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वाल्मीकि प्रकटोत्सव, कांग्रेस का बीजेपी पर हमला:दीपेंद्र बोले- विस चुनाव में जनभावना साथ थी, पर 22000 वोट से पिछड़ गए, यही वोट चोरी का तंत्र है

इसराना में महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस पर आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीते चुनाव में जनभावना कांग्रेस के साथ थी, लेकिन वोट चोरी के तंत्र से हम 22,000 वोट से पिछड़ गए, नहीं तो सरकार हमारी होती। उन्होंने मुख्यमंत्री पर साम, दाम, दंड, भेद की नीति पर चलने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार के मंत्रियों के उस बयान का खंडन किया कि हरियाणा में विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष मजबूत है, क्योंकि विपक्ष के बिना सरकार काम नहीं कर सकती। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कांग्रेस अपनी लड़ाई मजबूती के साथ लड़ेगी और आने वाले समय में देश व प्रदेश में सरकार बनाएगी। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि ने किया। इसमें रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर 36 बिरादरी को एकजुट करने का प्रयास किया गया। वाल्मीकि ने दी आदर्श जीवन की शिक्षा, पर लोग स्वार्थ के हिसाब से चलते हैं सांसद ने कहा कि भगवान वाल्मीकि के सिखाए रास्ते पर आज भी संसार चल रहा है। उन्होंने रामायण की रचना कर समाज को आदर्श पुत्र, आदर्श पिता, आदर्श पति, आदर्श पत्नी और आदर्श भाई होने की शिक्षा दी थी। हालांकि, उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज के मानव की दिशा बदल रही है। लोग अपने स्वार्थ के हिसाब से चलते हैं। प्रदेश में राजनीतिक धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई शुरू हुड्डा ने आगे कहा कि हरियाणा में राजनीतिक धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई शुरू हो चुकी है। यह धर्म के नाम पर स्वार्थ की राजनीति के विरुद्ध एक संघर्ष है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ महापुरुष सच्चाई और ईमानदारी की लड़ाई का व्याख्यान करते हैं, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जाता है। उन्होंने हाल ही में हुए चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि जनभावना उनके साथ थी, लेकिन पूरे हरियाणा में कांग्रेस 22,000 वोटों से पिछड़ गई। हुड्डा ने इसे ‘वोट चोरी का तंत्र’ बताया और मुख्यमंत्री पर चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले ही जीत की घोषणा करने का आरोप लगाया। बुढ़ापा पेंशन 6000 करने की मांग उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जनता की भावना का आदर नहीं किया और ‘साम, दाम, दंड, भेद’ के आदेश पर चल रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि वे चाहते हैं कि आने वाले समय में सच्चाई की जीत के साथ सरकार बने, हरियाणा में रोजगार पैदा हो और बुढ़ापा पेंशन 6,000 रुपये से अधिक की जाए।

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अंबाला: जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मक्खन सिंह निर्विरोध विजयी, 14 सदस्यों ने जताई सहमति

जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी मक्खन सिंह लबाना ने शानदार जीत हासिल की।

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भूपेंद्र मलिक इनेलो में लौटे:सोनीपत लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हुई थी; अभय बोले-हुड्डा ने पूरे प्रदेश को बेचने का काम किया

सोनीपत की सियासत में एक बार फिर हलचल देखने को मिल रही है। यहां बरौदा विधानसभा हलके के नेता भूपेंद्र सिंह मलिक ने अपने समर्थकों के साथ सोमवार को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में वापसी कर ली। इससे पहले वह कांग्रेस, जजपा और भाजपा में रह चुके। इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला ने मलिक के आने से इलाके में अपनी पार्टी के मजबूत होने का दावा किया। इनेलो ज्वाइन करते ही भूपेंद्र मलिक ने भाजपा और कांग्रेस, दोनों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा “सांपनाथ और नागनाथ” की जोड़ी है जो जनता को गुमराह कर रही हैं। कांग्रेस ने विपक्ष की भूमिका पूरी तरह खो दी है और BJP से साठगांठ कर ली है। दुष्यंत चौटाला की पार्टी, जजपा के बारे में भूपेंद्र मलिक ने कहा कि उन्होंने अपनी नीतियों के चलते खुद का खात्मा कर लिया। अभय सिंह चौटाला पर जताया भरोसा भूपेंद्र मलिक ने इनेलो सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला को हरियाणा की राजनीति का असली संघर्षशील नेता बताया। उन्होंने कहा कि अभय चौटाला ही वह नेता हैं जो बिना भेदभाव किए चौधरी देवीलाल की विचारधारा पर चलते हुए 36 बिरादरी को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मलिक ने दावा किया कि अब केवल “हरा झंडा” ही रहेगा और 25 सितंबर को रोहतक में होने वाली देवीलाल जयंती की रैली में बरोदा से हजारों लोग शामिल होंगे। इनेलो का पलटवार और कांग्रेस-भाजपा पर हमला अभय सिंह चौटाला ने भी मंच से कांग्रेस और भाजपा दोनों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में विपक्ष के नाम पर सिर्फ इनेलो ही खड़ी है। उन्होंने SYL नहर के पानी, बिजली दरों और किसानों के मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पूरे प्रदेश को बेचने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि सोनीपत की बेश कीमती जमीन को एजुकेशन सिटी के नाम पर बेचने का काम किया। 25 सितंबर की रैली पर सबकी नजरें भूपेंद्र मलिक की इनेलो में वापसी को अभय सिंह चौटाला ने संगठन की मजबूती का संकेत बताया। उन्होंने दावा किया कि प्रदेशभर में पुराने कार्यकर्ता दोबारा इनेलो में लौट रहे हैं। वहीं अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि जितने इनेलो के पुराने कार्यकर्ता थे वह दोबारा वापस लौटकर इनेलो में ज्वाइन करेंगे। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की चिता के फूल 25 तारीख को रैली के दौरान खोलेंगे। भूपेंद्र मलिक का राजनीतिक सफर भूपेंद्र सिंह मलिक मूल रूप से भैंसवाल कलां गांव के रहने वाले हैं और फिलहाल गोहाना में निवास करते हैं। वे लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहे और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा परिवार से उनके करीबी संबंध रहे। कांग्रेस सरकार के दौरान वे गोहाना मार्केट कमेटी के चेयरमैन भी रहे। साल 2019 में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और जजपा से बरोदा विधानसभा का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें तीसरा स्थान मिला। बाद में वे जजपा के राष्ट्रीय सचिव बने और भूपेंद्र सिंह मलिक ने सोनीपत लोकसभा का चुनाव लड़ा था और उनकी जमानत जब्त हो गई थी। भूपेंद्र मलिक को कुल 7820 वोट मिले थे। वह चुनाव में पांचवें नंबर पर रहे। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले जजपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन बरोदा विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कपूर सिंह नरवाल का साथ दिया और बीजेपी से निष्क्रिय हो चुके थे। अब उन्होंने भाजपा और जजपा दोनों को छोड़कर दोबारा इनेलो का दामन थामा है।

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DUSU Election: छात्र संघ का चुनाव जीत गांव पहुंचे आर्यन, कुलदेवता के मंदिर में टेका माथा, गिनाईं प्राथमिकताएं

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के प्रधान का चुनाव जीतने के बाद आर्यन मान बहादुरगढ़ पहुंचे।

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सोनीपत-अंबाला और पंचकूला में निगम चुनाव की तैयारी:एक मेयर सीट BC-B महिला के लिए रिजर्व होगी, सोनीपत में बढ़े 2 वार्ड

हरियाणा सरकार और राज्य चुनाव आयोग तीन नगर निगमों सोनीपत, अंबाला और पंचकूला के चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इन नगर निगमों में जनवरी 2026 में चुनाव प्रस्तावित हैं, जबकि सरकार कोशिश कर रही है कि दिसंबर 2025 में भी चुनाव करवा लिया जाए। इस बार खास बात यह है कि अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगमों में से किसी एक में मेयर पद पिछड़ा वर्ग (BC-B) की महिला के लिए आरक्षित होगा, जिसका निर्णय ड्रॉ के जरिए होगा। तीनों नगर निगमों का कार्यकाल 12 दिसंबर को पूरा हो रहा है। इसके लिए वार्ड बंदी का काम और वार्ड पार्षदों की सीटों का आरक्षण भी पहले ही तय कर दिया गया है। सोनीपत में 2 वार्ड बढ़े हरियाणा के पंचकूला, सोनीपत और अंबाला में वार्ड बंदी का काम पूरा हो चुका है। सोनीपत नगर निगम में वार्ड बंदी के दौरान 2 सीटों की बढ़ोतरी हुई है। अब यहां 22 वार्ड हो गए हैं। जबकि पंचकूला और अंबाला में 20-20 वार्ड ही रहेंगे। शहरी स्थानीय निकाय विभाग (ULB) की ओर से इसका नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। तीनों नगर निगमों की कुल सीटों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए रिजर्वेशन तय किया गया। हरियाणा में नगर निगमों में मेयर को सीधे जनता चुनती है। यहां पढ़िए किस निगम में कैसे तय किया गया आरक्षण 1. अंबाला: नगर निगम में कुल 20 सीटें निर्धारित की गई हैं। इनमें तीन सीटें अनुसूचित जाति (एससी), एक अनुसूचित जाति महिला, दो पिछड़ा वर्ग ‘ए’, एक पिछड़ा वर्ग ‘ए’ महिला और सात सीटें सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। 2. पंचकूला: पंचकूला नगर निगम में भी 20 सीटें हैं। इनमें आरक्षण का पैटर्न अंबाला के समान है। तीन सीटें अनुसूचित जाति, एक सीट अनुसूचित जाति महिला, दो पिछड़ा वर्ग ‘ए’, एक सीट पिछड़ा वर्ग ‘ए’ महिला और सात सीटें सामान्य श्रेणी महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की गई हैं। 3. सोनीपत: सोनीपत नगर निगम में कुल 22 सीटें तय हुई हैं। इनमें चार अनुसूचित जाति, दो अनुसूचित जाति महिला, दो पिछड़ा वर्ग ‘ए’, एक पिछड़ा वर्ग ‘ए’ महिला और आठ सीटें सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। किस निगम में किस जाति की कितनी जनसंख्या अंबाला नगर निगम के 20 वार्डों की कुल जनसंख्या 2 लाख 71 हजार 68 है। इसमें बैकवर्ड क्लास (A) की 57629, बैकवर्ड क्लास (B) की 13743 जनसंख्या है। यहां 36210 एससी की जनसंख्या यूएलबी के द्वारा दर्शाई गई है। -पंचकूला नगर निगम के 20 वार्डों में कुल जनसंख्या 2 लाख 91 हजार 224 है। इनमें 16511 बैकवर्ड क्लास (A) की जनसंख्या है। वहीं बैकवर्ड क्लास (B) की जनसंख्या 17736 है। जबकि 41467 एससी जनसंख्या है। -सोनीपत नगर निगम के 22 वार्डों में 4 लाख 5 हजार 275 कुल जनसंख्या है। इनमें 83000 बैकवर्ड क्लास (A) की जनंसख्या है, 20953 बैकवर्ड क्लास (B) की जनसंख्या है। जबकि एससी की जनसंख्या 59224 है। अभी तीनों नगर निगमों में क्या है स्थिति सोनीपत और अंबाला के मेयरों के विधायक बन जाने के बाद इसी साल मार्च में दोनों नगर निगमों में उपचुनाव कराए गए थे। जनवरी 2026 में पंचकूला, सोनीपत और अंबाला निगमों के चुनाव होने प्रस्तावित हैं। फिलहाल सोनीपत नगर निगम में राजीव जैन, पंचकूला में कुलभूषण गोयल और अंबाला में शैलजा सचदेवा मेयर हैं। सोनीपत के मेयर निखिल मदान के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने और विधायक बनने के बाद राजीव जैन मेयर बने थे। राजीव जैन सीएम के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं और पूर्व शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के पति हैं। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी व राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा की माता शक्ति रानी शर्मा मेयर थी। वे भाजपा के टिकट पर कालका से विधायक बन गईं, जिसके बाद उनके स्थान पर शैलजा सचदेवा मेयर चुनी गईं। पंचकूला में कुलभूषण गोयल मेयर हैं, जिनकी गिनती पूर्व विधानसभा स्पीकर डॉ. ज्ञानचंद गुप्ता के करीबियों में होती है।​​​​​​ दिसंबर के आखिरी या जनवरी के पहले सप्ताह में घोषणा तीनों नगर निगमों में वार्डबंदी हो चुकी है। मेयर रिजर्वेशन के लिए जल्द ही ड्रॉ निकाला जाता है। इस साल दिसंबर के आखिरी या जनवरी 2026 के पहले सप्ताह में चुनाव की घोषणा हो जाएगी।

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खाण्डा ब्लॉक स्वास्थ्य कर्मचारियों का चुनाव संपन्न:देवेंद्र सिंह प्रधान चुने गए, राजेंद्र नागर सचिव बने, नई टीम ने ली शपथ

हिसार के खाण्डा खेड़ी ब्लॉक में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन का चुनाव शुक्रवार को संपन्न हुआ। इस चुनाव में देवेंद्र सिंह को ब्लॉक प्रधान और राजेंद्र नागर को ब्लॉक सचिव चुना गया। चुनाव प्रक्रिया में अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन किया गया। कविता नेहरा वरिष्ठ उप प्रधान, दीपक मोहला उप प्रधान, पवन पेटवाड़ कैशियर, कवरजीत पेटवाड़ सह सचिव और अन्नू पूठ्ठी प्रेस सचिव चुने गए। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने एसोसिएशन को मजबूत बनाने और कर्मचारियों की समस्याओं को प्राथमिकता से उठाने का संकल्प लिया। उन्होंने संगठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आश्वासन दिया। चुनाव कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एमपीएचएस हिसार प्रधान विकास संदलाना ने की। इस दौरान सर्व कर्मचारी संघ से ब्लॉक प्रधान योगेंद्र माजरा, राजेश पेटवाड़, विकास गौतम, जिला एमपीएचई संयोजक शुभराम पान्नु, स्टेट उप प्रधान सुदेश पुनिया, मिर्चपुर ब्लॉक प्रधान विनोद और सचिव अनिल पूनिया बतौर पर्यवेक्षक मौजूद रहे। सभी पर्यवेक्षकों ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और लोकतांत्रिक बताया। कार्यक्रम का संचालन जिला हिसार सचिव रविंद्र पेटवाड़ ने किया। उन्होंने नवगठित टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संगठन की मजबूती के लिए पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का एकजुट होकर काम करना आवश्यक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई टीम कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेगी।

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सिवानी नगरपालिका उपप्रधान पद का चुनाव 19 सितंबर को:एसडीएम बोलीं-इच्छुक उम्मीदवार कर सकते है आवेदन, तुरंत होगी परिणाम घोषणा

भिवानी जिले के सिवानी नगरपालिका के उपप्रधान पद का चुनाव 19 सितंबर को करवाया जाएगा। एसडीएम विजया मलिक ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया उसी दिन पूरी की जाएगी।उपप्रधान पद के इच्छुक उम्मीदवार दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे तक अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद 12:30 बजे से 1 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। वहीं उम्मीदवारों को 1 बजे से 1:15 बजे तक नामांकन वापस लेने का अवसर दिया जाएगा। एसडीएम मलिक ने बताया कि यदि आवश्यक हुआ, तो मतदान प्रक्रिया 1:15 बजे से 1:45 बजे तक संपन्न कराई जाएगी। मतदान के तुरंत बाद परिणाम की घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि चुनाव प्रक्रिया नियमानुसार और पारदर्शिता के साथ संपन्न होगी।

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अंबाला में नगर निगम चुनाव के समीकरणों में बदलाव:घट गई जनसंख्या, आरक्षणों में भी हुआ बदलाव, राजनैतिक दल तैयारी में जुटे

हरियाणा के अंबाला शहर नगर निगम चुनाव की आहट अब साफ सुनाई देने लगी है। हरियाणा सरकार ने अंबाला नगर निगम के लिए नए वार्ड निर्धारण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे यह साफ हो कि 2026 में होने वाले चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस बार भी निगम में कुल 20 वार्ड रहेंगे लेकिन आबादी और आरक्षण समीकरणों में बड़ा बदलाव आया है, जो आने वाले चुनावी दंगल में कई राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। नगर निगम का मौजूदा कार्यकाल 14 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। ऐसे में जनवरी 2026 तक चुनाव कराए जाने की संवैधानिक बाध्यता है। 33 हजार कम हुई जनसंख्या नए नोटिफिकेशन के अनुसार, अब अंबाला नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या घटकर 2 लाख 71 हजार 68 रह गई है। यह आंकड़ा पिछले चुनाव (2020 ) की तुलना में 33 हजार कम है। इतना ही नहीं, अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी में भी करीब आधी गिरावट दर्ज की गई है। 71 हजार से घटकर 36 हजार रह गई है। घटती जनसंख्या बढ़ती सियासी सरगर्मी 2020 के नोटिफिकेशन में अंबाला नगर निगम की जनसंख्या तीन लाख तीन हजार 850 बताई गई थी, जो घटकर 2.71 लाख रह गई है। यह संख्या नगर निगम की कानूनी मान्यता की न्यूनतम सीमा (तीन लाख) से भी करीब 29 हजार कम है। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या आने वाले समय में नगर निगम के अस्तित्व पर भी कोई कानूनी संकट आ सकता है? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जनसंख्या और आरक्षण में हुए इस बदलाव से कुछ राजनीतिक दलों को लाभ मिल सकता है, तो कुछ को रणनीति फिर से तैयार करनी होगी। ये हैं राजनीतिक मायने आरक्षण में फेरबदल हो चुका है तो भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और स्थानीय निर्दलीय सभी अपने सियासी पत्ते दोबारा से बिछाएंगे। अनुसूचित जाति के वार्ड घटने से कुछ मौजूदा पार्षदों को टिकट मिलने में मुश्किल हो सकती है। वहीं, पिछड़ा वर्ग की बढ़ी हिस्सेदारी से नए चेहरे उभरने की संभावना है।

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Haryana: उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटायर क्लर्क ने भरा नामांकन, 3 बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए डाला था पर्चा

हरियाणा के जगत सिंह हर बड़े चुनाव में अपना हाथ आजमा रहे हैं। उन्होंने तीन बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया था। वहीं, इस बार उन्होंने उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरा है।

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Haryana: सरपंच चुनाव का सुप्रीम कोर्ट में हुआ फैसला, हारा हुआ प्रत्याशी जीता, जानें क्या था मामला?

ढाई साल की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मोहित मलिक को विजेता घोषित कर दिया। सरपंच चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था।

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