हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा: इन दिनों में होगा बायोमैट्रिक सत्यापन, जानें पूरी डिटेल
हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा को लेकर बायोमैट्रिक सत्यापन होगा। रिजल्ट से पहले अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य है।
हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा को लेकर बायोमैट्रिक सत्यापन होगा। रिजल्ट से पहले अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य है।
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आज (शुक्रवार) से शुरू हो गया है। सत्र 27 अगस्त तक चलेगा। सत्र के पहले दिन ही सदन में जबरदस्त हंगामा हो रहा है।
विश्व उद्यमिता दिवस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हिसार पहुंचे। इस दौरान सीएम सैनी ने स्टार्टअप को लेकर संबोधन किया।
हथीन सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष गर्ग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मानसून टर्फ के गुजरात पर पहुंचने और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण मंगलवार को प्रदेश के उत्तरी व पूर्वी जिलों में बिखराव वाली बारिश हुई।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कल हिसार दौरे पर रहेंगे। वहां वह चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में स्टेट लेवल कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में सीएम सैनी कृषि व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्र (ABIC) द्वारा सिलेक्ट किए गए 22 स्टार्ट-अप्स को 114.3 लाख रुपए के सब्सिडी चेक बांटेंगे। इस दौरान एबीआईसी द्वारा 30 स्टॉलों की एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें युवाओं और किसानों को स्टार्ट-अप के लिए प्रेरित करने के लिए आधुनिक तकनीकों और घरेलू उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। गेहूं, मक्का, गुड़ से बने कप दिखेंगे एबीआईसी के नोडल अधिकारी और कॉलेज ऑफ बेसिक साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज के डीन, डॉ. राजेश गेरा ने बताया कि स्टॉल्स में गेहूं, मक्का और गुड़ से बने बायोडिग्रेडेबल कप और चम्मच; बाजरा-आधारित बिस्कुट; उच्च गुणवत्ता वाला शहद; गैनोडर्मा मशरूम कैप्सूल; और रसायन-मुक्त साबुन और शैंपू शामिल होंगे। स्टार्ट-अप विभिन्न फलों और सब्जियों से रस और गूदा निकालने में सक्षम बहुउद्देशीय मशीनों और किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से दूर से ही ट्यूबवेल और घरेलू लाइट चलाने की सुविधा देने वाले नवाचारों का भी प्रदर्शन करेंगे। कैंसर-डायरबिटीज बीमारियों का भी स्टार्टअप करेंगे इलाज इस आयोजन की अन्य विशेषताओं में कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों के खिलाफ स्वास्थ्य लाभ के लिए माइक्रोग्रीन्स वितरण पर काम कर रहे स्टार्ट-अप, फसल अवशेषों को साफ करने के लिए उन्नत विनोइंग मशीनें और कृषि कार्य को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया एक आधुनिक कल्टीवेटर शामिल हैं। उद्यमियों से बातचीत भी करेंगे सीएम सीएम के दौरे को लेकर स्थानीय प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। हिसार के डीसी अनीश यादव ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को समय रहते सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने बताया कि एबीआईसी स्टॉल्स के साथ-साथ एक बड़ी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें एचएयू, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GHUST), उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग और कौशल विकास विभाग द्वारा 57 स्टॉल लगाए जाएंगे। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सैनी युवाओं और उभरते उद्यमियों से बातचीत भी करेंगे।
सिरसा के सस्पेंड तहसीलदार व उनके रिश्तेदार की पटियाला में एक सड़क हादसे में मौत हो गई है।
मनीषा हत्याकांड को लेकर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से नाराज युवाओं का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा।
हरियाणा सरकार ने तत्काल प्रभाव से चार आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी किए हैं।
हरियाणा सरकार को सूबे में 10 आईएमटी बनाने की मुहिम को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, हरियाणा सरकार की सरकारी विभागों को स्वेच्छा से दी गई भूमि की खरीद की पॉलिसी 2025 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह पॉलिसी 9 जुलाई 2025 को नोटिफाई की गई थी। जींद जिले के अलेवा गांव निवासी किसान सुरेश कुमार ने एक याचिका दायर कर इस पॉलिसी को रद्द करने की मांग की है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के साथ-साथ 10 आईएमटी बनाने के लिए यह जमीन अधिगृहीत करनी थी। याचिका में ये लगाए गए हैं आरोप याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह नीति किसानों के हितों के खिलाफ है और इसमें पारदर्शिता की कमी है। याचिकाकर्ता सुरेश कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित यह नई पॉलिसी द राइट टू फेयर कॉम्पेनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड रिक्विजिशन, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के अनिवार्य प्रावधानों की अनदेखी करती है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यह नीति संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। कानूनी प्रक्रिया में ये लगाए गए हैं आरोप याचिका के अनुसार इस पॉलिसी के तहत सरकार हरियाणा में विकास कार्यों के लिए 35 हजार 500 एकड़ उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखती है। इस नीति के तहत सरकार ने भूमि मालिकों से सीधे खरीद के लिए ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए हैं। नीति के आलोचकों का कहना है कि यह भूमि अधिग्रहण के लिए स्थापित कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। याची के वकील हरविंदर पाल सिंह ईशर ने कोर्ट को बताया कि 2013 के अनुसार भूमि अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन और ग्राम सभा के साथ परामर्श करना अनिवार्य है। लेकिन नई नीति में इन महत्वपूर्ण कदमों को छोड़ दिया गया है। मुआवजे की दर 3 गुना तक का प्रावधान याचिकाकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि नई नीति में भूमि के लिए अधिकतम मुआवजे की दर कलेक्टर रेट के 3 गुना तक तय की गई है। यह भूमि अधिग्रहण, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के प्रविधानों से काफी कम है। याचिका में एग्रीगेटर्स या बिचौलियों की भूमिका को भी उजागर किया गया है। पॉलिसी के अनुसार, ये बिचौलिए 1% सुविधा शुल्क के हकदार होंगे। पॉलिसी में करप्शन बढ़ने की संभावना याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और एक ही क्षेत्र में अलग-अलग भू-मालिकों को अलग-अलग मुआवजा मिल सकता है। यह नीति किसानों को भूखंडों के गैर-मौद्रिक आवंटन के साथ छोड़ देती है, जिससे उन्हें पुनर्वास या आजीविका सहायता के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं मिलता है। सुरेश कुमार ने अपनी याचिका में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से इस नीति को रद्द करने और सरकार को इसके तहत किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की है। 23 सितंबर को देना होगा जवाब उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण से पर्यावरण और सामाजिक ताने-बाने पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब यह सबसे उपजाऊ भूमि पर किया जा रहा हो।याचिका में कहा गया कि इसको लागू करने से पहले सोशल इंपेक्ट असेसमेंट और एनवायर्नमेंट असेसमेंट नहीं करवाया गया। हाई कोर्ट के जस्टिस अनुपेंद्र सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच ने हरियाणा सरकार को इस मामले में 23 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।