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पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट मामले में सरकार जाएगी कोर्ट:सीएम मान बोले- केंद्र को यह अधिकार नहीं, हरियाणा के रास्ते भी एंट्री की कोशिश हुई

पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को भंग करने और उसमें पंजाब की भागीदारी समाप्त करने के मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि यह फैसला पंजाब और उसके हकों के विपरीत है। उन्होंने इसे गैरसंवैधानिक बताया है। साथ ही इस मामले में कोर्ट तक लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। पंजाब के साथ किसी की भी कीमत पर धक्केशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम ने 5.39 मिनट के वीडियो में छह बाते कहीं जो कि इस प्रकार है – केंद्र सरकार को इसे भंग करने का अधिकार नहीं सीएम ने कहा कि मेरे पास कागज है। उसके मुताबिक पंजाब पुनर्गठन एक्ट, 1966 के तहत जब सब-सेक्शन तीन लागू होता है। पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट 1947 के तहत यह एक्ट पास हुआ था। एक नवंबर 1966 को यह सीनेट व यूनिवर्सिटी के कामों का पूरा ब्यौरा, लेखा-जोखा व उसके चलाने के प्रबंधकीय कागज-पत्र तैयार हुए थे। जो एक्ट विधानसभा में बना हुआ था, उसे केंद्र सरकार किसी नोटिफिकेशन से भंग नहीं कर सकती या तो इसे विधानसभा संशोधन करे या फिर देश की संसद में लेकर जाए लेकिन दोनों तरीके अपनाए बिना एक नोटिफिकेशन जारी कर भाजपा ने अपना पंजाब-विरोधी चेहरा दिखाया है। पहले भी दो बार इस तरह की कोशिश की गई सीएम ने कहा कि इससे पहले भी भाजपा ने कोशिश की थी। दो बार मीटिंग हुई थी। पंजाब और हरियाणा के गवर्नर बैठते थे। मैं भी जाता था, हरियाणा के मुख्यमंत्री भी आते थे। अफसर और वीसी भी आते थे। इनकी मांग थी कि पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व अंबाला के सारे कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी के अधीन ले लो। जबकि हरियाणा ने खुद ही उस समय बाहर निकला था, जब उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी बनाई थी। मेरी तरफ से मैंने बिल्कुल मना कर दिया था, क्योंकि हमारे पास अपने ही 170 से अधिक कॉलेजों की मान्यता चंडीगढ़ से है। सीनेट में एंट्री के लिए बनाया यह रास्ता सीएम ने कहा कि यह कोई प्रॉब्लम नहीं थी कि हमारे कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी से जुड़े जाएंगे। इन्होंने उन कॉलेजों के बीच से सीनेट के सदस्य भेजकर उसमें एंट्री करनी थी, जिसका हमें पहले ही पता चल गया था। इसलिए हमने पहले ही मना कर दिया था और इन्होंने यह तरीका अपनाया।एक नवंबर पंजाब डे वाले दिन भाजपा ने पंजाबियों को यह “तोहफा” दिया है। मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि भाजपा पंजाब-विरोधी है। पंजाब के खिलाफ एक भी मौका नहीं छोड़ती। सुप्रीम कोर्ट तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे पंजाब के प्रति इनकी जो नफरत है, वह काफी पुरानी है। पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी लैगेसी है, हमारी विरासत है। इसे संभालने के लिए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े तो हम वहां तक जाएंगे। कानूनी माहिरों से राय ले रहे हैं। इस धक्केशाही को हम होने नहीं देंगे। जिस भी स्तर तक आवाज़ उठानी पड़ी, हम आवाज़ उठाएंगे। ताकि पंजाब यूनिवर्सिटी जिसका विरसा लाहौर था, फिर होशियार और फिर चंडीगढ़ आई इसकी रक्षा हो सके। खर्च हम करे, जिम्मेदारी यह लेंगे इस तरह के गैरसंवैधानिक नोटिफिकेशन जारी करके हमसे हमारी सीनेट या यूनिवर्सिटी के प्रबंध छीने नहीं जा सकते। अभी कुछ समय पहले ही लड़कियों के हॉस्टल के लिए हमने पैसे जारी किए हैं। पैसे जारी करने के लिए पंजाब सरकार है और चलाने की जिम्मेदारी भी वह खुद लेने की बात करती है। इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। जिस स्तर पर जाना पड़े, जाएंगे। हम पंजाब के हक़ जाने नहीं देंगे; हम पंजाब के हक़ लेकर रहेंगे। धक्केशाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे पहले बीबीएमबी और अब पंजाब यूनिवर्सिटी के नोटिस जारी कर इन्हें कब्जा नहीं लेने देंगे। पंजाब सरकार वचनबद्ध है कि पंजाब की प्रॉपर्टी, लैगेसी और विरासत को संभालने में पूरा योगदान देगी। भाजपा के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। हम पंजाब के साथ किसी भी तरह की धक्केशाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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नारनौल में बाजार के रोड निर्माण पर गरमाया मुद्दा:व्यापारी बोले अभी सीजन का समय चार माह नहीं हो निर्माण, चेयरपर्सन ने कहा, घबराएं नहीं

महेंद्रगढ़ के नारनौल में इन दिनों मुख्य बाजार में सड़क निर्माण का मुद्दा गरमाया हुआ है। मुख्य बाजार में सड़क बनाई जानी है, जिसको लेकर व्यापारियों में रोष है। व्यापारियों का कहना है कि इस सड़क का निर्माण अभी नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह मुख्य सीजन है। वहीं चेयरपर्सन का कहना है कि व्यापारियों की मांग पर सड़क का निर्माण अभी नहीं किया जाएगा। नारनौल शहर में महावीर चौक से किलारोड तक सड़क का निर्माण होना है। जिसके पहले फेज में किलारोड से पुल बाजार तक सड़क बना दी गई है। वहीं पुल बाजार से महावीर चौक तक सड़क का निर्माण होना शेष है। यह निर्माण कार्य करीब छह माह से रुका हुआ है। बारिश के सीजन के चलते इसको रोक दिया गया था, अब नप में इस बचे हुए हिस्से के निर्माण की चर्चा थी। जो करीब एक किलोमीटर के दायरे में आता है। चर्चा चलते ही विरोध शुरू नप में इसके निर्माण की चर्चा चलने के बाद से यहां के व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। व्यापारियों का कहना है कि इस सड़क का निर्माण अभी करना उचित नहीं है। क्योंकि शादियों का सीजन शुरू होने के कारण यहां पर अब दिसंबर तक काम रहेगा। वहीं जनवरी से फिर बाजार में काम शुरू हो जाएगा। पिछले खराब काम से व्यापारियों में डर व्यापारियों में इस सड़क के पुल बाजार से किलारोड तक हुए खराब काम से डर है। व्यापारियों का कहना है कि जब सड़क का यह हिस्सा बना तो इस एक से डेढ़ किलोमीटर के निर्माण में ही करीब तीन से चार माह लग गए थे। इस दौरान पूरा रोड तोड़ दिए जाने के कारण एक माह तक बाजार बंद भी रहा था। अभी नहीं हो निर्माण इस बारे में व्यापारी नरेश मित्तल ने बताया कि इस रोड का निर्माण अभी किए जाने के बारे में चर्चा चली हुई है। इससे व्यापारी डरे हुए हैं, क्योंकि अगर इसका निर्माण अब होता है तो व्यापार चौपट हो जाएगा। इसलिए इसका निर्माण मार्च अप्रैल में होना चाहिए। वहीं व्यापारी हरीश सैनी ने बताया कि नवंबर से फरवरी तक का ही व्यापारियों के लिए सीजन का समय होता है, क्योंकि इस दौरान ही शादी ब्याह होते हैं तथा लोग खरीददारी भी ज्यादा करते हैं। यदि इसी बीच सड़क का निर्माण होगा तो व्यापार ठप हो जाएगा। व्यापारियों को घबराने की नहीं जरूरत: चेयरपर्सन वहीं इस बारे में नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस रोड का निर्माण मार्च माह के बाद ही कराया जाना चाहिए। इसलिए व्यापारियों को घबराने की जरूरत नहीं है। रोड का निर्माण मार्च माह के बाद ही कराया जाएगा।

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भिवानी मनीषा मौत मामला: सीबीआई के सील किए खेत में किसान ने नहीं की बिजाई, पिता बोले- अधिकारी लौटे लेकिन…

मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआई टीम भले ही दिल्ली लौट चुकी है लेकिन जिस खेत में मनीषा का शव मिला था वह अब भी टेपिंग से सील कर सुरक्षित रखा गया है।

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मां के नहीं सूूख रहे आंसू: परिवार नहीं भेजना चाहता था विदेश, गांव मोहना के युवराज की अमेरिका में हुई थी हत्या

गांव मोहना निवासी 17 वर्षीय युवराज की अमेरिका में हत्या के बाद गुरुवार को गांव में उसकी अंतिम अरदास आयोजित की गई। पूरे गांव की आंखें नम थीं।

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गुरुग्राम में ₹67.69 लाख टैक्स बकाया, प्रॉपर्टी सील:कई बार नोटिस जारी होने के बाद भी नहीं किया भुगतान, नगर निगम ने की कार्रवाई

गुरुग्राम नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों के खिलाफ अभियान के तहत गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई की। गांव झाड़सा स्थित एक प्रॉपर्टी को सील कर दिया गया, जिस पर 67 लाख 69 हजार 116 रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था। यह कार्रवाई जोनल टैक्सेशन अधिकारी राजेश यादव के निर्देश पर टैक्स ब्रांच की टीम द्वारा की गई। राजेश यादव ने बताया कि प्रॉपर्टी मालिक को बकाया टैक्स जमा करने के लिए कई बार नोटिस भेजे गए थे, लेकिन बार-बार सूचना देने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद निगम को सीलिंग की कार्रवाई करनी पड़ी। नोटिस के बाद भी टैक्स जमा न करने पर होगी कुर्की निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि नगर निगम द्वारा टैक्स बकायेदारों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने जोर दिया कि नगर निगम की वित्तीय व्यवस्था को मजबूत करने और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए समय पर टैक्स जमा करना प्रत्येक प्रॉपर्टी मालिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग बार-बार नोटिस के बावजूद टैक्स का भुगतान नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध सीलिंग, कुर्की और रिकवरी जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगमायुक्त दहिया ने सभी प्रॉपर्टी मालिकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना बकाया टैक्स जमा करें, जिससे निगम को स्वच्छ, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर गुरुग्राम बनाने में सहयोग मिलेगा।

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Haryana: हिसार में महिलाओं का शराब ठेके के खिलाफ धरना, कहा- ठेका हटे बिना नहीं उठेंगे

हिसार के बालसमंद क्षेत्र के गांव खारिया और डोभी के चौराहे पर खोले गए नए शराब ठेके के खिलाफ महिलाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

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रेवाड़ी में स्कूल बस ने बिजली खंभे में मारी टक्कर:40 बच्चे सवार थे, किसी को गंभीर चोट नहीं; 7 घंटे बिजली गुल, भरा हर्जाना

रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। नंदरामपुर बास रोड पर बच्चों से भरी एक निजी स्कूल बस चालक की लापरवाही के कारण बिजली के खंभे और पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि खंभा टूट गया और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि बस में सवार सभी बच्चे सुरक्षित बच गए, लेकिन हादसे के चलते धारूहेड़ा क्षेत्र में कई घंटों तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। घटना सुबह करीब साढ़े सात बजे की है, जब स्कूल बस बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। अचानक चालक का नियंत्रण बस से हट गया और वह हाई वोल्टेज बिजली के खंभे व पेड़ से जा टकराई। बस में करीब 40 बच्चे सवार थे, जिनमें चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन हादसे ने अभिभावकों में भय का माहौल पैदा कर दिया। सूचना मिलते ही धारूहेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार, टूटे खंभे के कारण धारूहेड़ा क्षेत्र में करीब सात घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इससे कई सरकारी दफ्तरों और निजी प्रतिष्ठानों में कामकाज प्रभावित हुआ। बिजली निगम के एसडीओ ने बताया कि हादसे में करीब 20 से 21 हजार रुपए का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई स्कूल प्रबंधन ने कर दी है। चूंकि बच्चे सुरक्षित हैं और नुकसान की भरपाई हो चुकी है, इसलिए कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया।

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नूंह में पाइपलाइन के विवाद में व्यक्ति की हत्या:झगड़े के 3 दिन बाद 14 लोगों पर FIR,मृतक के पिता की हालत गंभीर

हरियाणा के नूंह जिले के पुन्हाना सदर थाना क्षेत्र के गांव लुहिंगाकलां में पानी की पाइपलाइन तोड़ने को लेकर हुआ विवाद ने अब खूनी रूप ले चुका है। बीते 25 अक्टूबर को हुई मारपीट में गंभीर रूप से घायल युवक जाहुल पुत्र लियाकत (38) की इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई साबिर पुत्र सुबराती की शिकायत पर 3 दिन बाद 14 लोगों के खिलाफ हत्या सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इस झगड़े में मृतक के पिता की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। जिसका इलाज नलहड़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। आरोपियों ने तोड़ी पाइपलाइन शिकायतकर्ता साबिर के अनुसार, 25 अक्टूबर की सुबह वह अपने भाई सिराज और पिता सुबराती के साथ खेत में पाइपलाइन से पानी चला रहे थे। इसी दौरान आरोपी अरबाज पुत्र असरफ ट्रैक्टर लेकर आया और जानबूझकर पाइपलाइन तोड़ दी। विरोध करने पर अरबाज ने धमकी दी और अपने परिजनों को बुला लिया। देखते ही देखते गांव के असरफ, आजाद, आफताब, जन्ना, पप्पू, मुस्ताक, मजीद, परवेज, आइसा, नासरा, खतीजा, मुनफीदा और अलसीना मौके पर पहुंच गए। सभी आरोपी लाठी, डंडे, फरसा, लोहे की रॉड और हथौड़ों से लैस थे। लोहे की रॉड और हथौड़े से किया हमला उक्त लोगों ने साबिर, सिराज, सुबराती और जाहुल पर हमला कर दिया। आरोप है कि जाहुल को जमीन पर पटककर सिर और चेहरे पर लोहे की रॉड व हथौड़े से वार किए गए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब आरोपी उन्हें अधमरा छोड़कर फरार हो गए। घायलों को मांडीखेड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां से जाहुल को गुरुग्राम और फिर दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। युवक की हत्या के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने 3 दिन बाद किया केस दर्ज मृतक के चाचा ने बताया कि उन्होंने 26 अक्टूबर को पुन्हाना थाना में शिकायत दे दी थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की,जब जाहुल की मौत हो गई तो पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हालांकि सभी आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है। मृतक के परिजनों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।

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नूंह में भू-माफिया ने दी सरपंच को मारने की धमकी:अधिकारियों से मिलीभगत कर भूमाफिया ने पंचायत जमीन पर किया कब्जा,SP को दी शिकायत

हरियाणा के नूंह जिला के इंडरी खंड के गांव खेड़ली दौसा के सरपंच को एक भूमाफिया द्वारा जान से मारने की धमकी और पुलिस को झूठी शिकायत देने का मामला सामने आया है। सरपंच का आरोप है भू माफिया ने उनकी पंचायत की जमीन पर कब्ज़ा कर लिया, जिसका मामला अदालत में विचाराधीन है। सरपंच का आरोप है कि इससे पहले भी भूमाफिया इनके गांव के आसपास करीब 50 एकड़ भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर चुके है। पचास कनाल एक मरला भूमि की अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने नाम कराया सरपंच अंतराम खटाना ने बताया कि खेड़ली दौसा में भूमाफिया का बोलबाला हो गया। गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल के नजदीक रहने वाले कुलदीप पुत्र कैलाश चंद ने जबरदस्ती पंचायत जमीन पर कब्जा कर लिया है। उनके खिलाफ शिकायत देने पर भूमाफिया द्वारा सरपंच सहित ग्राम वासियों को जान से मारने की धमकी दी है । सरपंच ने बताया कि खेड़ली दोसा गांव की पचास कनाल एक मरला भूमि अधिकारियों के साथ मिलकर उसको खुर्द करने का काम भूमाफिया ने किया है। केस को वापिस लेने के लिए बना रहे दबाव सरपंच ने बताया कि यह मामला कमिश्नर की अदालत में विचाराधीन चल रही है और इसका सिविल कोर्ट नूंह में भी केस विचाराधीन है। लेकिन इस बीच उक्त भूमाफिया ने गलत और गैर कानूनी तरीके से पंचायत के उपरोक्त रकबे को फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लिया है और जबरन अवैध तरीके से निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा अब शिकायत देने के कारण भूमाफिया लगातार परेशान कर रहे हैं। सरपंच का आरोप है कि मेरे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने में कोई कसर नहीं डाल रहे। मुझे हर तरह से परेशान कर रहे हैं और केस को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर जान से मारने की भी धमकी दी है। इस मामले को लेकर सरपंच अंतराम खटाना ने एक लिखित शिकायत एसपी नूंह को भी दी। वहीं इस मामले में पुलिस कप्तान राजेश कुमार ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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