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नवीन जिंदल ने बाढ़ प्रभावित एरिया का लिया जायजा:कुरुक्षेत्र में सांसद बोले- मास्टर प्लान बनाने पर जोर; मारकंडा के तटबंध होंगे मजबूत

कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि मारकंडा नदी का वाटर लेवल बढ़ने से किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है। उसके लिए ई-क्षति पूर्ति पोर्टल खोला गया है। किसान अपनी खराब हुई फसल का रजिस्ट्रेशन करवाएं, ताकि मुआवजा मिल सके। इसको लेकर अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई है। नवीन जिंदल आज (शुक्रवार को) कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद के जलबेहड़ा, नैसी व ठसका मीरांजी में मारकंडा नदी से आई बाढ़ इफैक्टेड एरिया का दौरा कर रहे थे। जिंदल ने जलबेहड़ा हेड पर किसानों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के बैठक करके नदी में जलभराव से होने वाले नुकसान को रोकने पर मंथन भी किया। तटबंध किए जाएंगे मजबूत : जिंदल नवीन जिंदल ने कहा कि मारकंडा के तटबंधों को मजबूत किया जाएगा। साथ ही जहां इसकी चौड़ाई कम है, वहां शीट पाइल रिटेनिंग वॉल लगाने की योजना भी अधिकारी तैयार करें, ताकि मिट्टी के कटाव को रोका जा सके। अधिकारी एरिया के किसानों के साथ बैठक करके समस्या का स्थायी समाधान करने पर जोर दें। कोई मास्टर प्लान तैयार करें, ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति इस क्षेत्र में उत्पन्न ना हो। बारिश के बाद बनेंगी सड़कें सांसद ने कहा कि बाढ़ जैसी इमरजेंसी से निपटने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बारिश के बाद सड़कों का निर्माण शुरू करवाएंगे। इसे लेकर राज्य सरकार गंभीर है। कुछ समय बाद सांसद खेल महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा।

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Haryana: सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की रफ्तार सुस्त, गांव के विद्यालय सुविधाओं से वंचित

हरियाणा सरकार का दावा है कि अगले दो साल में पांच हजार से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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मां बनीं हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री: मदर बनने से पहले कोर्ट से मांगी थी अनुमति, बेटा संभालेगा नाना की विरासत

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव सरोगेसी से सिंगल मदर (एकल मां) बन गई हैं।

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महेंद्रगढ़ में दिनदहाड़े चोरी: ITBP जवान के बैग से शातिरों ने उड़ाए साढ़े चार लाख, घर बनाने के लिए लिया था लोन

शातिरों ने आईटीबीपी जवान का बैग चोरी कर लिया। बैग में साढ़े चार लाख रुपये थे।

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पानीपत विधायक ने टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी बनाने की रखी मांग:प्रमोद विज बोले-बैंक स्क्वायर बनाने से जाम होगा कम, बिजली निगम का भवन कंडम

पानीपत शहर के विधायक प्रमोद विज ने हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन शून्य काल के दौरान विधानसभा के पटल पर पानीपत में चल रहे निर्माण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी और केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पानीपत में कई विकास कार्य हुए हैं और कई कार्य चल रहे हैं। प्रवासियों को लेबर हॉस्टल की मांग पानीपत में टेक्सटाइल इंडस्ट्री होने की वजह से प्रवासी मजदूर ज्यादा हैं। अतः उनके ठहरने हेतु लेबर हॉस्टल की मांग करते हैं। विज ने विधानसभा पटल पर पानीपत में चल रहे लंबित कार्यों को जल्द पूर्ण करने की भी मांग विधानसभा में रखी। विधायक प्रमोद विज ने रखी ये डिमांड वहीं विधायक ने सेक्टर 11-12 एवं बिशन स्वरुप कॉलोनी में सीवरेज सिस्टम में सुधार, रैनीवाल प्रोजेक्ट, टाउनशिप कम्युनिटी हॉल के निर्माण, वर्किंग वीमेन हॉस्टल, लेबर हॉस्टल, अनाथालय (लड़कों एवं लड़कियों के लिए), वृद्धाश्रम, ईएसआई हॉस्पिटल के निर्माण, गोहाना रोड रेलवे ओवरब्रिज की फॉर लेनिंग, यूएचबीवीएन कार्यालय का नया भवन, जीटी रोड पर ट्रैफिक कम करने के लिए बैंक स्क्वायर, ऑटो मोबाइल मार्केट की शहर से बाहर शिफ्टिंग, टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी, बजट सत्र में हुई घोषणा के अनुसार 250 करोड़ की लागत से एक्जीबिशन हॉल, ड्रेन न. 1 के विकसित करने की मांग विधानसभा के पटल पर रखी।

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फतेहाबाद से दिल्ली के जंतर-मंतर रवाना हुए किसान:डल्लेवाल के नेतृत्व में महापंचायत में होंगे शामिल; MSP गारंटी कानून बनाने की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) दिल्ली के जंतर मंतर पर एमएसपी की गारंटी के कानून की मांग को लेकर किसानों की महापंचायत में भाग लेने फतेहाबाद से भी किसान रवाना हुए। भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ के प्रदेशाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह मल्लवाला के नेतृत्व में रतिया से काफी किसान दिल्ली गए। कुछ किसान स्पेशल बस लेकर गए तो कुछ ट्रेन के जरिए भी रवाना हुए। जरनैल सिंह मल्लवाला ने बताया कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर एक बार फिर से दिल्ली में किसान जंतर मंतर पर एकत्रित होंगे। यहां पर आज (सोमवार) को ही महापंचायत रखी गई ताकि केंद्र सरकार इसको लेकर कोई कानून बनाने को मजबूर हो। पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों से आएंगे किसान जरनैल सिंह ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली, यूपी सहित कई राज्यों के किसान इस महापंचायत में शामिल होंगे। इस महापंचायत की अध्यक्षता सीनियर किसान लीडर जगजीत सिंह डल्लेवाल करेंगे। महापंचायत में एमएसपी की गारंटी का कानून बनवाने को लेकर आगामी आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान अग्निवीर योजना को लेकर भी बातचीत होगी। एमएसपी नहीं मिलने से किसान आत्महत्या को मजबूर जरनैल सिंह मल्लवाला ने कहा कि किसानों के हकों की लड़ाई एक दिन की नहीं है। इसको लगातार जारी रखना होगा। किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती है। इसलिए वे कर्जे में डूबे हुए हैं। कर्जा बढ़ने के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता है। अगर उसको फसल का उचित भाव मिल जाए तो किसान भी खुशहाल होगा।

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CM सैनी ने यूथ मैराथन को दिखाई हरी झंडी: बोले- पीएम मोदी का विजन भारत को विकसित बनाना; युवाओं से की अपील

डबवाली में रविवार सुबह 6 बजे नई अनाजमंडी में नशे के खिलाफ जन जागरूकता के लिए यूथ मैराथन का आयोजन किया गया।

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Hisar: हरियाणा को स्टार्टअप हब बनाने का संकल्प, विश्व उद्यमिता दिवस पर सीएम सैनी ने की ये घोषणाएं

विश्व उद्यमिता दिवस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हिसार पहुंचे। इस दौरान सीएम सैनी ने स्टार्टअप को लेकर संबोधन किया।

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जींद SP को नोटिस: 15 साल के बच्चे को बंधुआ मजदूर बनाने का मामला, मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

जींद में बंधुआ मजदूर बनाकर रखे गए बच्चे के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है।

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हरियाणा सरकार को 10 IMT बनाने को झटका:HC पहुंचा भूमि खरीद पॉलिसी का मामला; नोटिस देकर जवाब मांगा, 23 सितंबर को सुनवाई

हरियाणा सरकार को सूबे में 10 आईएमटी बनाने की मुहिम को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, हरियाणा सरकार की सरकारी विभागों को स्वेच्छा से दी गई भूमि की खरीद की पॉलिसी 2025 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह पॉलिसी 9 जुलाई 2025 को नोटिफाई की गई थी। जींद जिले के अलेवा गांव निवासी किसान सुरेश कुमार ने एक याचिका दायर कर इस पॉलिसी को रद्द करने की मांग की है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के साथ-साथ 10 आईएमटी बनाने के लिए यह जमीन अधिगृहीत करनी थी। याचिका में ये लगाए गए हैं आरोप याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह नीति किसानों के हितों के खिलाफ है और इसमें पारदर्शिता की कमी है। याचिकाकर्ता सुरेश कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित यह नई पॉलिसी द राइट टू फेयर कॉम्पेनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड रिक्विजिशन, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के अनिवार्य प्रावधानों की अनदेखी करती है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यह नीति संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। कानूनी प्रक्रिया में ये लगाए गए हैं आरोप याचिका के अनुसार इस पॉलिसी के तहत सरकार हरियाणा में विकास कार्यों के लिए 35 हजार 500 एकड़ उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखती है। इस नीति के तहत सरकार ने भूमि मालिकों से सीधे खरीद के लिए ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए हैं। नीति के आलोचकों का कहना है कि यह भूमि अधिग्रहण के लिए स्थापित कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। याची के वकील हरविंदर पाल सिंह ईशर ने कोर्ट को बताया कि 2013 के अनुसार भूमि अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन और ग्राम सभा के साथ परामर्श करना अनिवार्य है। लेकिन नई नीति में इन महत्वपूर्ण कदमों को छोड़ दिया गया है। मुआवजे की दर 3 गुना तक का प्रावधान याचिकाकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि नई नीति में भूमि के लिए अधिकतम मुआवजे की दर कलेक्टर रेट के 3 गुना तक तय की गई है। यह भूमि अधिग्रहण, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के प्रविधानों से काफी कम है। याचिका में एग्रीगेटर्स या बिचौलियों की भूमिका को भी उजागर किया गया है। पॉलिसी के अनुसार, ये बिचौलिए 1% सुविधा शुल्क के हकदार होंगे। पॉलिसी में करप्शन बढ़ने की संभावना याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और एक ही क्षेत्र में अलग-अलग भू-मालिकों को अलग-अलग मुआवजा मिल सकता है। यह नीति किसानों को भूखंडों के गैर-मौद्रिक आवंटन के साथ छोड़ देती है, जिससे उन्हें पुनर्वास या आजीविका सहायता के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं मिलता है। सुरेश कुमार ने अपनी याचिका में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से इस नीति को रद्द करने और सरकार को इसके तहत किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की है। 23 सितंबर को देना होगा जवाब उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण से पर्यावरण और सामाजिक ताने-बाने पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब यह सबसे उपजाऊ भूमि पर किया जा रहा हो।याचिका में कहा गया कि इसको लागू करने से पहले सोशल इंपेक्ट असेसमेंट और एनवायर्नमेंट असेसमेंट नहीं करवाया गया। हाई कोर्ट के जस्टिस अनुपेंद्र सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच ने हरियाणा सरकार को इस मामले में 23 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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