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गुरुग्राम में एक्स गर्लफ्रेंड पर फायरिंग; UP से खरीदी पिस्तौल:शादी से इंकार करने से नाराज था ब्वॉयफ्रेंड, एक सप्ताह तक पीछा किया

हरियाणा के गुरुग्राम में चार दिन पहले एक्स गर्लफ्रेंड को गोली मारने के मामले में नया खुलासा हुआ है। आरोपी विपिन जौनपुर जिले से अपने पड़ोस के गांव में रहने वाले व्यक्ति से 13 हजार रुपए में पिस्तौल खरीदकर लाया था। ब्रेकअप के बाद एकतरफा प्यार में पागल आरोपी विपिन (31 वर्ष) ने शिवांगी को मारने की नीयत से एक सप्ताह तक पीछा भी किया। पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ है कि पिस्तोल लाने के बाद भी वह पहले शिवांगी को शादी के लिए मनाना चाहता था, लेकिन हर बार शिवांगी के इंकार करने पर उसने उसे मारने की प्लानिंग कर डाली। विपिन वारदात को अंजाम देने के लिए एक सप्ताह से शिवांगी को लगातार कॉल कर मिलने के लिए बुला रहा था, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया। इससे गुस्साए विपिन ने सुबह 9 बजे से ही शिवांगी की बिल्डिंग के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर इंतजार करना शुरू कर दिया। ऑफिस जाने के लिए कमरे से निकलने पर पकड़ा सुबह करीब 10 बजे डूंडाहेड़ा इलाके में किराए के मकान में रहने वाली शिवांगी अपनी बिल्डिंग से बाहर निकल रही थी। तभी विपिन उसका हाथ पकड़कर अंदर लेकर जाने लगा, लेकिन शिवांगी ने मना कर दिया और वह हाथ छुड़ाकर भागने लगी। इससे गुस्साए विपिन ने फायरिंग कर दी, संयोग से निशाना चूक गया और गोली शिवांगी के कंधे पर लगी। हालांकि शिवांगी की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। दोनों में पहले दोस्ती, प्यार और ब्रेकअप पुलिस जांच में सामने आया कि विपिन और शिवांगी की मुलाकात पहले दोस्ती के रूप में हुई थी। जो बाद में प्रेम संबंध में बदल गई। हालांकि शिवांगी ने रिश्ता तोड़ दिया, जिसे विपिन बर्दाश्त नहीं कर पाया। वह शिवांगी को कमरे में ले जाकर हत्या करना चाहता था, लेकिन जब शिवांगी ने दरवाजा लॉक कर दिया तो उसने फायर कर दिया। पिस्तोल बेचने वाला सप्लायर अरेस्ट पुलिस ने विपिन को 13 हजार रुपए में पिस्तोल बेचने वाले व्यक्ति कैलाश नाथ (50 वर्ष) को उसके गांव गौराखुर्द, जिला जौनपुर (उत्तर-प्रदेश) को भी गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि विपिन एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से उसके पास पहुंचा था और पेमेंट लेने के बाद पिस्तोल उसे सौंप दी थी। अब पुलिस जांच कर रही है कि विपिन पिस्तोल को कैसे गुरुग्राम लेकर पहुंचा। कैलाश से अवैध हथियारों की सप्लाई चेन के बारे में पूछताछ भी की गई है। फिलहाल उसे जेल भेज दिया गया है। आरोपी ने कबूला, शादी से इंकार किया पुलिस पूछताछ में विपिन ने कबूल किया कि वह शिवांगी को कमरे में ले जाकर हत्या करना चाहता था, लेकिन लॉक लगाकर बाहर जाते देख फायर कर दिया।

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पलवल मार्केट कमेटी दफ्तर पर किसानों का प्रदर्शन:धान की खरीद और भुगतान न होने से नाराजगी, बोले- होगा बड़ा संघर्ष

पलवल जिले में धान की खरीद और भुगतान न होने से नाराज किसानों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय पर धरना दिया और सचिव को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की अध्यक्षता किसान कुंज बिहारी नंबरदार मांदकौल ने की, जबकि संचालन किसान सभा के जिला प्रधान रूप राम तेवतिया ने किया। किसानों ने सरकार पर धान खरीद में देरी और भुगतान न करने का आरोप लगाया। किसान मोर्चा के नेताओं मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, धर्मचंद घुघेरा, ताराचंद पूर्व प्रधान, सोहनपाल चौहान, समय राम कुंडू और राहुल कौशिक ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 22 सितंबर से धान खरीद की घोषणा की थी। हालांकि, पलवल की मंडियों में 8 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक बड़ी मात्रा में धान पड़ा हुआ है, जिसका अभी तक उठान और भुगतान नहीं हुआ है। अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों से 289 रुपए प्रति क्विंटल की रिकवरी की जा रही है, जिसे उन्होंने अन्यायपूर्ण बताया। संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन से 28 अक्टूबर तक सभी किसानों का धान खरीदने और बकाया भुगतान करने की मांग की है। मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 29 अक्टूबर से मार्केट कमेटी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे होने वाली किसी भी परेशानी के लिए सरकार और जिला प्रशासन जिम्मेदार होंगे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने वालों में किसान गोकुलचंद नंबरदार, दीनदयाल धतीर, जगत सिंह भुर्जा, करतार सिंह चिरवाड़ी, अजय जनौली और बलदेव जनौली सहित कई अन्य किसान भी शामिल थे।

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हरियाणा में बाजरा खरीद में धांधली:5 अधिकारियों पर होगी FIR, दूसरे राज्य से धान की अवैध एंट्री पर भी सरकार सख्त

हरियाणा में बाजरा और धान की खरीद प्रक्रिया में हो रही धांधली को लेकर सरकार ने अब सख्त रवैया अपना लिया है।

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Haryana: पानीपत में सीआईए प्रभारी संदीप लाइन हाजिर, विवादित जमीन खरीद और धमकी मामले में विभागीय जांच शुरू

पानीपत के क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) के प्रभारी संदीप को विभागीय जांच के दायरे में लाइन हाजिर कर दिया गया है।

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MSP पर नहीं हो रही धान की खरीद- चढूनी:भाकियू अध्यक्ष ने सीएम और पीएम को लिखा पत्र, बोले- यूपी से आ रही जीरी

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन चढूनी (BKU) ने धान खरीद में लूट और MSP न मिलने का आरोप लगाकर सीएम नायब सैनी, PM मोदी और खरीद एजेंसी के अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसे लेकर चढूनी संगठन ने तत्काल मीटिंग करके कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर तगड़ा एक्शन लेने की चेतावनी दी। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कागजों पर तो धान MSP पर खरीदा जा रहा है, लेकिन हकीकत में किसानों को 300 रुपए प्रति क्विंटल तक कम मिल रहे हैं। खरीद एजेंसियां मंडियों से गायब हैं और पूरी खरीद राइस मिलरों के हवाले कर दी गई है। यूपी से आ रहा धान चढूनी ने कहा कि यूपी से ट्रकों में धान की तस्करी हो रही है। धान सीधे राइस मिलों में उतरता है। पकड़े जाने पर इसे व्यापारिक बताकर फर्जी कागजात दिखा दिए जाते हैं और पकड़ा नहीं गया तो इसे सरकारी धान में मिलाकर बेच दिया जाता है। किसान संगठनों ने यूपी के धान के कई ट्रक पकड़े हैं। गेट पास में फर्जीवाड़ा चढूनी ने आरोप लगाया कि अनाज मंडी में गेट पास को लेकर भी फर्जीवाड़ा चल रहा है। पहले मंडी में मार्केट कमेटी के कर्मचारी गेट पास काटते थे, अब DFSC वाले पास काट रहे हैं। आरोप लगाया कि नदियों, कॉलोनियां और गन्ने की जमीन को धान की फसल दिखाकर पोर्टल पर दर्ज किया गया है। सड़काें पर उतरने की चेतावनी चढूनी ने चेतावनी दी कि अगर घोटाले पर तुरंत एक्शन नहीं लिया तो जल्द बैठक कर कोई फैसला लिया जाएगा। 25 अक्टूबर को जाट धर्मशाला में उनकी राज्यस्तरीय मीटिंग होगी। इस मामले को लेकर अधिकारियों से भी बैठक करना चाहते हैं। अगर सरकार कोई फैसला नहीं लेती तो मजबूरन किसान सड़कों पर उतरेंगे।

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Haryana: धनतेरस पर राज्य में 500 करोड़ की खरीदारी, 90 फीसदी ग्राहकों ने खरीदे स्वदेशी उत्पाद

सर्राफा बाजार में स्वदेशी की चमक और आत्मनिर्भर भारत की भावना दोनों नजर आईं। धनतेरस पर प्रदेशभर में करीब 500 करोड़ का सोने-चांदी का कारोबार हुआ।

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सिरसा टाइपिस्ट सुसाइड केस, खैरेकां में मिली आखिरी लोकेशन:मिठाई की दुकान पर रसगुल्ले खरीदे, बाइक पर जाते हुए सीसीटीवी में दिखा

सिरसा के गांव नेजाडेला कलां निवासी टाइपिस्ट सतबीर प्रजापत की संदिग्ध मौत का मामला अभी सुलझ नहीं पा रहा है। सतबीर की खैरेकां गांव में भी आखिरी लोकेशन पाई गई है। जहां से सतबीर ने मिठाई की दुकान पर रसगुल्ले खरीदे और बाइक पर जाते हुए सीसीटीवी में देखा गया है। इसके लिए शुक्रवार को पुलिस मौके का मुआयना करेगी और इसकी फुटेज खंगालेगी। पुलिस के अनुसार, उसी से पता चलेगा कि सतबीर खैरेकां में उस महिला से मिलने भी गया था या नहीं। अगर सतबीर उस महिला से मिला है तो पुलिस का शक बढ़ जाएगा। उसके बाद महिला को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जा सकता है। वहीं, महिला ने पुलिस को पूछताछ में सतबीर से उस दिन मिलने की बात से इन्कार कर दिया था। जानकारी के अनुसार, मृतक सतबीर दो मोबाइल रखता था। उसका एक मोबाइल तो नहर से मिल गया है, लेकिन दूसरा मोबाइल नहीं मिला है। यहीं मोबाइल राज खोलेगा कि सतबीर ने अंतिम बार किस-किससे बात की और फोन में कॉल रिकॉर्डिंग होने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस ने उस मोबाइल को खुलवाने के लिए भेज दिया है। दोनों महिलाओं ने सतबीर से कबूली रिलेशनशिप की बात इस मामले में पुलिस ने दोनों महिलाओं को पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाया था। दोनों ही महिलाओं ने सतबीर से रिलेशनशिप की बात कबूली की है। शहर निवासी एक महिला बोली कि उसने सतबीर से मंदिर में शादी रचाई थी और मांग भी भरी थी। मगर पिछले एक माह से उसका कोई संपर्क नहीं था। दूसरी गांव निवासी महिला बोली कि उसका दो साल से सतबीर से संपर्क था और फोन पर बात होती थी। घटना वाले दिन भी उसकी फोन पर बात हुई थी। इन प्वाइंट पर पुलिस का शक अब पुलिस का शक इन प्वाइंट पर है कि सतबीर ने बाजार से खेत में स्प्रे के लिए कीटनाशक दवा खरीदी थी, वो भी नहीं मिली है। उसका दूसरा मोबाइल भी नहीं मिला है। सतबीर ने कौन सा जहरीला पदार्थ निगला है। घटनास्थल पर उसके शव पर भी कोई चोट के निशान नहीं मिले थे। अब विसरा जांच रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि उसने क्या पिया है।

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भिवानी में बाजरे की खरीद शुरू नहीं, किसानों में असंतोष:कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष ने गांवों का दौरा किया; राज्य सरकार को घेरा

भिवानी कांग्रेस ग्रामीण जिला अध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने बुधवार को तोशाम क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को सुना। किसानों में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण भारी असंतोष है। चौधरी ने सरकार से जल्द से जल्द बाजरे की खरीद शुरू करने की मांग की। उन्होंने तोशाम, जुई और बाढड़ा अनाज मंडियों का भी दौरा किया। अपने दौरे के दौरान, अनिरुद्ध चौधरी ने मौजूदा सरकार को किसान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। चौधरी ने डीएपी की कमी, खाद-बीज पर जीएसटी और अन्य किसान संबंधित मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की। किसानों ने अपनी परेशानी बताई किसानों ने अनिरुद्ध चौधरी के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने ट्रैक्टरों, खाद, बीज सहित तमाम कृषि उपकरणों और वस्तुओं पर भारी-भरकम टैक्स लगाए हैं। किसानों ने हर मुश्किल का सामना किया, लेकिन अब जब उनकी मेहनत की फसल (बाजरा) मंडियों में आई है, तो सरकार उसे खरीदने को तैयार नहीं है। किसानों ने इसे सरकार का दोहरा रवैया बताया। इस अवसर पर अनिरुद्ध चौधरी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो जनप्रतिनिधि पहले सरकार में अपनी मजबूत पकड़ का दावा करते थे, वे आज किसानों की बाजरे की खरीद शुरू करवाने में असमर्थ हैं। चौधरी ने किसानों द्वारा दोनों सांसदों की निष्क्रियता पर व्यक्त की गई गहरी निराशा का भी उल्लेख किया।

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उचाना मंडी में संगठनों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू:पीआर धान खरीद में धांधली के आरोप, अतिरिक्त मिलर नियुक्ति की मांग

जींद जिले के उचाना की नई अतिरिक्त अनाज मंडी में पीआर धान की खरीद न होने से नाराज किसान संगठनों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा उचाना धरना कमेटी के आजाद पालवां ने धरने का नेतृत्व किया है। किसानों के साथ धोखाधड़ी बताया पालवां ने आरोप लगाया कि सरकार भले ही धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने का दावा कर रही है, लेकिन उचाना मंडी में पीआर धान 1900 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है, जबकि सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी 2389 रुपए है। उन्होंने इसे किसानों के साथ धोखाधड़ी बताया। दूसरी मंडियों में जा रही धान की फसल मंडी पूर्व प्रधान बलराज ने कहा कि यहां पर रेट कम होने के कारण यहां आने वाली पर धान दूसरी मंडियों में चली गई। जब पूरी धान दूसरी मंडी में चली जाएगी, तो यहां मंडी में बैठे आढ़ती कैसे काम चलाएंगे। यहां पर पूरे दाम पर धान खरीदी जाए और अतिरिक्त मिलरों को भी यहां पर नियुक्त किया जाए, क्योंकि अभी उचाना की अनाज मंडी में दो ही मिलर हैं। मिलर आने से किसानों किसानों को धान के पूरे रेट मिलेंगे। पूरी कीमत पर भुगतान की मांग किसानों की मांग है कि मंडी में पहले से बेची 15 हजार क्विंटल धान के लिए किसानों को एमएसपी के अनुसार पूरी कीमत का भुगतान किया जाए। साथ ही भविष्य में होने वाली धान की खरीद 2389 रुपए प्रति क्विंटल के निर्धारित एमएसपी पर ही की जाए। पालवां ने मुख्यमंत्री के चुनाव के समय किए गए 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने के वादे को भी पूरा करने की मांग की। एक गुप्त समझौते का भी आरोप आजाद पालवां ने मंडी एसोसिएशन और मिलरों के बीच एक गुप्त समझौते का भी आरोप लगाया, जिसके तहत धान 2270 रुपए में खरीदी जानी थी, लेकिन यह भी नहीं हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि धान के खरीद मूल्य में आए 300 से 400 रुपए के अंतर की विजिलेंस जांच करवाई जाए, ताकि यह पता चल सके कि यह पैसा किसकी जेब में गया है। मार्केट कमेटी सचिव ने आरोप बताए निराधार मार्केट कमेटी सचिव ने कहा कि साफ, सुथरी व सुखी धान जो सरकारी गुणवत्ता को पूरी करती है, उसको एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। संगठनों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह निराधार हैं ।17 प्रतिशत नमी की धान मंडी में आते ही खरीदी जा रही है।

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बहादुरगढ़ में किसान संगठनों ने किया प्रदर्शन:बाजरे की खरीद एमएसपी न करने पर रोष, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बहादुरगढ़ में ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (AIKKMS) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने आज रोहतक रोड पर सरकार की बाजरे की एमएसपी पर खरीद न करने की नीति के खिलाफ जोरदार रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भावांतर भरपाई योजना रद्द करो, दाना दाना खरीदो, 2775 रुपए प्रति क्विंटल दो जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान संगठन के प्रदेश कमेटी सचिव जयकरण मांडौठी ने कहा कि सरकार की एजेंसियों ने बाजरा खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं। किसानों को अब अपनी फसल 2775 रुपए प्रति क्विंटल के बजाय केवल 1850-1900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से व्यापारियों को बेचना पड़ रहा है। सरकारी खरीद न होने की वजह से उन्हें गेटपास और जे-फार्म नहीं मिल रहे, और भावांतर भरपाई के 575 रुपए प्रति क्विंटल के पैसे भी नहीं मिलेंगे। किसानों को 800-900 रुपए का नुकसान हो रहा इससे किसानों को हर क्विंटल पर लगभग 800-900 रुपए का नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल अधिक वर्षा और खेतों में जलभराव के कारण फसल बर्बाद हो गई या उत्पादन घटकर लगभग 4 क्विंटल प्रति एकड़ रह गया है, जबकि पिछले साल औसत उत्पादन 8 क्विंटल प्रति एकड़ था। उन्होंने कहा कि बाजरे का रंग सफेद नहीं है, बल्कि काला, लेकिन इसका दोष किसान का नहीं है। नाजायज शर्तों को हटाकर 2775 रुपए पर खरीद की जाए जिला कमेटी के सदस्य रामकिशन और सतबीर सिंह बल्हारा ने सरकार से मांग की कि बाजरे की खरीद पर लगाई गई नाजायज शर्तों को हटाकर 2775 रुपए एमएसपी पर खरीद तुरंत शुरू की जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके। जिला कमेटी सदस्य लालजी और संदीप ने चेतावनी दी कि अगर सरकार अपने वायदे के तहत बाजरा नहीं खरीदेगी, तो संगठन बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए मजबूर होगा। इस विरोध प्रदर्शन में सोनू, मुकेश, राजेंद्र, प्रवीणकुमार, कमल, अमिताभ, विनोद, दलेल सहित कई अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए।

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