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यमुनानगर में साफ हुआ मौसम, भूमि कटाव जारी:बैराज पर पानी का प्रवाह घटकर 58,947 क्यूसेक, जलभराव कम होने पर खुले स्कूल




यमुनानगर में आज मौसम साफ हो गया है और धूप खिली हुई है। हथिनीकुंड बैराज पर सुबह 7 बजे यमुना नदी में पानी का प्रवाह 58,947 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो पिछले कुछ दिनों की तुलना में काफी कम है। यह स्थिति क्षेत्र के लिए राहत की खबर लेकर आई है, क्योंकि हाल के दिनों में भारी बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी ने हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए थे। पिछले कुछ दिनों में पहाड़ी इलाकों और हरियाणा में हुई भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया था। 1 सितंबर को सुबह 4 बजे बैराज के गेट खोले गए थे, जिसके बाद 3,29,313 क्यूसेक तक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया था। भूमि कटाव में नही सुधार इस दौरान यमुनानगर के कमालपुर टापू, पोबरी, लाकड़, बंजारा बॉस, उन्हेडी, बीबीपुर और कलेसर जैसे गांवों में भूमि कटाव की समस्या गहरा गई, और सैकड़ों एकड़ जमीन यमुना में समा गई। खेतों से यमुना पानी बेशक अब धीरे-धीरे करके उतर रहा है, लेकिन भूमि कटाव की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। कटाव को रोकने के लिए लगाए जा रहे मिट्टी से भरे कट्‌टे पानी के बहाव के बहे जा रहे हैं, जोकि ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। महज 100 मीटर दूर आबादी टापू कमालपुर में यमुना के बहाव के भूमि कटकर अब मात्र 100 मीटर आबादी के नजदीक पहुंच चुकी है। ऐसे में प्रशासन इस गांव पर पूरी निगरानी रखे हुए है। डीसी पार्थ गुप्ता व एसडीएम विश्वनाथ कई बार इस गांव का दौरा कर स्थिति जांच चुके हैं। यहां प्रशासन ने 100 से ज्यादा मजदूरों को कटाव रोकने के लिए लगा रखा है, जिनमें ग्रामीण भी उनके साथ दिनरात काम में जुटे हुए हैं। वहीं जिन-जिन गांव में पानी जलभराव के हालात सामान्य हो गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा अब वहां के स्कूलों को खोल दिया गया है। विभाग खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर पर स्कूलों की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लेने को कहा गया था। छछरौली में जलभराव ज्यादा होने के चलते यहां के स्कूल बंद थे, लेकिन जलभराव कम होने के चलते धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे हैं।

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