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करनाल पहुंचे नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा:बोले,धान घोटाला सिर्फ करनाल नहीं, पूरे हरियाणा में फैला भ्रष्टाचार, किसानों को नहीं मिल रहा MSP

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा रविवार को करनाल पहुंचे, जहां उन्होंने मंडी व्यवस्था, धान घोटाले और किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। हुड्डा ने कहा कि धान घोटाले की जांच सिर्फ करनाल तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि पूरे हरियाणा में इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह घोटाला करोड़ों रुपए का है और इसमें बड़े अधिकारी व राजनेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज सरकार पिक एंड चूज़ पॉलिसी पर काम कर रही है। किसी एक शेलर को पकड़ लिया जाता है, जबकि असली दोषियों को छोड़ दिया जाता है। मंडियों में किसानों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। MSP के बजाय किसानों की फसल 500 से 600 रुपए कम रेट में खरीदी जा रही है। अगर सब कुछ पोर्टल ही करेगा, तो फिर मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी किसलिए हैं? हुड्डा ने सरकार की योजनाओं पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार हर काम के लिए एक नया पोर्टल बना देती है। अगर हर काम पोर्टल ही करेगा तो फिर मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी की क्या जरूरत है? सब कुछ पोर्टल ही चला लेगा क्या। उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में फसल का गलत डाटा अपलोड किया गया, जबकि इस बार उत्पादन कम हुआ है। इसके बावजूद रिकॉर्ड में ज्यादा फसल दिखा दी गई ताकि फर्जी गेट पास और धान की हेराफेरी को छिपाया जा सके। हुड्डा ने कहा कि कुछ जगहों पर तो शमशान घाट और गुरुद्वारे से भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा चलाया गया, जो गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। हरियाणा नंबर वन है बेरोजगारी में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी अपने चरम पर है, जिसके कारण युवा विदेश जाने को मजबूर हैं। जो बच्चे विदेशों में फंसे हैं, सरकार को चाहिए कि उन्हें तुरंत वापस लाने की कोशिश करे। लेकिन असली सवाल यह है कि वे विदेश क्यों गए? क्योंकि हरियाणा में रोजगार नहीं है। आज हरियाणा नंबर वन है बेरोजगारी में। उन्होंने कहा की क्राइम में हरियाणा नंबर 1 पर है। यहां पर 60 से ज्यादा गैंग सक्रिय है। बिहार चुनाव और कांग्रेस पर बोले बिहार में चल रहे चुनावी माहौल पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि गठबंधन की सरकार वहां जीत हासिल करेगी। अगर पार्टी उन्हें जिम्मेदारी देगी, तो वे बिहार जाकर प्रचार भी करेंगे।

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MSP पर नहीं हो रही धान की खरीद- चढूनी:भाकियू अध्यक्ष ने सीएम और पीएम को लिखा पत्र, बोले- यूपी से आ रही जीरी

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन चढूनी (BKU) ने धान खरीद में लूट और MSP न मिलने का आरोप लगाकर सीएम नायब सैनी, PM मोदी और खरीद एजेंसी के अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसे लेकर चढूनी संगठन ने तत्काल मीटिंग करके कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर तगड़ा एक्शन लेने की चेतावनी दी। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कागजों पर तो धान MSP पर खरीदा जा रहा है, लेकिन हकीकत में किसानों को 300 रुपए प्रति क्विंटल तक कम मिल रहे हैं। खरीद एजेंसियां मंडियों से गायब हैं और पूरी खरीद राइस मिलरों के हवाले कर दी गई है। यूपी से आ रहा धान चढूनी ने कहा कि यूपी से ट्रकों में धान की तस्करी हो रही है। धान सीधे राइस मिलों में उतरता है। पकड़े जाने पर इसे व्यापारिक बताकर फर्जी कागजात दिखा दिए जाते हैं और पकड़ा नहीं गया तो इसे सरकारी धान में मिलाकर बेच दिया जाता है। किसान संगठनों ने यूपी के धान के कई ट्रक पकड़े हैं। गेट पास में फर्जीवाड़ा चढूनी ने आरोप लगाया कि अनाज मंडी में गेट पास को लेकर भी फर्जीवाड़ा चल रहा है। पहले मंडी में मार्केट कमेटी के कर्मचारी गेट पास काटते थे, अब DFSC वाले पास काट रहे हैं। आरोप लगाया कि नदियों, कॉलोनियां और गन्ने की जमीन को धान की फसल दिखाकर पोर्टल पर दर्ज किया गया है। सड़काें पर उतरने की चेतावनी चढूनी ने चेतावनी दी कि अगर घोटाले पर तुरंत एक्शन नहीं लिया तो जल्द बैठक कर कोई फैसला लिया जाएगा। 25 अक्टूबर को जाट धर्मशाला में उनकी राज्यस्तरीय मीटिंग होगी। इस मामले को लेकर अधिकारियों से भी बैठक करना चाहते हैं। अगर सरकार कोई फैसला नहीं लेती तो मजबूरन किसान सड़कों पर उतरेंगे।

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पराली जलाने वाले किसानों पर 5 से 30 हजार जुर्माना:पलवल डीसी के निर्देश, 2 साल तक MSP पर नहीं बिकेगी फसल

पलवल के डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कृषि विभाग और अन्य अधिकारियों की बैठक में पराली जलाने पर रोक के सख्त निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के अनुसार, पराली जलाने वाले किसानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने स्पष्ट किया कि पराली जलाने पर 5 से 30 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा एफआईआर दर्ज की जाएगी। घटनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी वहीं किसान अगले दो वर्षों तक एमएसपी पर फसल नहीं बेच सकेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिले में पराली जलाने की घटनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। पराली को आय का साधन बनाएं डीसी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे पराली को आय का साधन बनाएं। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है और फसल उत्पादन प्रभावित होता है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी किसान पराली को जलाने के बजाय उसे बेचकर आय अर्जित कर सकते हैं। पराली का सही उपयोग न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।बैठक में जिला राजस्व अधिकारी बलराज सिंह दांगी, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. बाबू लाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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फतेहाबाद से दिल्ली के जंतर-मंतर रवाना हुए किसान:डल्लेवाल के नेतृत्व में महापंचायत में होंगे शामिल; MSP गारंटी कानून बनाने की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) दिल्ली के जंतर मंतर पर एमएसपी की गारंटी के कानून की मांग को लेकर किसानों की महापंचायत में भाग लेने फतेहाबाद से भी किसान रवाना हुए। भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ के प्रदेशाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह मल्लवाला के नेतृत्व में रतिया से काफी किसान दिल्ली गए। कुछ किसान स्पेशल बस लेकर गए तो कुछ ट्रेन के जरिए भी रवाना हुए। जरनैल सिंह मल्लवाला ने बताया कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर एक बार फिर से दिल्ली में किसान जंतर मंतर पर एकत्रित होंगे। यहां पर आज (सोमवार) को ही महापंचायत रखी गई ताकि केंद्र सरकार इसको लेकर कोई कानून बनाने को मजबूर हो। पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों से आएंगे किसान जरनैल सिंह ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली, यूपी सहित कई राज्यों के किसान इस महापंचायत में शामिल होंगे। इस महापंचायत की अध्यक्षता सीनियर किसान लीडर जगजीत सिंह डल्लेवाल करेंगे। महापंचायत में एमएसपी की गारंटी का कानून बनवाने को लेकर आगामी आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान अग्निवीर योजना को लेकर भी बातचीत होगी। एमएसपी नहीं मिलने से किसान आत्महत्या को मजबूर जरनैल सिंह मल्लवाला ने कहा कि किसानों के हकों की लड़ाई एक दिन की नहीं है। इसको लगातार जारी रखना होगा। किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती है। इसलिए वे कर्जे में डूबे हुए हैं। कर्जा बढ़ने के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता है। अगर उसको फसल का उचित भाव मिल जाए तो किसान भी खुशहाल होगा।

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