![]()
सोनीपत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अशोक कुमार मान की कोर्ट ने 10 साल पुराने दोहरे हत्याकांड मामले में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने मामले के 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। हत्या के अपराध में दोषी ठहराए गए सात आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, दो अन्य दोषियों को अवैध शस्त्र अधिनियम के तहत क्रमशः पांच साल और छह माह की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। पूरा मामला क्या था?
बता दें कि, यह हत्याकांड 14 नवंबर 2015 को हुआ था। गांव पिनाना निवासी देवेंद्र मलिक ने मोहाना थाना में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उनके भाई पवन और चचेरे भाई विक्की की गांव के अड्डे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक विक्की, जो हत्या के एक मामले में सजायाफ्ता था और पैरोल पर बाहर आया था, उसे गांव भैंसवाल कलां के रंजीता से 30-35 हजार रुपए उधार लेने थे। जब विक्की ने रुपए लेने के लिए एक साथी को भेजा, तो रंजीता ने उससे बदतमीजी की। विक्की ने रंजीता को फोन पर इस दुर्व्यवहार की शिकायत की। रुपए देने के बहाने से बुलाया 14 नवंबर, 2015 को विक्की को पैरोल खत्म होने के बाद वापस जेल जाना था। विक्की अपने भाई पवन मलिक, मोनू उर्फ रविंद्र, भांजा अनिल (जींद निवासी) और साथी मोनू (मांडौठी निवासी) के साथ गांव के अड्डे पर था। तभी दो स्कॉर्पियो गाड़ियों में सवार होकर रंजीता सहित कुल नौ आरोपी वहां पहुंचे और आते ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस हमले में पवन और विक्की की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में खुलासा हुआ कि रंजीता ने विक्की को रुपए देने के बहाने अड्डे पर बुलाया था और फिर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। अदालत का फैसला और सजा मोहाना थाना पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से अभिलाष उर्फ कैरा और सुरेंद्र उर्फ सुंदरा की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। अदालत ने शेष 9 आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार मान ने दोषी रंजीता, प्रवीन उर्फ कच्छी, पंकज उर्फ पिंकू, पवन उर्फ पौना, तरुण, दिनेश उर्फ नेशा और शमशेर को हत्या (आईपीसी की धारा) के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, इन सभी पर प्रत्येक को 1.05 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। शस्त्र अधिनियम में सजा गांव भैंसवाल निवासी धर्मेंद्र को अवैध शस्त्र अधिनियम के तहत पाँच साल कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। सिटावली निवासी प्रमोद को शस्त्र अधिनियम में छह माह कैद और दो हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई।


