Haryana: फसल की रखवाली के लिए खेत में गया था किसान, कुत्तों ने बोल दिया हमला, हुई मौत
अपनी फसल की रखवाली के लिए खेत में गए किसान पर कुत्तों ने हमला बोल दिया जिससे किसान की मौत हो गई।
अपनी फसल की रखवाली के लिए खेत में गए किसान पर कुत्तों ने हमला बोल दिया जिससे किसान की मौत हो गई।
बहादुरगढ़ में फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के उद्देश्य से आज एसडीएम नसीब कुमार की अध्यक्षता में उपमंडल स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में पराली प्रबंधन को लेकर विभिन्न विभागों की तैयारियों और जागरूकता अभियानों की समीक्षा की गई। बैठक में उपमंडल कृषि अधिकारी सुनील कौशिक ने बताया कि पराली जलाने की रोकथाम के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। प्रत्येक गांव में ग्राम सचिवों और कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही गांवों और स्कूलों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। किसानों को दिए जा रहे 1200 रुपए प्रति एकड़ उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की स्कीम के तहत किसानों को 1200 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है ताकि किसान फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाने के लिए प्रेरित हों। एसडीएम नसीब कुमार ने पंचायत एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव स्तर पर मुनादी करवाकर किसानों और आमजन को फसल अवशेष न जलाने के प्रति जागरूक किया जाए। SDM बोले-पराली जलाने वालों पर कार्रवाई करें एसडीएम ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में पराली जलाने की घटना सामने आती है तो तुरंत पुलिस विभाग को सूचित कर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार जुर्माना एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाए। एसडीएम ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि इस कार्य को प्राथमिकता से लें और संबंधित थाना प्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें। बैठक में एसडीओ सुनील कौशिक, नरेश कुमार (राजस्व विभाग), सोनू (एईई, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), डॉ. महावीर मलिक, डॉ. कविता (विषय विशेषज्ञ, शस्य), राजीव पाल चावला (सहायक कृषि अभियंता, झज्जर), सुनील कुमार (तकनीकी सहायक), राकेश राणा (खंड कृषि अधिकारी), कार्तिक कौशिक (ग्राम सचिव) तथा नरेश कुमार (इंस्पेक्टर, सदर थाना) आदि मौजूद थे।
सोनीपत के गांव चिटाना के पास देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो किसानों की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई।
हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 52 पर गांव सरसौद के पास सड़क की जर्जर हालत के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हरियाणा के गन्ना किसानों को सैनी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है।
हरियाणा-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पहरा देकर भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार देर रात धान से भरे 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां व ट्रक पकड़े।
गांव झगड़ौली में अज्ञात कारणों के चलते आग लगने से किसान द्वारा एकत्रित की गई करीब 700 मन बाजरे की पुलियां जलकर राख हो गई।
करनाल के घरौंडा की नई अनाज मंडी में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराकर रह गई हैं। शुक्रवार को दोपहर बाद मंडी प्रशासन ने अचानक दो दिन तक खरीद बंद करने का फैसला लिया, जिससे मंडी में अफरा-तफरी मच गई। किसानों को न तो गेट पास कटवाने का मौका मिला और न ही ट्रॉली निकालने का रास्ता। शाम को गेट पास बंद होने से किसानों ने हंगामा कर दिया और सर्विस रोड पर जाम लग गया। मंडी से लेकर रेलवे रोड और रेलवे स्टेशन तक ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाया। किसानों की फंसी ट्रॉलियां, मंडी में मचा हंगामा शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे मार्किट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश ने घोषणा की कि मंडी को 18 और 19 अक्तूबर के लिए बंद किया जा रहा है। इन दो दिनों में केवल लिफ्टिंग का कार्य होगा। जैसे ही आसपास के गांवों में यह खबर पहुंची, तो किसान तुरंत अपनी ट्रॉलियों के साथ मंडी पहुंचने लगे। थोड़ी ही देर में मंडी में सैकड़ों ट्रॉलियां लग गईं और सर्विस रोड से लेकर रेलवे रोड तक जाम की स्थिति बन गई। जाम इतना भारी था कि सामान्य वाहनों की आवाजाही तक रुक गई। किसानों का कहना था कि मंडी प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना के गेट पास बंद कर दिए। कई किसान सुबह से मंडी के बाहर लाइन में लगे थे, ताकि फसल बेचने का मौका मिल सके। लेकिन जैसे ही उन्हें बताया गया कि अब खरीद बंद है, उन्होंने नाराजगी जताते हुए वहीं धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों का आरोप-मंडी प्रबंधन फेल, सुनवाई करने वाला कोई नहीं किसान जोगिंद्र राणा, बिजेंद्र सिंह, राजेश कुमार, विकास कुमार, विवेक, सुंदर और अन्य ने कहा कि मंडी की स्थिति हर दिन बिगड़ती जा रही है। मंडी प्रबंधन पूरी तरह फेल साबित हो चुका है। यहां न तो लिफ्टिंग ठीक से हो रही है और न खरीद की व्यवस्था। गेट पास कटवाने के लिए किसान सुबह से इंतजार कर रहे थे लेकिन अचानक प्रक्रिया रोक दी गई। किसानों का कहना है कि अगर दो दिन तक उनकी फसल मंडी तक नहीं पहुंची तो खेत में खड़ी धान खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडी में पहुंची फसल में भी भारी कट लगाए जा रहे हैं, और वह भी मॉश्चर के नाम पर। किसानों का आरोप है कि अधिकारी और नेता किसी की सुनवाई नहीं कर रहे। जब हालात बिगड़ते हैं, तो कोई नजर नहीं आता, लेकिन जब व्यवस्थाएं ठीक होती हैं तो सभी फोटो खिंचवाने पहुंच जाते हैं। किसानों ने कहा कि हम घंटों से जाम में फंसे हैं, भूखे-प्यासे बैठे हैं, और अब हमें वापिस लौटने को कहा जा रहा है। आखिर हम जाएं तो जाएं कहां? पुलिस ने पहुंचकर जाम खुलवाया, दी चेतावनी जाम की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी दीपक कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझाया और सर्विस रोड पर जमी ट्रॉलियों को हटवाकर यातायात सुचारू करवाया। दीपक कुमार ने बताया कि मंडी में खरीद दो दिन तक बंद रहेगी, केवल लिफ्टिंग होगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे व्यवस्था बहाल होने के बाद ही मंडी पहुंचे। मंडी सचिव बोले – मंडी चॉक हो गई थी, अब सिर्फ लिफ्टिंग होगी मार्किट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि मंडी में लिफ्टिंग न होने से स्थिति चॉक हो गई थी, इसलिए दो दिन तक खरीद बंद रखी गई है। उन्होंने कहा कि इसकी सूचना दोपहर को ही जारी कर दी गई थी ताकि किसान अनावश्यक परेशानी से बचें। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे 20 अक्तूबर से पहले मंडी में न आएं और प्रशासन को व्यवस्था बहाल करने का समय दें। किसानों की नाराजगी बरकरार हालांकि प्रशासन की अपील के बावजूद किसान नाराज हैं। उनका कहना है कि यदि पहले से सूचना दी जाती तो वे फसल लेकर मंडी न आते। अब ट्रॉलियां जाम में फंसी हैं और घर लौटना भी मुश्किल है। किसानों का कहना है कि प्रशासन की यह लापरवाही उनकी मेहनत पर पानी फेर रही है।
धान उठान को लेकर भाकियू अध्यक्ष गुरनाम चढूनी द्वारा जिला सचिवालय परिसर में डीसी कार्यालय के समक्ष दिए गए धरने पर थप्पड़ कांड से अफरा-तफरी मच गई।
हरियाणा के नारनौल में किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रहा। जिसके कारण किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि रबी की फसल की बुआई का समय आ गया है, मगर डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। ऐसे में वे बुआई कैसे करेंगे। वहीं खाद नहीं मिलने से गुस्साए लोगों ने आज अटेली में प्रदर्शन भी किया। डीएपी खाद की भारी किल्लत को लेकर आज शनिवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने अटेली की सहकारी समिति के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी नाराजगी जाहिर की। किसानों का कहना है कि वे सुबह चार बजे से लाइन में लगे हुए थे, लेकिन जब वितरण का समय आया तो कर्मचारियों ने साफ़ कह दिया कि डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। कर्मचारी बोले स्टॉक नहीं इससे किसानों में आक्रोश फैल गया। किसान प्रकाश, सोमदत्त, ज्ञानी, होशियार आदि का कहना था कि “हम सुबह से बैठे हैं, उम्मीद थी कि आज खाद मिल जाएगी। लेकिन जब कर्मचारी आए तो बोले स्टाक नहीं चढ़ा, मशीन में खाद नहीं दिखा रहा है। किसानों ने मंडी गेट का ताला लगा दिया तब उच्च अधिकारियों ने स्टाक को चढ़वा कर खाद वितरित शुरू करवा दिया। समझाने का भी किया गया प्रयास इससे पहले किसानों को समझाने का प्रयास किया और अस्थायी राहत के रूप में निजी विक्रेताओं से खाद दिलाने के लिए कूपन बांटे। लेकिन किसानों का आरोप है कि जिन दुकानों के कूपन दिए गए हैं, वहां डीएपी खाद उपलब्ध ही नहीं है। इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि बिजाई का समय निकला जा रहा है और अगर दो-तीन दिन में खाद नहीं मिली तो फसल की बुवाई पर असर पड़ेगा। ये बोले अधिकारी क्यूसीआई संजय यादव ने बताया कि जिला में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। किसानों को एनपीके का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे किसान को पैदावार भी अधिक मिलेगी।