Haryana Crime: जमीनी विवाद में पिता-पुत्र की हत्या, पुलिस ने दो बहुओं को किया गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल
पिता-पुत्र की हत्या के मामले में पुलिस ने परिवार की दो बहुओं को गिरफ्तार किया है।
पिता-पुत्र की हत्या के मामले में पुलिस ने परिवार की दो बहुओं को गिरफ्तार किया है।
सुभाष चौक के पास कस्टोडियन की जमीन पर बनी 17 दुकानों को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया।
हत्या के मामले में कोर्ट ने पित्रा-पुत्र को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
हरियाणा के नूंह जिला के इंडरी खंड के गांव खेड़ली दौसा के सरपंच को एक भूमाफिया द्वारा जान से मारने की धमकी और पुलिस को झूठी शिकायत देने का मामला सामने आया है। सरपंच का आरोप है भू माफिया ने उनकी पंचायत की जमीन पर कब्ज़ा कर लिया, जिसका मामला अदालत में विचाराधीन है। सरपंच का आरोप है कि इससे पहले भी भूमाफिया इनके गांव के आसपास करीब 50 एकड़ भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर चुके है। पचास कनाल एक मरला भूमि की अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने नाम कराया सरपंच अंतराम खटाना ने बताया कि खेड़ली दौसा में भूमाफिया का बोलबाला हो गया। गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल के नजदीक रहने वाले कुलदीप पुत्र कैलाश चंद ने जबरदस्ती पंचायत जमीन पर कब्जा कर लिया है। उनके खिलाफ शिकायत देने पर भूमाफिया द्वारा सरपंच सहित ग्राम वासियों को जान से मारने की धमकी दी है । सरपंच ने बताया कि खेड़ली दोसा गांव की पचास कनाल एक मरला भूमि अधिकारियों के साथ मिलकर उसको खुर्द करने का काम भूमाफिया ने किया है। केस को वापिस लेने के लिए बना रहे दबाव सरपंच ने बताया कि यह मामला कमिश्नर की अदालत में विचाराधीन चल रही है और इसका सिविल कोर्ट नूंह में भी केस विचाराधीन है। लेकिन इस बीच उक्त भूमाफिया ने गलत और गैर कानूनी तरीके से पंचायत के उपरोक्त रकबे को फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लिया है और जबरन अवैध तरीके से निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा अब शिकायत देने के कारण भूमाफिया लगातार परेशान कर रहे हैं। सरपंच का आरोप है कि मेरे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने में कोई कसर नहीं डाल रहे। मुझे हर तरह से परेशान कर रहे हैं और केस को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर जान से मारने की भी धमकी दी है। इस मामले को लेकर सरपंच अंतराम खटाना ने एक लिखित शिकायत एसपी नूंह को भी दी। वहीं इस मामले में पुलिस कप्तान राजेश कुमार ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
सोनीपत में एक व्यक्ति से जमीन बेचने के नाम पर लाखों रुपए हड़पने और बाद में जान से मारने की धमकी देने का गंभीर मामला सामने आया है। पंचायत मेंबर ने जब तहसीलदार और पटवारी से जांच करवाई तो खुलासा हुआ कि साजिश रचकर झूठा इकरारनामा तैयार किया। आरोप लगाया कि रकम ठगने के बाद धमकी दी कि यदि उसने कार्रवाई की तो उसे गैंगस्टर गिरोह से मरवा दिया जाएगा। पुलिस ने जांच के बाद चारों आरोपियों पर धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। ग्राम पंचायत सदस्य के साथ ठगी का मामला गांव खिजरपुर अहीर के रहने वाले शमशेर सिंह ने बताया कि वह साल 2016 से 2021 तक सीएम विंडो इमिनेंट प्रश्न समिति में सदस्य रहा है और वर्तमान में ग्राम पंचायत खिजरपुर अहीर में मेम्बर के रूप में कार्यरत है। उसने बताया कि आरोपी बीरसिंह यादव ने उससे संपर्क कर अपनी पत्नी शकुंनतला की बतौर मालिक बताई गई भूमि बेचने का प्रस्ताव दिया। 43.50 लाख रुपए में हुआ सौदा, ब्याना भी दिया शमशेर सिंह के अनुसार 30 मार्च 2024 को आरोपी बीरसिंह ने खेवट नंबर 173 और 174 की करीब 10 कनाल 5 मरले जमीन बेचने की बात तय की। दोनों पक्षों में 43 लाख 50 हजार रुपए में सौदा हुआ और शमशेर सिंह ने मौके पर ही 50 हजार रुपए ब्याना के रूप में दे दिए। इसके बदले आरोपी ने रसीद और इकरारनामा तैयार किया तथा 2 अप्रैल 2024 तक रजिस्ट्री की तिथि तय की गई। आरोपी ने रजिस्ट्री से पहले बदल दी बात पीड़ित ने बताया कि आरोपी बीरसिंह रकम लेकर रजिस्ट्री करने से बचता रहा। बाद में उसने यह कहकर नया बहाना बना दिया कि उक्त भूमि का मुख्तयारआम उसकी पत्नी शकुन्तला ने अपने बेटे नरेश को बना रखा है, इसलिए वही रजिस्ट्री करेगा। कई बार अनुरोध करने के बावजूद आरोपी ने न तो रजिस्ट्री कराई और न ही रकम लौटाई। शमशेर सिंह ने बताया कि 28 मार्च 2025 को जब उसने उत्सव ढाबा जीटी रोड गन्नौर पर आरोपी बीरसिंह और उसके बेटों से बात की, तो उन्होंने धमकी दी कि यदि उसने दोबारा रजिस्ट्री की बात की तो उसे बदमाशों से उठवा लिया जाएगा। पहले समझौता, फिर दोबारा धोखाधड़ी शमशेर सिंह ने यह मामला 10 जून 2025 को एसीपी गन्नौर को शिकायत के रूप में दिया था, जिसके बाद थाने में जांच चली। इस दौरान आरोपीगण ने राजीनामा कर लिया और 28 जून 2025 को एक नया इकरारनामा नोटरी पब्लिक के समक्ष तैयार करवाया। इसमें 12 लाख 50 हजार रुपए की रकम गवाहों के सामने दी गई और 15 अक्टूबर 2025 को रजिस्ट्री की तिथि तय की गई। पटवारी जांच में हुआ बड़ा खुलासा पीड़ित ने जब तहसीलदार और हल्का पटवारी से रिकॉर्ड की जांच कराई तो यह सामने आया कि शकुन्तला ने उक्त भूमि पहले ही 11 जनवरी 2010 को अपने बेटे कुशल कुमार के नाम कर दी थी। इस दस्तावेज को जानबूझकर कई सालों तक छिपाए रखा गया और बाद में 14 जुलाई 2025 को इंतकाल दर्ज कराया गया। इससे स्पष्ट हुआ कि आरोपीगण ने जानबूझकर फर्जी सौदा कर पीड़ित को धोखा दिया। फर्जी दस्तावेज बनाकर की साजिश शमशेर सिंह के अनुसार आरोपियों ने पहली शिकायत से बचने और अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए नया झूठा इकरारनामा तैयार किया। जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने दोबारा जान से मारने की धमकी दी और कहा कि वे उसे किसी बदमाश से गोली मरवा देंगे। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा पुलिस उपायुक्त (पूर्वी सोनीपत) के आदेश पर जांच के बाद गन्नौर थाना पुलिस ने आरोपी नरेश, शकुन्तला, बीरसिंह और जितेंद्र के खिलाफ मुकदमा नंबर 429, दिनांक 28 अक्तूबर 2025 को दर्ज किया। मामला धारा 316(2), 318(4), 61(2) BNS के तहत दर्ज हुआ है। इसकी जांच एएसआई पवन को सौंपी गई है और एसआई रमेश की निगरानी में आगे की कार्रवाई की जा रही है। पीड़ित ने मांगी सुरक्षा और न्याय शिकायतकर्ता शमशेर सिंह ने कहा कि आरोपियों की धमकियों के कारण वह लगातार भय में जी रहा है। उसने पुलिस प्रशासन से अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है तथा निष्पक्ष जांच के माध्यम से दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की गुहार लगाई है।
पानीपत के क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) के प्रभारी संदीप को विभागीय जांच के दायरे में लाइन हाजिर कर दिया गया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल गुरुवार को रोहतक तहसील कार्यालय पहुंचकर अपनी एक जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले हैं।
पानीपत के सेक्टर 29 थाना क्षेत्र के सिवाह गांव में देर रात जमीनी विवाद को लेकर एक युवक पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी।
सोनीपत में घर में सो रहे बुजुर्ग के कमरे में तेल छिड़क कर आग लगाने का मामला सामने आया है और वही दरवाजा बंद करके आरोपी फरार हो गया। आरोप लगाया गया है कि पारिवारिक बंटवारे की पुरानी रंजिश चलते बुजुर्ग को जलाकर मारने की कोशिश की गई है। गंभीर रूप से जली हुई अवस्था में पाए गए पीड़ित को इलाज के लिए पहले गन्नौर के सरकारी अस्पताल और फिर सोनीपत के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने पीड़ित के लिखित बयान के आधार पर आरोपी छोटे भाई के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। वही आग से घर का सारा सामान जलकर खाक हो गया है और वही मौके पर FSL टीम ने पहुंचकर साक्ष्य जुटाएं हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दरवाजा बाहर से बंद, पड़ोसियों ने बचाई जान गन्नौर के गांधी नगर वार्ड नंबर 1 में रहने वाले राजेन्द्र सिंह ने बताया कि वह बाहर निकलने के लिए दरवाजे की ओर भागे तो पाया कि दरवाजे की कुंडी बाहर से लगी हुई थी। उन्होंने ज़ोर-ज़ोर से दरवाजा पीटकर बचाव के लिए आवाज लगाई। कुछ देर बाद पड़ोसी दीवार कूदकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने पानी डालकर आग बुझाई और दरवाजे की कुंडी खोलकर राजेन्द्र सिंह को बाहर निकाला। गंभीर रूप से झुलसे राजेन्द्र सिंह को तत्काल गन्नौर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। भाई पर हत्या के प्रयास का आरोप राजेन्द्र सिंह पहल ने अपने छोटे भाई हवासिंह पहल, निवासी सेक्टर 23 सोनीपत, पर जान से मारने की नीयत से आग लगाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जमीन के बंटवारे को लेकर दोनों भाइयों में लंबे समय से रंजिश चल रही है। पहले भी हवासिंह ने उनके साथ मारपीट की थी और घर में तोड़फोड़ की थी। उस समय दोनों का गन्नौर थाने में राजीनामा हुआ था, परंतु हवासिंह ने दुश्मनी नहीं छोड़ी। पुराने विवाद और धमकी के बाद बड़ा हादसा राजेन्द्र सिंह ने अपने बयान में बताया कि अप्रैल 2025 में भी हवासिंह ने उनके साथ झगड़ा किया था, जिसमें आत्मरक्षा के दौरान वह घायल हुआ और बाद में झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। कुछ दिन पहले हवासिंह फिर गन्नौर आया और राजेन्द्र सिंह को धमकी देकर गया था कि, “पहले तो तू बच गया था, अब की बार तुझे खत्म कर दूंगा।” राजेन्द्र का कहना है कि उसी रंजिश के चलते यह आगजनी की घटना रची गई, जिसमें उनकी जान बाल-बाल बची। मामला दर्ज, एफएसएल टीम मौके पर पुलिस के अनुसार, 13 अक्टूबर की रात सरकारी अस्पताल गन्नौर से सूचना प्राप्त हुई कि राजेन्द्र सिंह पहल झुलसी अवस्था में भर्ती हैं। सूचना पर SI रमेश पुलिस दल सहित मौके पर पहुंचे। घायल को बाद में निजी हॉस्पिटल सोनीपत रेफर किया गया। राजेन्द्र सिंह की लिखित शिकायत और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर धारा 109(1), 351(3), 333, 326(2) बीएनएस (BNS) के तहत थाना गन्नौर में दर्ज की गई।पुलिस ने बताया कि एफएसएल टीम को मौके पर भेजा गया है, ताकि आग लगने के वास्तविक कारण और ज्वलनशील पदार्थों के उपयोग की जांच की जा सके।
भास्कर न्यूज | अम्बाला कैंट में राय मार्केट स्थित बर्फखाना की बेशकीमती जमीन पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज के दखल के बाद नगर परिषद द्वारा लगाया गया चेतावनी बोर्ड शुक्रवार रात को फिर से गायब कर दिया गया। शनिवार सुबह लोगों को इसकी जानकारी मिली। अप्रैल में इस जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने के प्रयास शुरू किए थे। एक्साइज एरिया की इस जमीन पर सालों से रह रहे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। आरोपियों ने लोगों के घरों पर लगे बिजली के मीटर के साथ-साथ नगर परिषद का बोर्ड भी गायब करवा दिया था। जब इस मामले की शिकायत कैबिनेट मंत्री के दरबार में पहुंची तो उन्होंने इस मामले की शिकायत एसीएस से कर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद ही इस जमीन पर बिजली मीटर वापस लगवाए गए। नगर परिषद ने जुलाई में फिर से चेतावनी बोर्ड लगवा दिया था। इतना ही नहीं बिजली निगम ने एक वकील व अन्य के खिलाफ केस भी दर्ज करवा दिया है। अब फिर से इस जमीन पर गोपनीय तरीके से कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में अम्बाला कैंट के एसडीएम वीनेश कुमार से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।