Actionpunjab

Action Punjab Logo
Breaking News

ममल

Haryana

फर्जी सरकारी कार्यालय मामला, नीली-बत्ती गाड़ी से बढ़ा शक:सिरसा पुलिस को मुहर-ई-मेल मिली, पोस्टर में लिखा-कन्यादान-क्लेम मिलेगा, रोजगार उपलब्ध होगा

सिरसा में समाधान ग्रामीण वेलफेयर एंड इम्प्लायमेंट सर्विस लिमिटेड (भारत सरकार) का फर्जी कार्यालय पाए जाने के मामले में पुलिस आवेदकों की तलाश में जुटी है। कार्यालय से पुलिस को कुछ मुहरें भी मिली है। अभी तक कार्यालय का हेड बताने हिसार का राममेहर व अन्य सहयोगी भी सामने नहीं आया है। इस कार्यालय पर शक ऐसे हुआ कि नीली बत्ती लगी सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी अक्सर कार्यालय के नीचे खड़ी रहती थी। इसकी सूचना पुलिस के पास जा पहुंची। जांच में वो गाड़ी, रोहतक के युवक की मिली। तभी शक हो गया। जब पुलिस ने कार्यालय में जांच की तो विभाग से अनुमति के कोई दस्तावेज नहीं मिले और न ही हेड व सहयोगी मौजूद मिला। इसकी सूचना सहयोगी को दी गई, पर वह नहीं आया। ऐसे में पुलिस ने कार्यालय पर अनुमति न पाए जाने पर उसके गेट पर ताला लगाकर बंद करवा दिया। तब से कार्यालय बंद है। पुलिस पता लगाएगी कि यह कार्यालय कब से चल रहा था और कितने लोगों से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के फार्म भरवाने के नाम पर पैसे लिए गए हैं। सूत्रों की मानें तो इस कार्यालय की मेल आईडी भी बनाई हुई थी। उसी मेल के जरिए लोगों को मैसेज भेजे जाते थे और फीमेल स्टाफ को भी इसी मेल के जरिए कागजी प्रक्रिया के तहत रखे हुए थे, ताकि किसी को शक न हो। समाज कल्याण विभाग की टीम ने भी समाधान कार्यालय का दौरा किया है। शुक्रवार को यह टीम अपनी रिपोर्ट कार्यालय में पेश करेगी। इसे पुलिस ने फर्जीवाड़ा मानते हुए राममेहर के खिलाफ सिविल लाइन थाना पुलिस ने धारा 318(2), 205 BNS के तहत केस दर्ज कर लिया। यूं पूरा मामला जानिएं पुलिस जांच में यह सामने आया है कि बोलेरो गाड़ी रोहतक के किसी युवक के नाम पंजीकरण है। जब पुलिस ने युवक से पूछताछ की तो बताया कि उससे यह गाड़ी लीज-किराए पर ली हुई है। उसे नहीं पता कि क्या करवाया है। कार्यालय में कुछ मुहर भी पाई गई है और राममेहर ने मेल भी बनाई गई थी। कुछ पोस्टर भी छपवाए हुए है। जिसमें स्कीम व जानकारियां ऐसी थी कि आसानी से किसी को पता न चल सकें।पोस्टर में लिखा है कि मुख्यालय द्वारा संचालित, जिनके पास दो या इससे कम एकड़ जमीन है प जिसकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है। किसी भी जाति से संबंधित हो। मुख्यालय द्वारा सक्रीय सदस्यता शुल्क (आजीवन) 1100 रुपए फीस निर्धारित है। जो मुख्यालय का सदस्य होगा, वह विभिन्न स्कीमों का लाभ ले सकेगा। पोस्टर में ये स्कीम और जानकारियां दी, जिससे पता चल पाना मुश्किल मुख्यालय द्वारा प्रत्येक गांव में करीब 200 फार्म ही पंजीकरण है। ग्रामीण एरिया में लड़की की शादी में 21 हजार रुपए कन्यादान राशि निर्धारित है। यह राशि तीन लड़कियों को मिलेगी। मुख्यालय से पंजीकृत हर व्यक्ति को दुर्घटनाग्रस्त होने पर 50 हजार व मृत्यु पर एक लाख रुपए क्लेम मिलेगा। लाभार्थी को अंशदान के रूप में 30 रुपए महीना देना होगा। बेरोजगार युवक-युवतियों को पंजीकरण करवाना होगा, जिनको रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यालय का उद्देश्य युवाओं को जागरूक व शिक्षित करना है।

Haryana

Haryana: कर्ण चौटाला को JJP ने दिया मानहानि का नोटिस, महम कांड में डॉ. अजय चौटाला का नाम लेने का मामला

1990 में हुए महम कांड को लेकर इनेलो नेता कर्ण चौटाला ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उस दौरान दर्ज हुई एफआईआर में डॉ. अजय सिंह चौटाला का नाम होना बताया है।

Haryana

Haryana Crime: सूदखोर के चंगुल में फंसा किसान, मौत से पहले बनाया वीडियो, खोले कई राज, जानें पूरा मामला

मौत से पहले किसान ने एक वीडियो बनाई थी। जिसमें उसने बताया था कि उसने रणधीर से चार लाख रुपये ब्याज पर लिए थे।

Haryana

बदले और निजी स्वार्थ से बढ़े झूठे केस:पानीपत में 10 माह में 270 यौन शोषण व छेड़छाड़ के मामले, 85 निकले फर्जी

पानीपत में पिछले 10 महीनों के दौरान रेप, पॉक्सो और छेड़छाड़ जैसे संवेदनशील अपराधों से जुड़ी 270 मामले दर्ज किए गए। हालांकि जांच के बाद सामने आया कि इनमें से 85 मामले पूरी तरह फर्जी थे। जिन्हें पुलिस ने विस्तार से जांच करने के बाद कैंसिल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया। पुलिस का कहना है कि इन मामलों में अधिकतर शिकायतें आपसी विवाद, निजी स्वार्थ या बदला लेने की भावना से प्रेरित थीं। जिला अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) के एएसआई रुपेश कुमार ने बताया कि पानीपत जिले में कुल 16 पुलिस थाने संचालित हैं। इन सभी थानों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में कई बार सच्चाई सामने आने में महीनों लग जाते हैं। अब तक की जांच में लगभग 35 प्रतिशत से अधिक मामले निपटा दिए गए हैं, जबकि बाकी की जांच जारी है। बदले और स्वार्थ के लिए बनाए गए केस पुलिस जांच मेंं पाया गया कि कई मामलों में शिकायतें बदला लेने या दूसरे पक्ष को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए दर्ज कराई गई थीं। कुछ शिकायतकर्ताओं ने प्रेम संबंध टूटने या विवाद बढ़ने के बाद आरोपी को फंसाने की नीयत से गंभीर धाराओं में केस करवाए। पुलिस ने बताया कि कई बार आपसी रंजिश या संपत्ति विवाद में भी रेप या छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाए जाते हैं ताकि पुलिस और समाज का दबाव बनाकर व्यक्तिगत फायदा लिया जा सके। लिव-इन रिलेशनशिप में झूठी शिकायतें जिले में दर्ज मामलों में कुछ ऐसे भी हैं, जहां लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं ने रिश्ता बिगड़ने के बाद युवक पर रेप का केस दर्ज करा दिया। जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध थे और जब संबंधों में खटास आई तो मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसके बाद महिला ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। दो बार एक ही आरोपी पर केस पुलिस ने बताया एक अन्य चौंकाने वाला मामला तब सामने आया, जब एक महिला ने एक ही युवक पर दो बार रेप का केस दर्ज कराया। पहली शिकायत में मामला निपटने के बाद उसने दोबारा उसी युवक पर नया केस दर्ज कराया। जांच में यह शिकायत भी झूठी पाई गई और उसे कैंसिल कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे फर्जी मामलों से वास्तविक पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसलिए हर शिकायत की गहन जांच की जा रही है ताकि असली पीड़ितों को न्याय और झूठे आरोप लगाने वालों को सबक, दोनों मिल सकें। नारी नू नारायणी समिति की अध्यक्ष एसपी से मिली नारी तू नारायणी समिति की अध्यक्ष सविता आर्या ने कहा पिछले दस महीनें में पुलिस जांच में कई मामले कैंसिल किए गए है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में महिलाओं ने अपने अधिकारो का दुरूप्रयोग किया है। उन्होंने कहा पुलिस अधीक्षक को एक पत्र दिया। इसमें बताया कि जो महिला झूठा मामला दर्ज कराएं उसके बाद CRPC धारा 181 व 211 के तहत कार्रवाई की जाए। जिससे ऐसे मामले दर्ज होने में रोक लग सके।

Haryana

सोनीपत में महिला पार्षद के ससुर की गोली मारकर की हत्या:पूर्व उपाध्यक्ष लंबू ने किए फायर, चुनावी रंजिश का मामला

शास्त्री नगर में सोमवार देर रात नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील लंबू ने वार्ड नंबर 12 की पार्षद सोनिया शर्मा के ससुर रामकरण शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी।

Haryana

Haryana Crime: पत्नी ने पति को उतारा मौत के घाट, तेजदार हथियारों से गोदा, घरेलू विवाद का है मामला

गोहाना में पत्नी ने पति को मौत के घाट उतार दिया। घरेलू विवाद में पत्नी ने पति को ईंट-पत्थरों व अन्य तेजधार हथियारों से गोदकर मौत के घाट उतारा।

Haryana

ADGP खुदकुशी मामला: SIT ने रोहतक के पुलिस अफसरों से की पूछताछ, लैपटॉप और मोबाइल सीएफएसएल जांच में भेजे गए

एडीजीपी वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है।

Haryana

अंतर्वस्त्र जांच प्रकरण: आरोपियों के खिलाफ लगाया गया ससी-एसटी एक्ट, एसआईटी कर रही मामले की जांच

एमडीयू की महिला सफाई कर्मचारियों के अंतर्वस्त्र जांच मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़ दी है। मामले की जांच डीएसपी रवि खुंडिया के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।

Haryana

पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट मामले में सरकार जाएगी कोर्ट:सीएम मान बोले- केंद्र को यह अधिकार नहीं, हरियाणा के रास्ते भी एंट्री की कोशिश हुई

पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को भंग करने और उसमें पंजाब की भागीदारी समाप्त करने के मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि यह फैसला पंजाब और उसके हकों के विपरीत है। उन्होंने इसे गैरसंवैधानिक बताया है। साथ ही इस मामले में कोर्ट तक लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। पंजाब के साथ किसी की भी कीमत पर धक्केशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम ने 5.39 मिनट के वीडियो में छह बाते कहीं जो कि इस प्रकार है – केंद्र सरकार को इसे भंग करने का अधिकार नहीं सीएम ने कहा कि मेरे पास कागज है। उसके मुताबिक पंजाब पुनर्गठन एक्ट, 1966 के तहत जब सब-सेक्शन तीन लागू होता है। पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट 1947 के तहत यह एक्ट पास हुआ था। एक नवंबर 1966 को यह सीनेट व यूनिवर्सिटी के कामों का पूरा ब्यौरा, लेखा-जोखा व उसके चलाने के प्रबंधकीय कागज-पत्र तैयार हुए थे। जो एक्ट विधानसभा में बना हुआ था, उसे केंद्र सरकार किसी नोटिफिकेशन से भंग नहीं कर सकती या तो इसे विधानसभा संशोधन करे या फिर देश की संसद में लेकर जाए लेकिन दोनों तरीके अपनाए बिना एक नोटिफिकेशन जारी कर भाजपा ने अपना पंजाब-विरोधी चेहरा दिखाया है। पहले भी दो बार इस तरह की कोशिश की गई सीएम ने कहा कि इससे पहले भी भाजपा ने कोशिश की थी। दो बार मीटिंग हुई थी। पंजाब और हरियाणा के गवर्नर बैठते थे। मैं भी जाता था, हरियाणा के मुख्यमंत्री भी आते थे। अफसर और वीसी भी आते थे। इनकी मांग थी कि पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व अंबाला के सारे कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी के अधीन ले लो। जबकि हरियाणा ने खुद ही उस समय बाहर निकला था, जब उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी बनाई थी। मेरी तरफ से मैंने बिल्कुल मना कर दिया था, क्योंकि हमारे पास अपने ही 170 से अधिक कॉलेजों की मान्यता चंडीगढ़ से है। सीनेट में एंट्री के लिए बनाया यह रास्ता सीएम ने कहा कि यह कोई प्रॉब्लम नहीं थी कि हमारे कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी से जुड़े जाएंगे। इन्होंने उन कॉलेजों के बीच से सीनेट के सदस्य भेजकर उसमें एंट्री करनी थी, जिसका हमें पहले ही पता चल गया था। इसलिए हमने पहले ही मना कर दिया था और इन्होंने यह तरीका अपनाया।एक नवंबर पंजाब डे वाले दिन भाजपा ने पंजाबियों को यह “तोहफा” दिया है। मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि भाजपा पंजाब-विरोधी है। पंजाब के खिलाफ एक भी मौका नहीं छोड़ती। सुप्रीम कोर्ट तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे पंजाब के प्रति इनकी जो नफरत है, वह काफी पुरानी है। पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी लैगेसी है, हमारी विरासत है। इसे संभालने के लिए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े तो हम वहां तक जाएंगे। कानूनी माहिरों से राय ले रहे हैं। इस धक्केशाही को हम होने नहीं देंगे। जिस भी स्तर तक आवाज़ उठानी पड़ी, हम आवाज़ उठाएंगे। ताकि पंजाब यूनिवर्सिटी जिसका विरसा लाहौर था, फिर होशियार और फिर चंडीगढ़ आई इसकी रक्षा हो सके। खर्च हम करे, जिम्मेदारी यह लेंगे इस तरह के गैरसंवैधानिक नोटिफिकेशन जारी करके हमसे हमारी सीनेट या यूनिवर्सिटी के प्रबंध छीने नहीं जा सकते। अभी कुछ समय पहले ही लड़कियों के हॉस्टल के लिए हमने पैसे जारी किए हैं। पैसे जारी करने के लिए पंजाब सरकार है और चलाने की जिम्मेदारी भी वह खुद लेने की बात करती है। इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। जिस स्तर पर जाना पड़े, जाएंगे। हम पंजाब के हक़ जाने नहीं देंगे; हम पंजाब के हक़ लेकर रहेंगे। धक्केशाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे पहले बीबीएमबी और अब पंजाब यूनिवर्सिटी के नोटिस जारी कर इन्हें कब्जा नहीं लेने देंगे। पंजाब सरकार वचनबद्ध है कि पंजाब की प्रॉपर्टी, लैगेसी और विरासत को संभालने में पूरा योगदान देगी। भाजपा के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। हम पंजाब के साथ किसी भी तरह की धक्केशाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

Haryana

भिवानी के युवक की हत्या मामले में 2 पर केस:ठेकेदार व सेल्समैन के खिलाफ एफआईआर, शराब मांगने के दौरान झगड़ा, पिटाई के 13 दिन बाद मौत

भिवानी के गांव पुर में युवक की हत्या करने के मामले में बवानीखेड़ा थाना पुलिस ने 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसमें शराब ठेकेदार व सेल्समैन शामिल है। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। मृतक गांव पुर निवासी करीब 34 वर्षीय अजीत ने घटना के करीब 13 दिन बाद अपनी बहन के यहां गया हुआ था। इसी दौरान उसकी तबीयत अधिक बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। मृतक पांच बहन-भाईयों में तीसरे नंबर का है। वह अविवाहित था और पशु पालक था। वह भेड़-बकरियों पालता था। भिवानी के गांव पुर निवासी धीरा ने बवानीखेड़ा थाना पुलिस को शिकायत दी। जिसमें बताया कि उसका भाई अजीत व रविन्द्र उर्फ बिन्द्र दोनों 19 अक्टूबर की शाम 8 बजे के करीब गांव पुर के ठेके पर शराब लेने गए थे। जब अजीत ने शराब मांगी तब शराब ठेकेदार लीलू व सेल्समैन अजय ने जातिसूचक गाली देते हुए कहा कि पीछे हो जाओ पहले दूसरों को शराब लेने दो। इस पर अजीत ने कहा हम भी पैसे देंगे। यह बात सुनते ही दोनों ने ठेके से बाहर आकर अजीत और रविन्द्र को पीटना शुरू कर दिया। रविन्द्र जान बचाकर वहां से भागा, लेकिन अजीत को दोनों ने पकड़कर काफी चोटें मारी। अगले दिन करवाया भर्ती धीरा ने कहा कि वहां पर पड़ोस का शीलू भी शराब लेने गया हुआ था। जिसने सब अपनी आंखों से देखा। रात होने के कारण वे अजीत को अस्पताल ना ले जा सके। सुबह 9 बजे लगभग अजीत को बवानीखेड़ा के अस्पताल में लेकर गए। इसके बाद 23 अक्टूबर को अजीत किरावड़ भट्ठे पर ले गए, क्योंकि उसकी हालत ज्यादा खराब थी। 31 अक्टूबर को उसकी बहन शीला के घर तोशाम मे जागरण किया हुआ था। उसकी बहन अजीत को अपने साथ ले गई, ताकि उसका कुछ मन हलका हो, लेकिन रात को फिर अजीत की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे तोशाम के निजी अस्पताल में लेकर गए। डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। अजीत की मौत लीलू और अजय द्वारा 19 अक्टूबर को मारी गई चोटों के कारण हुई है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शिकायत के आधार पर बवानीखेड़ा थाना पुलिस ने सेल्समैन व शराब ठेकेदार के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। बवानीखेड़ा थाना प्रभारी ओम प्रकाश ने बताया कि मामले की सूचना मिलते हुए जांच में जुटे हुए हैं।

Scroll to Top