मनीषा की हत्या या आत्महत्या: भिवानी पुलिस की जांच बंद, अब सीबीआई बताएगी तीसरे पोस्टमार्टम का राज; निगाहें टिकी
शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में अब भिवानी पुलिस की जांच पूरी तरह से बंद हो गई है।
शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में अब भिवानी पुलिस की जांच पूरी तरह से बंद हो गई है।
यमुनानगर में वर्ष 2022 में मेरी फसल- मेरा ब्योरा पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन के जरिए बड़े पैमाने पर धान घोटाला सामने आया है। सीएम फ्लाइंग अंबाला की टीम की जांच में इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ, जिसमें अन्य राज्यों से सस्ते दामों पर घटिया गुणवत्ता का धान लाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचा गया। मामले में चार साल बाद तीन राइस मिल के मालिकों सहित चार लोगों पर केस दर्ज किया गया है। सीएम फ्लाइंग को शिकायत मिली थी कि कई व्यक्तियों ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराए, जिनके पास न तो अपनी जमीन थी और न ही उन्होंने कोई जमीन पट्टे पर ली थी। इसके बावजूद, उनके नाम पर पोर्टल पर कई क्विंटल धान दर्ज की गई। जांच में पाया गया कि यह धान अन्य राज्यों से सस्ते दामों पर खरीदा गया और प्रतापनगर मंडी में MSP पर बेचा गया। इसके बाद धान को मिलिंग के लिए राइस मिलों को भेजा गया। मुख्य आरोपी और उनकी भूमिका जांच में सरस्वती राइस मिल के मालिक विश्वास गर्ग और मुकेश कुमार (देवधर निवासी) तथा बंसल राइस मिल, बाबैन (कुरुक्षेत्र) के पार्टनर अंकुश बंसल (करनाल, सेक्टर-7) और संजू (ईशरहेड़ी, बाबैन) की मिलीभगत का खुलासा हुआ। संजू ने करनाल के गांव बीड बडालवा और भूड़पुर, निगद् के वास्तविक भूमि मालिकों और किसानों की सहमति के बिना उनके राजस्व डाटा का उपयोग कर फर्जी रजिस्ट्रेशन किया। इसके तहत, अन्य राज्यों से सस्ता धान खरीदकर उसे प्रतापनगर मंडी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को MSP पर बेचा गया, जिससे अनुचित लाभ कमाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि संजू ने अक्टूबर-नवंबर 2022 में अंकुश बंसल के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की थी। चार साल बाद मामला दर्ज लगभग चार साल बाद, गुरुवार को सीएम फ्लाइंग के एसआई प्रविंद्र कुमार की शिकायत पर प्रतापनगर थाना पुलिस ने विश्वास गर्ग, मुकेश कुमार, अंकुश बंसल और संजू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है
पिछले दो दिनों से बंद इंटरनेट सेवा की बहाली को लेकर गुरुवार शाम को हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने आदेश दे दिए हैं।
हरियाणा में गांवों की पहचान और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। सोनीपत और करनाल में गांवों के बाहर लगाए जाने वाले “आइ लव माई विलेज” साइन बोर्ड और वाटर कूलर खरीद-स्थापना को लेकर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीएम फ्लाइंग को सौंपी गई है। लेकिन जांच में सहयोग के लिए मांगी गई रिपोर्ट बीडीपीओ स्तर से अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे शक और गहराता जा रहा है। गांवों में साइन बोर्ड और वाटर कूलर खरीद पर गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद चंडीगढ़ मुख्यालय स्तर से मामले की जांच फ्लाइंग को सौंप दी गई। टीम ने सोनीपत के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) को लेटर लिखकर खरीद प्रक्रिया से जुड़े नियम, बिल और अन्य दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियां मांगी हैं। बीडीपीओ ने नहीं भेजी रिपोर्ट डीडीपीओ ने 30 जुलाई को सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों (गन्नौर, मुरथल, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना, मुंडलाना और कथूरा) को लेटर लिखकर चार अगस्त तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। लेकिन अब तक किसी भी बीडीपीओ ने रिपोर्ट नहीं भेजी। अधिकारी मान रहे हैं कि रिपोर्ट पर कुंडली मारकर बैठना घोटाले को दबाने की कोशिश है। जिले में जांच-पड़ताल करने पर आइ लव माई विलेज बोर्ड अधिकांश गांवों में नजर ही नहीं आते। गन्नौर ब्लॉक के गांव बेगा में एक बोर्ड दिखा, जबकि बजाना गांव में सीमेंटेड दीवार पर लिखा गया है। बाकी स्थानों पर यह काम सिर्फ कागजों में पूरा दिखाया गया और फर्जी बिल लगाकर भुगतान ले लिया गया होने के आरोप हैं। रिपोर्ट में मांगी गई जानकारी सीएम फ्लाइंग ने स्पष्ट किया है कि 2021 से 2025 तक कितने गांवों में बोर्ड लगाए गए, प्रति बोर्ड कितनी राशि खर्च हुई, कितने वाटर कूलर खरीदे गए और किस दर से लगाए गए—इसकी पूरी जानकारी चाहिए। इसके साथ ही खरीद की नियमावली और बिलों की सत्यापित प्रतियां भी मांगी गई हैं। डीडीपीओ कार्यवाहक ललिता वर्मा ने बताया कि बीडीपीओ से रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अब तक नहीं मिली। दोबारा रिमाइंडर भेजा गया है और जल्द ही जानकारी नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
मनीषा मौत मामले को जहां लोग हत्या और दुष्कर्म से जोड़ रहे हैं। वहीं, पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सवाल खड़े कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि परिवार की मांग को मानते हुए शिक्षिका मनीषा हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए।
अमृतसर से नई दिल्ली जा रही शताब्दी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12014) में बम होने की सूचना के बाद अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया।