऑफिस से थाने ले जाने पर बढ़ा विवाद लड़के की बहन ने बताया कि सात सितंबर की शाम को जब भाई और लड़की वापस आए, तो उन्होंने उन्हें डीएसपी ऑफिस घरौंडा में पेश किया। वहां से पुलिस ने कहा कि औपचारिकता पूरी करनी है और उन्हें थाने ले गई। बहन का आरोप है कि यहीं पर पुलिस और लड़की पक्ष की महिलाओं ने उनके साथ हाथापाई की और गालियां दीं। उसने एसपी से कार्रवाई की मांग की है। एसएचओ ने आरोपों को बताया निराधार घरौंडा थाना प्रभारी दीपक कुमार ने कहा कि 18 वर्षीय लड़की अपनी मर्जी से घर से चली गई थी और गुमशुदगी दर्ज करवाई गई थी। अब लड़की और लड़का दोनों बरामद हो चुके हैं। लड़की ने साफ कहा है कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है। एसएचओ ने कहा कि थाने में दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए थे और गुस्से में बहस हुई थी। पुलिस ने सिर्फ बीच-बचाव किया और दोनों परिवारों को घर भेज दिया। कोर्ट में बयान-लड़के के साथ रहना चाहती हूं घरौंडा डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि लड़के की बहन दोनों को अपने साथ ले जाना चाहती थी, लेकिन जांच अधिकारी ने उसे समझाया कि लड़की के कोर्ट में बयान दर्ज होंगे, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। इसी बात पर वह आक्रामक हो गई और माहौल बिगड़ गया। पुलिस ने समझाकर मामले को शांत कराया। बाद में लड़की को वन स्टॉप सेंटर और लड़के को घर भेजा गया। मंगलवार को लड़की को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने अपने बयान दर्ज कराए और कहा कि वह लड़के के साथ रहना चाहती है।
हिसार जिले के उकलाना हलके के विभिन्न गांवों में जलभराव की भयावह स्थिति का जायजा लेते हुए विधायक नरेश सेलवाल ने प्रदेश सरकार पर कड़ी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तरह से विफल रही है और ग्रामीणों को अपने संसाधनों व ग्राम पंचायतों के स्तर पर ही व्यवस्थाएं करनी पड़ रही हैं। जलभराव की स्थिति का निरीक्षण किया विधायक नरेश सेलवाल ने आज साबरवास, पावड़ा, खैरी की ढाणी, कुलेरी और किरमारा गांवों का दौरा कर जलभराव की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि साबरवास और अग्रोहा गांव की समस्या को वे विधानसभा के तीनों सत्रों में उठा चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पूरा गांव पानी में डूबा हुआ है, कोई भी गली ऐसी नहीं बची, जहां पानी न भरा हो। कई मकानों में आई दरारें किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, कई घर ढह गए हैं और अनेक मकानों में दरारें आ गई हैं। कल भी विधायक ने पनिहारी, बयाना खेड़ा, ढ़ाड, बधावड़, खरक पुनिया, मतलोडा, बनभौरी, छान और हसनगढ़ गांवों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि पूरे हलके में खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे किसान पूरी तरह बर्बादी का सामना कर रहे हैं। कई घरों में पानी घुस जाने से लोगों को बेघर होना पड़ा है। किसी गांव में नया पंप नहीं लगाया नरेश सेलवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि न तो जल निकासी की व्यवस्था की गई है और न ही राहत सामग्री पहुंचाई गई है। जिन गांवों में पुराने मोटर पंप लगे हैं, वे खराब हालत में हैं और किसी भी गांव में नया पंप नहीं लगाया गया। इससे साफ है कि सरकार सिर्फ कागजों पर काम कर रही है, जमीन पर हकीकत कुछ और ही है। सरपंच को 20 लाख उपलब्ध कराए जाए विधायक ने मांग की, कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के सरपंच को कम से कम 15 से 20 लाख रुपए की राशि तुरंत उपलब्ध कराई जाए, ताकि पंचायतें जलनिकासी और अन्य राहत कार्यों पर खर्च कर सकें। बीजेपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए सेलवाल ने कहा कि प्रदेश के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। किसान और आम जनता बाढ़ से त्रस्त हैं, लेकिन बीजेपी के मंत्री और विधायक चंडीगढ़ में मौज मना रहे हैं। सरकार को जनता की कोई परवाह नहीं है। विधायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ता हर बाढ़ प्रभावित परिवार के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
ज्योति मल्होत्रा की डिफॉल्ट बेल मामले में पुलिस ने सोमवार को सिविल जज सुनील कुमार की अदालत में अपना जवाब पेश किया। जिस पर ज्योति मल्होत्रा के वकील ने बहस की।
गली विवाद को लेकर दो भाइयों में विवाद हो गया। जिसके बाद दोनों में मारपीट हुई।
यमुनानगर में एक खाद विक्रेता के वाहनों को उसके ही जानकार ने कब्जे में लेकर 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी है। आरोपी द्वारा 25 लाख न देने पर उसे बदमाशों की धमकी भी दी गई है। पुलिस ने खाद विक्रेता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना सदर पुलिस को दी शिकायत में गांव भटली निवासी सुमित कुमार ने पुलिस को बताया कि उनकी ‘एसके फ्रूट एंड वेजिटेबल सोसायटी’ नामक फर्म थी, जिसे उसने 2024 में स्वास्थ्य खराब होने के कारण बंद करने का निर्णय लिया। इस दौरान उनके परिचित, गांव दुसानी निवासी धर्मेंद्र ने फर्म का काम संभालने की पेशकश की। धोखे से फर्म का लाइसेंस भी अपने नाम कराया सुमित ने भरोसा करते हुए धर्मेंद्र को गोदाम किराए पर दे दिया। सुमित का आरोप है कि धर्मेंद्र ने धोखे से फर्म का लाइसेंस कृषि विभाग से अपने नाम करवा लिया। सुमित ने बताया कि उसके पास कई वाहन हैं, लेकिन उन्हें घर में खड़ा करने के लिए जगह की कमी थी। ऐसे में उसने धर्मेंद्र से बात की। धर्मेंद्र ने अपने गांव दुसानी में वाहन खड़ा करने की पेशकश की, जिसके बाद सुमित ने अपनी स्विफ्ट कार, स्कूटी और ट्रैक्टर धर्मेंद्र के हवाले कर दिया। लेकिन जब उसने अपने वाहन वापस मांगे, तो धर्मेंद्र ने साफ इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, उसने बदमाशों की धमकी देकर डराया और वाहन वापस करने के लिए 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी। परेशान शिकायतकर्ता सुमित ने इसकी शिकायत थाना सदर यमुनानगर पुलिस में दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी धर्मेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है।
रोहतक में 25 सितंबर को होने वाली पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती के लिए रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला गांव-गांव जाकर निमंत्रण दे रहे हैं।
हरियाणा के कांग्रेस MLA अशोक अरोड़ा ने विधानसभा की विशेषाधिकार समिति यानी प्रिविलेज कमेटी से अपनी शिकायत वापस ले ली है। अरोड़ा ने मामले में सीएम नायब सैनी पर अपने कार्यकर्ता की तरफदारी करने का आरोप लगाया है। अरोड़ा ने सीएम नायब सैनी पर गैर-जिम्मेदार बात करने का आरोप भी लगाया। दरअसल, 23 मई को नगर परिषद (नप) हाउस की मीटिंग में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा और भाजपा पार्षद प्रतिनिधि के बीच हाथापाई हो गई थी। मीटिंग में बाहरी व्यक्ति, पार्षद प्रतिनिधि और मीडिया की एंट्री बैन थी। जैसे ही मीटिंग शुरू हुई तो कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने भाजपा पार्षद प्रतिनिधि नरेंद्र शर्मा निंदी के मीटिंग में बैठने का विरोध जताया था। सदन में सफाई दी- अरोड़ा कुरुक्षेत्र के थानेसर से MLA अशोक अरोड़ा ने कहा कि उनके साथ हुई हाथापाई की शिकायत प्रिविलेज कमेटी को दी थी। इस मामले में कमेटी अपनी जांच कर रही है, लेकिन इस बीच सीएम नायब सैनी अपनी सफाई दे रहे हैं। अब उन्होंने विधानसभा सदन से दूसरी बार अपने कार्यकर्ताओं की तरफदारी की। सीएम के बयान से आहत अरोड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम सैनी ने सदन में कार्यकर्ताओं का पक्ष लेते हुए कह दिया कि वे (कार्यकर्ता) अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए बैठक में पहुंचे थे। सीएम के बयान उनको काफी धक्का लगा है। इससे पहले भी सीएम ये बयान दे चुके हैं। उनके बयान से आहत होकर उन्होंने शिकायत वापस ले ली।