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पंचकूला में वकील को उम्रकैद की सजा:दृश्यम फिल्म देख दफनाया था पत्नी का शव, प्रेमिका और जीजा भी उम्रभर जेल में रहेंगे

पंचकूला के वकील ने साल 2015 में रिलीज हुई दृश्यम मूवी से इंस्पायर होकर हत्या के बाद पत्नी के शव को ठिकाने लगाया था। जिसे अब पंचकूला के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं उसकी प्रेमिका और जीजा भी उम्रभर जेल में रहेंगे। सेक्टर-9 निवासी वकील मनमोहन ने साल 2018 में अपनी पत्नी की गली घोंटकर हत्या कर दी थी। हत्या की इस जघन्य वारदात में उसका साथ प्रेमिका और जीजा संदीप ने दिया था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हत्या पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई थी और महिला की बेरहमी से हत्या कर शव को ठिकाने लगाया गया। ब्यूटी पॉर्लर संचालिका के प्यार में पड़ा वकील मनमोहन का मनीमाजरा में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली मोनिका के साथ अफेयर हो गया।एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर इतना गहरा हो गया कि दोनों ने शादी करने की ठान ली। शादी के लिए वकील की पत्नी रजनी रोड़ा बन रही थी। जिसे ठिकाने लगाने के लिए रजनी ने अपनी जीजा संदीप के साथ प्लानिंग की। पत्नी की जगह कुत्ते को दफनाया मोनिका ने रजनी को सेक्टर-5 स्थित यवनिका पार्क में बुलाया था, जहां पहले से संदीप मौजूद था। दोनों ने रजनी को कार में बैठाया और रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को सेक्टर-23 स्थित डंपिंग ग्राउंड में दबा दिया गया। बाद में मोनिका ने मनमोहन को शव दफनाने की जानकारी दी। मनमोहन ने दृश्यम मूवी वाला सीन यहां पर दोहराया। मोनिका को बिना बताए वकील मनमोहन खुद डंपिंग ग्राउंड पहुंचा और शव निकालकर कहीं और ठिकाने लगा दिया तथा पुलिस को गुमराह करने के लिए वहां कुत्ते का शव दबा दिया। पुलिस को शुरुआती खुदाई में रजनी के जूते तो मिले, लेकिन रजनी के बजाय कुत्ते का शव मिला था। पत्नी की तलाश में बच्चों के साथ घूमा 16 जनवरी, 2018 को जब रजनी के बच्चे स्कूल से लौटे और मां को घर में न पाकर पिता को जानकारी दी तो मनमोहन ने आस-पास और रिश्तेदारों के घर जाकर पत्नी की तलाश का दिखावा किया। हालांकि बाद में पुलिस जांच और कॉल डिटेल्स के आधार पर पुलिस ने मोनिका और संदीप को गिरफ्तार किया था। मोनिका और संदीप की गिरफ्तारी के बाद सच सामने आ गया था।

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सिरसा के युवक का राजस्थान कैनाल में मिला शव:3 दिन पहले नहर में लगाई थी छलांग, परिजनों ने तैरते देखा

सिरसा जिले के बिज्जूवाली गांव के 28 वर्षीय युवक सुनील कुमार का शव राजस्थान कैनाल से बरामद किया गया है। सुनील ने तीन दिन पहले नहर में छलांग लगाई थी। परिजनों ने रात में शव को पानी पर तैरते देखा, जिसके बाद गोताखोरों की मदद से उसे बाहर निकाला गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भिजवाया और जांच शुरू की। पारिवारिक विवाद के बाद उठाया कदम जानकारी के अनुसार, सुनील कुमार ने घर में हुए पारिवारिक विवाद के बाद जंडवाला बिश्नोईयां के पास राजस्थान कैनाल में छलांग लगा दी थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने उसे मोटरसाइकिल रोककर नहर में कूदते देखा था।परिजनों ने सुनील का पीछा किया और नहर किनारे उसका मोटरसाइकिल खड़ा पाया, लेकिन वह वहां नहीं था। इसके बाद से ही परिजन नहर में उसकी तलाश कर रहे थे। तीन दिन तक नहर पर बैठे रहे परिजन तीन दिनों तक लगातार नहर किनारे डेरा डालने के बाद, आज रात उन्हें सुनील का शव पानी पर तैरता हुआ दिखाई दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और गोताखोरों की सहायता से शव को बाहर निकाला। शव को डबवाली के नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने इत्तफाकिया कार्रवाई की आज दोपहर करीब 1 बजे गांव के रामबाग में युवक का अंतिम संस्कार किया गया। जांच अधिकारी राजेश कुमार ने मृतक के पिता विजय कुमार के बयानों के आधार पर इत्तफाकिया कार्रवाई की है।

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बिना जोखिम, घातक प्रहार: ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना का ड्रोन शो, अंबाला में दिखी मानव रहित विमानों की धमक

सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार ड्रोन तकनीक में अपनी क्षमता दिखाई।

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गुरुग्राम में सरकारी क्वार्टर में मिले गांजा-हथियार, हवलदार गिरफ्तार:बहू ने बुलाई पुलिस, सफाई के दौरान देखा था नशा; ससुर ने पिस्तौल दिखा डराया

गुरुग्राम पुलिस लाइन में सरकारी क्वार्टर में गांजा और अवैध हथियार बरामद होने के मामले में शनिवार को हवलदार पोखर राम को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि सरकारी फ्लैट नंबर-105 से 1 किलो 700 ग्राम गांजा, पिस्तौलनुमा हथियार व 10 जिंदा कारतूस मिले। नशा और अवैध हथियार की सूचना किसी और ने नहीं बल्कि हवलदार को पुत्रवधू मीनू ने ही पुलिस को दी। अब FIR में एनडीपीएस व आर्म्स एक्ट के अलावा घरेलू हिंसा व गर्भपात कराने की धाराएं भी लगाई हैं। बहू ने सरकारी क्वार्टर में पुलिस बुला ली थी। उसका कहना है कि घर में साफ-सफाई के दौरान नशा व हथियार देखे। ससुर से पूछा तो उसने सिर पर पिस्तौल तान दी। बोला-किसी को इस बारे में बताना नहीं। बहू का कहना है कि शादी के बाद से ही उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। तंग आकर उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस कार्रवाई से जुड़ी PHOTOS… अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, क्या है पूरा मामला… गिरफ्तारी की मांग को लेकर 12 घंटे थाने में बैठी मीनू ने बताया कि गुरुवार को उसने रात 9.30 बजे पुलिस को बुलाया था। पुलिस अधिकारी ढीली कार्रवाई करते रही। सुबह तक वह आरोपियों को पकड़ने का इंतजार करती थी, लेकिन उनको नहीं पकड़ा गया। सुबह 9.30 बजे उसे बताया गया कि FIR दर्ज की गई है। इसके बाद वह पुलिस कमिश्नर ऑफिस गई और आरोपियों को पकड़ने की मांग की। वहां से आश्वासन दिया कि आप घर जाओ पुलिस कार्रवाई कर रही है। जब वो पुलिस लाइन पहुंची तो वहां पहले से पुलिस तैनात थी। उसकी मांग है कि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। पूछताछ के बाद हुई हवलदार की गिरफ्तारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि प्रारंभिक जांच की गई। हवलदार पोखर राम से भी पूछताछ की गई। यह पता लगाने की कोशिश की जा गई कि क्या वह इस अवैध सामग्री से सीधे तौर पर जुड़े हैं या कोई और इस फ्लैट का दुरुपयोग कर रहा था। सिविल लाइन थाना SHO कृष्ण का कहना है कि फ्लैट से बरामद कारतूस, खिलौनानुमा पिस्तौल और नशीले पदार्थ को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। इस मामले में अभी पोखर राम की गिरफ्तारी हुई है। एफआईआर में पोखर राम के अलावा बेटे रामजीलाल, तीन बेटियों और सिरसा के गांव गोदीकान के हरि व उसकी पत्नी को नामजद किया गया है। ससुर देता था CIA में होने की धौंस मीनू का आरोप है कि उसका ससुर धमकी देता था कि वह पुलिस CIA में है। उसकी बड़े बड़े अधिकारियों से जान पहचान है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पति भी ससुर का साथ देता है और उसके साथ मारपीट करता है। पुलिस लाइन में दो गेट, दोनों पर एंट्री होती है पुलिस लाइन में प्रवेश के दो गेट है, एक महावीर चौक की तरफ तो दूसरा सेक्टर 15 की तरफ है। यहां दोनों गेट पर बेरिकेड फाटक और सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती है। आने-जाने वालों को एंट्री दर्ज की जाती है। ऐसे में हवलदार के फ्लैट तक अवैध हथियार और गांजा कैसे पहुंचा, यह बड़ा सवाल है। पुलिस लाइन में सभी पुलिस कर्मियों के परिवार रहते हैं।

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Haryana: राजस्व विभाग में बड़ा फेरबदल, सरकार ने 89 नायब तहसीलदारों का तबादला किया, यहां देखें पूरी लिस्ट

हरियाणा के राज्यपाल ने राजस्व विभाग में तत्काल प्रभाव से बड़ी संख्या नायब तहसीलदारों के तबादले किए हैं।

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Haryana: मौलवी की क्रूरता… बच्चे को रस्सी से बांध बुरी तरह पीटा, मदरसे पहुंची मां, मासूम को देख फट गया कलेजा

हरियाणा के पानीपत में मौलवी द्वारा नौ साल के बच्चे की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है।

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भिवानी में 24 पेटी अवैध देसी शराब जब्त:कार से जा रहा था सप्लाई करने, ड्राइवर गिरफ्तार; पुलिस को देख घबराया

भिवानी पुलिस ने आज यानी शुक्रवार को अवैध शराब तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। डिटेक्टिव स्टाफ लोहारू ने एक i20 कार से 24 पेटी देसी शराब जब्त कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह शराब भिवानी से गांव दिनोद लाई जा रही थी। पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए, डिटेक्टिव स्टाफ लोहारू के सहायक उप निरीक्षक जसवंत सिंह अपनी टीम के साथ देवसर रोड दिनोद पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली कि एक व्यक्ति i20 गाड़ी में अवैध शराब लेकर दिनोद आएगा। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने दिनोद रोड पर नाकाबंदी की और संदिग्ध i20 गाड़ी को रुकवाया। तलाशी के दौरान गाड़ी से 24 पेटी अवैध देसी शराब बरामद हुई। पुलिस ने तत्काल गाड़ी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान नरेश निवासी दिनोद, जिला भिवानी के रूप में हुई है। पुलिस ने i20 गाड़ी को भी अपने कब्जे में ले लिया है। आरोपी नरेश के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत थाना सदर भिवानी में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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जैस्मिन बोलीं-10 साल की प्रैक्टिस से वर्ल्ड चैंपियन बनीं:ओलिंपिक में गोल्ड मेडल का सपना; दुबला शरीर देख लोग बोलते थे तुम बॉक्सर हो

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 के 57 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली भिवानी की रहने वाली जैस्मिन लंबोरिया ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप और बॉक्सिंग करियर के अनुभव को साझा किया। जब जैस्मिन ने पोलैंड की ओलिंपिक में सिल्वर मेडलिस्ट बॉक्सर को हराया तो वह उसके एक भावुक पल था। वे बिना प्रेशर के रिंग में उतरी और जीत हासिल की। जैस्मिन ने बताया कि जब वह शुरुआत में बॉक्सिंग करती थी तो उनका शरीर दुबला-पतला था। इसलिए लोग उसके शरीर को देखकर कहते थे कि तू भी बॉक्सर है। लेकिन उन्होंने इस तरह की बातों को अपने खेल में रोड़ा नहीं बनने दिया। करीब 9-10 साल के अभ्यास के बाद वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर लाई हैं। इसके अलावा, उनका सपना ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। पोलैंड की जूलिया स्जेरेमेटा को 4-1 से हराया इंग्लैंड के लिवरपुल में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जैस्मिन लंबोरिया ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते हुए फाइनल मुकाबले में पोलैंड की जूलिया स्जेरेमेटा को 4-1 से हराया। इससे पहले भी बॉक्सर जैस्मिन लंबोरिया ने कई अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पदक जीते हैं। 57 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली जैस्मिन ने पेरिस 2024 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2022 राष्ट्रमंडल खेल में कांस्य पदक जीता। वहीं उन्होंने 2021 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। वहीं 2025 के वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में गोल्ड मेडल जीता था। पिता होमगार्ड- मां ग्रहणी जैस्मिन के पिता जयवीर लंबोरिया होमगार्ड हैं और उनकी माता जोगिंद्र कौर ग्रहणी हैं। जयवीर लंबोरिया के 4 बच्चे हैं, तीन बड़ी बेटी और एक छोटा बेटा। जैस्मिन लंबोरिया तीसरे नंबर की है। जैस्मिन घर की पहली लड़की हैं, जो बॉक्सिंग कर रही हैं। वहीं जैस्मिन फिलहाल फिजिकल एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा भी कर रही हैं। वहीं 2021 में जैस्मिन ने खेल कोटे से आर्मी को ज्वाइन किया था। वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल विजेता जैस्मिन लंबोरिया से बातचीत पत्रकार : गोल्ड मेडल जीतकर कैसा महसूस किया? जैस्मिन लंबोरिया : मेरे को काफी अच्छा लग रहा है कि 57 किलोग्राम भारवर्ग में इंडिया को गोल्ड मेडल दिलाया है। काफी खुशी हो रही है। एक सपना था वर्ल्ड चैंपियन बनने का वह पूरा हुआ है। पत्रकार : फाइनल बाउट का कैसा अनुभव रहा और किन रणनीति के तहत रिंग में उतरी? जैस्मिन लंबोरिया : फाइनल बाउट में मेरा मुकाबला पोलैंड की ओलिंपिक में सिल्वर मेडलिस्ट के साथ था। लेकिन यही था कि हम फाइनल में पहुंच चुके थे। खोने को कुछ नहीं था, केवल पाने के लिए ही था। अगर मैं प्रेशर लेती कि वह मेडलिस्ट है तो शायद कहीं ना कहीं मेरे गेम पर इफेक्ट आता। मैंने इतना प्रेशर आने ही नहीं दिया। मैंने अपना गेम खेलना था। 9 मिनट रिंग पर निकालना है, रिजल्ट चाहे कुछ भी हो। उसके चलते मेरा नेच्यूरल गेम भी बाहर निकलकर आया। कोई प्रेशर नहीं था, बिल्कुल फोकस था। बाउट राउंड के हिसाब से कंट्रोल में आती रही और फिर हम जीत गए। पत्रकार : जब आपके जीतने की घोषणा की तो कैसा महसूस कर रही थी? जैस्मिन लंबोरिया : तब बहुत ही ज्यादा खुशी थी। एक दम जब हाथ ऊपर उठाया तो थोड़ा इमोशनल भी थी, और थोड़ा सा यह भी था कि मैंने इंडिया के लिए कर दिया है। पत्रकार : बॉक्सिंग की कब शुरुआत की थी? जैस्मिन लंबोरिया : मैने बॉक्सिंग की शुरुआत 2016 में की थी। बचपन से ही हमारे अंकल एवं कोच संदीप लंबोरिया और प्रमेंद्र लंबोरिया उनको हम देखते आ रहे थे। उनके घर पर मेडल हैं, उनको देखते थे। उनके बॉक्सिंग के सामान देखते थे और सुनते थे कि उनकी बाउट होती थी। वह सब था और बैकग्राउंड खेल से संबंधित रहा है। 2016 में उन्होंने ही पूछा कि तुम कोई गेम करना चाहती हो। इस पर उसने हामी भर दी और कहा कि हां मेरे को गेम करना है। क्योंकि पहले से थोड़ा इंटरेस्ट था। फिर उन्होंने बोला कि बॉक्सिंग जरूरी नहीं है, जो आपका मन करे, वह गेम करो। फिर मैंने कहा कि बॉक्सिंग ही करनी है। फिर यह सफर शुरू हो गया। पत्रकार : यहां तक का सफर कैसा रहा। क्या-क्या दिक्कतें आई? जैस्मिन लंबोरिया : खिलाड़ी की लाइफ में स्ट्रगल रहता है, वह उतार चढ़ाव से भरा रहता है। यह रही कि स्टार्टिंग में भी सब कुछ अच्छा था और बाद में भी अच्छा है। उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और सीखने को लेसन मिलते रहते हैं। शुरुआत में फाइनेंशियल भी इतना अच्छा नहीं था। थोड़ा डाइट में भी बेसिक कोच ने साथ दिया। हेल्थ से रिलेटेड इश्यू भी रहते थे। कोई भी देखकर बोलता था कि तूम भी बॉक्सिंग करती हो। वो चीजें भी कहीं ना कहीं दिमाग में रहती थी कि पतली हैं। लेकिन अब वह चीज नहीं हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है कि हम बिना मेडल के भी वापस आए। जब उम्मीद थी कि हम यहां से गोल्ड लेंगे तो वहां से भी बिना मेडल वापस आए हैं। सबसे ज्यादा तो एशियन गेम्स का था कि वहां पर कोटा भी ले सकते थे और इंडिया के लिए मेडल सुरक्षित कर सकते थे। वहां से भी खाली हाथ आना पड़ा। उसने भी सीखने को मिला और कहीं-ना-कहीं आज वे काम आ रहे हैं। आगे भी यही काम रहेगा कि जो उतार-चढ़ाव आएंगे, उनमें कहीं भी नहीं रुकूं। मैं लगातार चलती रहूं। पत्रकार : कहीं-ना-कहीं आर्थिक कमजोरी और दुबले-पतले होने का लोगों ने जो मजाक बनाया उससे भी मोटिवेट हुए क्या? जैस्मिन लंबोरिया : स्टार्टिंग में यह था कि हम इंडिया के लिए मेडल लेकर आएं। साथ यह भी था कि घर की स्थिति भी ठीक होगी। मेरे पर पूरा ट्रस्ट किया था मेरी फैमिली को कि आप खुलकर खेलों। वह ट्रस्ट कहीं-ना-कहीं काम आया। एक लड़की कोई सपना देखती है तो फैमिली का स्पॉट जरूर चाहिए होता है। पूरी फैमिली का स्पॉट रहा, यहां तक बोला जाता है कि तू बस खेल, बाकी छोड़ दे। पत्रकार : आगे क्या लक्ष्य हैं, उसको हासिल करने के लिए क्या रणनीति रहेगी? जैस्मिन लंबोरिया : अभी वैसे तो 2028 का ओलिंपिक है। वहां से गोल्ड लाने का लक्ष्य है। उससे पहले

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रोहतक में युवक ने लाइसेंसी पिस्टल से मारी गोली:पिता लड़ चुका बरोदा उपचुनाव, भाई ने आकर देखा शव, पुलिस कर रही जांच

रोहतक में एक युवक ने पिता की लाइसेंसी पिस्टल लेकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घर में ऊपर सो रहे मृतक के भाई ने जब नीचे आकर देखा तो शव पड़ा मिला। शव को देखकर पहले पिता और बाद में पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। मृतक की पहचान आजाद गढ़ निवासी 19 वर्षीय भावेश हुड्डा पुत्र शक्ति सिंह हुड्डा के रूप में हुई। भावेश अपने भाई के साथ घर पर मौजूद था, जबकि पिता बाहर गए थे। भावेश नीचे था, जबकि उसका भाई ऊपर कमरे में था। भावेश ने पिता की लाइसेंसी पिस्टल लेकर सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। आत्महत्या के पीछे बताई जा रही घरेलू कलह पड़ोसियों का कहना है कि भावेश ने घरेलू कलह के चलते आत्महत्या की है। अक्सर घर में झगड़ा होता था और शक्ति सिंह की पत्नी भी घर पर नहीं है। पड़ोसियों का कहना है कि पिछले 5-6 महीने से शक्ति सिंह की पत्नी को नहीं देखा है। बाकी आत्महत्या के पीछे का असल कारण पुलिस जांच के बाद ही पता चलेगा। बरोदा उपचुनाव लड़ चुके शक्ति सिंह मृतक के भावेश के पिता एडवोकेट शक्ति सिंह बरोदा में 2020 में हुआ उपचुनाव भी लड़ चुके हैं। उपचुनाव में 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें 158 वोट लेकर शक्ति सिंह हुड्डा 7वें स्थान पर रहे थे। उपचुनाव में 7 उम्मीदवारों के उनसे भी कम वोट आए थे। पुलिस मामले में कर रही जांच अर्बन एस्टेट थाना पुलिस का कहना है कि एक युवक द्वारा गोली मारने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पीजीआई के पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। पुलिस मामले में जांच कर रही है।

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