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सोनीपत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एएसजे) नरेंद्र की कोर्ट ने दसवीं कक्षा की एक नाबालिग स्टूडेंट से रेप के मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने गुरुवार को रेप करने वाले मुख्य आरोपी और उसके मददगार, दोनों को दोषी ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगाया गया है। मामला 13 फरवरी 2024 को सामने आया था, जब पीड़िता की मां ने सोनीपत के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया। शिकायत के अनुसार, उनकी 15 वर्षीय बेटी की दोस्ती सोशल मीडिया के माध्यम से पानीपत निवासी सूरज से हुई थी। वारदात के दिन यानी 13 फरवरी को जब स्टूडेंट स्कूल जाने के लिए घर से निकली, तो आरोपी सूरज अपने दोस्त मनोज के साथ एक बुलेट बाइक पर स्कूल के बाहर लड़की से मिला। दोनों आरोपी छात्रा को बहला-फुसलाकर मुरथल स्थित एक होटल में ले गए। मनोज होटल के बाहर रुका, जबकि सूरज स्टूडेंट को कमरे में ले गया और उसके साथ जबरन रेप किया। धमकी और पुलिस में शिकायत
रेप करने के बाद, आरोपी स्टूडेंट को स्कूल के बाहर छोड़कर चले गए। आरोपियों ने पीड़िता को धमकी दी कि अगर उसने यह बात किसी को बताई तो वे उसके परिवार को मार देंगे। स्कूल से फोन आने पर जब मां घर पहुंची, तो उन्होंने बेटी को डरा हुआ पाया। अगले दिन, 14 फरवरी को, मां द्वारा पूछताछ करने पर लड़की ने पूरी घटना बताई, जिसके बाद उन्होंने बिना देर किए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने सुनाई कठोर सज़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पानीपत के रहने वाले मुख्य आरोपी सूरज और षड्यंत्र में शामिल उसके मददगार मनोज (मूलरूप से मुजफ्फरनगर, यूपी निवासी) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र की अदालत में हुई। अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए कड़ी सज़ा सुनाई। मुख्य आरोपी सूरज को 20 वर्ष कैद के साथ 52 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और वहीं मददगार मनोज को 20 वर्ष कैद के साथ 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। अदालत का यह फैसला नाबालिगों के साथ होने वाले अपराधों में शामिल मुख्य अपराधी के साथ-साथ षड्यंत्रकारी को भी समान रूप से दंडित कर सख्त मिसाल कायम करता है।


