जींद SP को नोटिस: 15 साल के बच्चे को बंधुआ मजदूर बनाने का मामला, मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
जींद में बंधुआ मजदूर बनाकर रखे गए बच्चे के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है।
जींद में बंधुआ मजदूर बनाकर रखे गए बच्चे के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है।
हरियाणा सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी जिलों में मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस और डोंगल सेवाओं पर लगी रोक को अगले 24 घंटों के लिए बढ़ा दिया है।
हथीन सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष गर्ग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मनीषा मौत मामले को जहां लोग हत्या और दुष्कर्म से जोड़ रहे हैं। वहीं, पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सवाल खड़े कर रही है।
हरियाणा सरकार को सूबे में 10 आईएमटी बनाने की मुहिम को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, हरियाणा सरकार की सरकारी विभागों को स्वेच्छा से दी गई भूमि की खरीद की पॉलिसी 2025 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह पॉलिसी 9 जुलाई 2025 को नोटिफाई की गई थी। जींद जिले के अलेवा गांव निवासी किसान सुरेश कुमार ने एक याचिका दायर कर इस पॉलिसी को रद्द करने की मांग की है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के साथ-साथ 10 आईएमटी बनाने के लिए यह जमीन अधिगृहीत करनी थी। याचिका में ये लगाए गए हैं आरोप याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह नीति किसानों के हितों के खिलाफ है और इसमें पारदर्शिता की कमी है। याचिकाकर्ता सुरेश कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित यह नई पॉलिसी द राइट टू फेयर कॉम्पेनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड रिक्विजिशन, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के अनिवार्य प्रावधानों की अनदेखी करती है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यह नीति संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। कानूनी प्रक्रिया में ये लगाए गए हैं आरोप याचिका के अनुसार इस पॉलिसी के तहत सरकार हरियाणा में विकास कार्यों के लिए 35 हजार 500 एकड़ उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखती है। इस नीति के तहत सरकार ने भूमि मालिकों से सीधे खरीद के लिए ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए हैं। नीति के आलोचकों का कहना है कि यह भूमि अधिग्रहण के लिए स्थापित कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। याची के वकील हरविंदर पाल सिंह ईशर ने कोर्ट को बताया कि 2013 के अनुसार भूमि अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन और ग्राम सभा के साथ परामर्श करना अनिवार्य है। लेकिन नई नीति में इन महत्वपूर्ण कदमों को छोड़ दिया गया है। मुआवजे की दर 3 गुना तक का प्रावधान याचिकाकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि नई नीति में भूमि के लिए अधिकतम मुआवजे की दर कलेक्टर रेट के 3 गुना तक तय की गई है। यह भूमि अधिग्रहण, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के प्रविधानों से काफी कम है। याचिका में एग्रीगेटर्स या बिचौलियों की भूमिका को भी उजागर किया गया है। पॉलिसी के अनुसार, ये बिचौलिए 1% सुविधा शुल्क के हकदार होंगे। पॉलिसी में करप्शन बढ़ने की संभावना याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और एक ही क्षेत्र में अलग-अलग भू-मालिकों को अलग-अलग मुआवजा मिल सकता है। यह नीति किसानों को भूखंडों के गैर-मौद्रिक आवंटन के साथ छोड़ देती है, जिससे उन्हें पुनर्वास या आजीविका सहायता के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं मिलता है। सुरेश कुमार ने अपनी याचिका में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से इस नीति को रद्द करने और सरकार को इसके तहत किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की है। 23 सितंबर को देना होगा जवाब उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण से पर्यावरण और सामाजिक ताने-बाने पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब यह सबसे उपजाऊ भूमि पर किया जा रहा हो।याचिका में कहा गया कि इसको लागू करने से पहले सोशल इंपेक्ट असेसमेंट और एनवायर्नमेंट असेसमेंट नहीं करवाया गया। हाई कोर्ट के जस्टिस अनुपेंद्र सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच ने हरियाणा सरकार को इस मामले में 23 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
शिक्षिका मनीषा की मौत मामले में पोस्टमार्टम और एफएसएल रिपोर्ट से कई अहम खुलासे हुए हैं।
मनीषा मौत मामले में भले ही हत्या की बजाए आत्महत्या का एंगल सामने आया है।
ढाई साल की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मोहित मलिक को विजेता घोषित कर दिया। सरपंच चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था।
राइस मिल के पास चौकीदार की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गोल्ड लोन कंपनी में सोने में गड़बड़ी का मामला पानीपत में चर्चाओं में है।